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Daily-current-affairs / 20 Dec 2023

संसदीय सुरक्षा: 13 दिसंबर की घटना और संसदीय सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता - डेली न्यूज़ एनालिसिस

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तारीख Date : 21/12/2023

प्रासंगिकता: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3-आंतरिक सुरक्षा

कीवर्ड्स: 2001 में संसद पर आतंकवादी हमला, सुरक्षा उल्लंघन, RFID, कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्स-रे (CTX) मशीनें

संदर्भ:

  • हाल ही में 13 दिसंबर, 2023 को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की सुरक्षा का उल्लंघन करते हुए वहाँ अनधिकृत प्रवेश किया। यह घटना संसद की निरंतर सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक संदर्भों और संभावित सुरक्षा उपायों की व्यापक समझ को महत्वपूर्ण बनाती है।
  • विशेषज्ञ इस उल्लंघन की गंभीरता और संसद भवन के आसपास की सुरक्षा के बुनियादी ढांचे के लिए उपर्युक्त घटना के प्रभावों का अवलोकन कर रहें हैं।


संसद के आगंतुकों से संबंधित नियमः

  • लोकसभा में प्रक्रिया और कामकाज के संचालन का नियम 386 सदन की कार्यवाही के दौरान आगंतुकों के "प्रवेश और निकास " को नियंत्रित करता है। इन्हें सदन की कार्यवाही के दौरान बोलचाल की भाषा में "आगंतुक " कहा जाता है।
  • नियम 387 के तहत, अध्यक्ष के पास उचित समझे जाने पर आगंतुकों कों सदन के किसी भी हिस्से से निष्कासित करने का अधिकार है।
  • अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत नियम 387A, सचिवालय के अधिकारी को सदस्यों के लिए निर्दिष्ट सदन परिसर के भीतर किसी भी अजनबी को निष्कासित करने या हिरासत में लेने की शक्ति प्रदान करता है। इसमें ऐसे अजनबियों को शामिल किया गया है जो कदाचार का प्रदर्शन करते हैं, अध्यक्ष द्वारा उल्लिखित नियमों का उल्लंघन करते हैं या सदन की बैठकों के दौरान निर्देश की उपेक्षा करते हैं।
  • सदस्यों को विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए आगंतुक कार्ड का अनुरोध करने की अनुमति है जो व्यक्तिगत रूप से उनके परिचित हैं।
  • उनका प्रमाणीकरण अनिवार्य है, जिसमें घोषणा की गई है, कि "उपर्युक्त आगंतुक को मैं व्यक्तिगत रूप से एक रिश्तेदार/व्यक्तिगत मित्र के रूप में जानता हूं और मैं उसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।"
  • आगंतुकों की दर्शक दीर्घाओं में प्रवेश देने वाले कार्ड आमतौर पर एक ही बैठक के लिए जारी किए जाते हैं, जो सामान्यतः एक घंटे के समय के लिए होते हैं।
  • सुरक्षा कारणों से आगंतुकों को दिए गए प्रमाणीकरण के साथ फोटो पहचान पत्र लाना आवश्यक है।
  • ऐसे ही समानांतर नियम राज्यसभा में आगंतुकों के प्रवेश के लिए अनिवार्य हैं।
  • व्यक्तिगत रूप से परिचित किसी सदस्य के माध्यम से अन्य व्यक्तियों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करते समय संसद सदस्यों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
  • कार्डधारकों के कारण दर्शक दीर्घाओं में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना या अवांछनीय गतिविधियों के लिए संसद सदस्य जिम्मेदार होंगे।

13 दिसंबर, 2001 की घटना से समानता:

  • इस हालिया सुरक्षा उल्लंघन ने 13 दिसंबर, 2001 की दुखद घटनाओं के साथ अस्थिर समानताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। 13 दिसंबर, 2001 को आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था, जिसमें नौ सुरक्षा कर्मियों की जान चली गई थी।
  • उसी तारीख को होने वाला वर्तमान उल्लंघन 2001 के बाद लागू किए गए सुरक्षा उपायों की प्रभावकारिता के विषय में चिंता पैदा करता है। इससे संसद की सुरक्षा व्यवस्था और वहाँ की सुरक्षा के लिए नियोजित प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित होता है।

उल्लंघन की वजह :

  • संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न चरणों के तहत स्पाइक बैरियर, बोलार्ड, ड्रॉप गेट, स्कैनर, RFID उपकरण और केंद्रीय पुलिस बलों के कर्मी शामिल होते हैं। केंद्रीय पुलिस बलों के पुरुषों और महिलाओं का एक समूह बाहरी परिसर में तैनात होता है, जबकि संसदीय ड्यूटी समूह के व्यक्ति और दिल्ली पुलिस के कर्मी आंतरिक परिवेश में विभिन्न स्टेशनों और चौकियों पर तैनात होते हैं। इन उपायों के बावजूद, आगंतुकों के लिए व्यक्तिगत स्क्रीनिंग की विभिन्न प्रक्रियाओं में सुरक्षा उल्लंघन हुआ।
  • विशेषज्ञ, स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं में जूतों में छुपाए गए प्लास्टिक या रबर का पता लगाने की विफलताओं की पहचान करते हैं। यह एक ऐसा पहलू है जो पारंपरिक मेटल डिटेक्टरों द्वारा कवर नहीं किया जाता है। सुरक्षाकर्मियों की निगरानी की कमी और घुसपैठियों को पकड़ने में मार्शलों की विफलता ने सुरक्षा उल्लंघन को संभव बनाया।

सुरक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिकाः

  • सुरक्षा उपायों को मजबूत करने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया जाता है। इस संदर्भ में विशेष रूप से प्लास्टिक जैसे पदार्थों का पता लगाने में सक्षम बैकस्कैटर स्कैनर जैसी उन्नत स्क्रीनिंग तकनीकों की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है।
  • नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक द्वारा हाल ही में एक घोषणा की गई थी कि दिल्ली हवाई अड्डे पर अधिक गहन एवं तेज़ स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने के लिए फुल बॉडी स्कैनर और कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्स-रे (CTX) मशीनें लगाई जाएंगी।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में मिलीमीटर-वेव स्कैनर का उपयोग किया जा रहा है। ऐसी अंतरराष्ट्रीय प्रथाएं संसद भवन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।

दोषारोपण और उत्तरदायित्वः

  • संयुक्त सचिव, सुरक्षा और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रमुखों जैसे प्रमुख पदधारियों पर संसद की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी हेतु सवाल उठाया गया है। इन पदों के रिक्त होने से गृह मंत्रालय (MHA) की ओर ध्यान आकर्षित होता है क्योंकि यह संसद की सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए प्राथमिक इकाई के रूप में काम करता है।
  • इस बात को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं कि क्या सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए गृह मंत्रालय और संसद के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए गृह मंत्रालय ने सक्रिय रूप से नई तकनीक के एकीकरण की सिफारिश की है।
  • प्रमुख मुद्दा गृह मंत्रालय और संसद की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक निकायों के बीच समन्वय की कमी है। गृह मंत्रालय को उन्नत प्रौद्योगिकी उन्नयन की सलाह देने और लागू करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए थी। अधिकार क्षेत्र और नेतृत्व की भूमिकाओं के बारे में चल रही राजनीतिक बहस सुरक्षा प्रक्रियाओं की विफलता की मूलभूत समस्या से ध्यान हटाती है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षाः

  • सुरक्षा उल्लंघन के लिए राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की आलोचना की जाती है, जो अधिकार क्षेत्र की बहसों में शामिल होने के बजाय सुरक्षा विफलता के महत्व पर बल देते है।
  • संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थों पर बल दिया जाता है कि विशेष रूप से यदि प्रधानमंत्री उल्लंघन के दौरान मौजूद थे तो विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
  • उल्लंघन की गंभीरता को स्वीकार करते हुए संसद में गृह मंत्री द्वारा बयान न देना और उच्च स्तरीय जांच की घोषणा विशेष रूप से प्रधानमंत्री के लिए संभावित खतरे को देखते हुए एक चिंता का विषय है। सार्थक चर्चा में शामिल होने से पहले विपक्ष को जांच के परिणामों की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
  • सुरक्षा उल्लंघन करने वाले आगंतुकों के लिए पास की सिफारिश करने वाले सांसद को दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि सांसदों ने आगंतुकों की व्यापक पृष्ठभूमि की जांच के बिना आगंतुकों की सिफारिश की थी । व्यक्तिगत दोष के बजाय सुरक्षा चूक को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

कानूनी निहितार्थ और आगे की जांचः

  • सुरक्षा उल्लंघन में शामिल व्यक्तियों ने भले ही किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया हो, लेकिन यह घटना संसद की सुरक्षा में कमजोरियों को उजागर करती है।
  • गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपों को स्वीकार करते हुए एक निष्पक्ष जांच का आह्वान किया जाता है, जिसमें एक अच्छी तरह से संरक्षित स्थान में अनधिकृत प्रवेश के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता पर बल दिया जाता है।

व्यापक बदलावों का आह्वानः

  • सुरक्षा मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए कैबिनेट सचिवालय में सुरक्षा सचिव की देखरेख में विभिन्न दलों के सांसदों की एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।
  • इस समिति को सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए सुरक्षा क्षेत्र के अंदर और बाहर दोनों के विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए।
  • संसद की रक्षा करने वाले विभिन्न सुरक्षा बलों के बीच समन्वय में सुधार किया जाना चाहिए। संभवतः एक महानिदेशक के नेतृत्व में जवाबदेही और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही सांसदों को बढ़ी हुई सुरक्षा व्यवस्थाओं में सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए।

निष्कर्ष

    सुरक्षा खतरों की विकसित प्रकृति के लिए सुरक्षा के बुनियादी ढांचे की निरंतर निगरानी और उन्नयन की आवश्यकता होती है। 13 दिसंबर की घटना एक स्पष्ट अनुस्मारक के रूप में कार्य करती हैं कि सबसे मजबूत सुरक्षा व्यवस्था का भी उल्लंघन किया जा सकता है। यह विश्लेषण सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और राष्ट्र के लोकतंत्र की पवित्रता की रक्षा के लिए गृह मंत्रालय और संसद के बीच एक सहयोगी और सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न-

  1. 13 दिसंबर को संसद भवन में सुरक्षा उल्लंघन ने मौजूदा स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं, विशेष रूप से छिपी हुई सामग्रियों का पता लगाने में खामियों को कैसे उजागर किया और इन कमियों को दूर करने के लिए किन उपायों की आवश्यकता है? (10 अंक, 150 शब्द)
  2. संसद पर 2001 के आतंकवादी हमले के साथ समानता को ध्यान में रखते हुए प्रमुख सुरक्षा कर्मियों के पदों की वर्तमान अनुपस्थिति से क्या विशिष्ट चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं? गृह मंत्रालय और संसद के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास सुरक्षा उपायों को मजबूत करने में कैसे योगदान दे सकता है? (15 अंक, 250 शब्द)

Source- The Hindu