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Daily-current-affairs / 26 Dec 2023

डिजिटल इंडिया की सुरक्षाः डेटा उल्लंघनों और साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान - डेली न्यूज़ एनालिसिस

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तारीख Date : 27/12/2023

Relevance: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र - 3, आंतरिक सुरक्षा, विज्ञान और प्रोद्योगिकी

Keywords: साइबर सुरक्षा, डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023, सीएजी, केवाईसी

संदर्भ:

अक्टूबर में, एक अमेरिकी कंपनी, रिसिक्योरिटी ने बताया कि डार्क वेब पर 815 मिलियन भारतीयों का संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा मौजूद है, इस खबर ने वैश्विक स्तर पर डाटा सुरक्षा को लेकर चिंता उत्पन्न कर दी है । चोरी किए गए इस डेटा में आधार संख्या, पासपोर्ट जानकारी और अन्य व्यक्तिगत पहचान योग्य विवरण शामिल थे, जो भारत में डिजिटल सुरक्षा के बारे में गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न करते है। इस तरह की डाटा चोरी की घटनाएं पहले भी हो चुकी है, जो देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे में कमजोरियों को इंगित करती है, ये सूचनाएं नागरिकों की गोपनीयता और वित्तीय सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है।


निरंतर बढ़ते संकट :

    कोविन वेबसाइट से डाटा लीक और एम्स पर रैंसमवेयर हमले जैसे डेटा उल्लंघन के मामले भारत में एक मजबूत साइबर सुरक्षा रणनीति की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद, देश में साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक दीर्घकालिक योजना का अभाव है, परिणामस्वरूप नागरिकों को व्यक्तिगत सूचना की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और अन्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का सामना करना पड़ता है।

आधार संबंधित समस्याएँ:

आधार पंजीकरण की अनिवार्यता के विरुद्ध उच्चतम न्यायायल के निर्णय के उपरांत भी , आधार को व्यापक रूप से अपनाने से डेटा उल्लंघन से जुड़े जोखिमों में वृद्धि हुई । एक समेकित साइबर सुरक्षा रणनीति को लागू करने में सरकार की विफलता के कारण प्रत्येक भारतीय नागरिक की संभावित डिजिटल डाटा चोरी के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा दिया है । आधार संख्या, नाम और अन्य संवेदनशील जानकारी का लीक होना न केवल व्यक्तिगत सूचनाओं की चोरी को बढ़ाता है, बल्कि वित्तीय हानि के । यह समस्या इन कमजोरियों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

सरकार की प्रतिक्रिया:

यद्यपि कुछ देशों में इस प्रकार से संकटों के निस्तारण की व्यवस्थित योजना है इसके विपरीत भारत में ऐसी समस्याओं के निस्तारण हेतु एक संरचित दृष्टिकोण की कमी है। प्रभावित नागरिकों के साथ स्पष्ट संचार का अभाव, जोखिमों को कम करने के लिए जागरूकता की कमी आदि नागरिकों को डाटा चोरी के प्रति संवेदनशील बनाता है । दीर्घकालिक साइबर सुरक्षा रणनीति को लागू करने में सरकार की निष्क्रियता ने समस्या को और बढ़ा दिया है।

सरकारी एजेंसियों या निजी संस्थाओं की विभिन्न रिपोर्टों से डेटा उल्लंघनों की व्यापक जानकारी प्राप्त होती है। चूंकि भारत आधार के माध्यम से डिजिटल तकनीक में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने का दावा करता है, इसके बावजूद ब्रुकिंग्स, मूडीज और कैग जैसे संस्थानों ने विनियमन, पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के बारे में व्यापक चिंता व्यक्त की गई है।

डिजिटल परिवर्तन के लिए वैश्विक दृष्टिकोण

डिजिटल परिवर्तन के लिए भारत का वैश्विक दृष्टिकोण डिजिटल पहुंच, सेवा वितरण और समावेश को बढ़ावा देने वाली पहलों के माध्यम से समाज के सभी पहलुओं पर व्यापक प्रभाव डालता है। यह परिवर्तन स्थायी और किफायती प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर में प्रसारित हो रहा है ।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर, भारत ने सभी देशों के लिए समान पहुंच पर जोर देते हुए जी-20 के भीतर एक शासन संबंधी ढांचे और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की वकालत की है। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" (वसुधैव कुटुम्बकम) के व्यापक विषय के एक हिस्से के रूप में डेटा के महत्व को रेखांकित किया है।

डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023

डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023 (DIA) की शुरूआत भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल परिदृश्य के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल तब विशेष रूप से उल्लेखनीय हो जाती है जब भारत अपने डिजिटल परिवर्तन में तेजी से वृद्धि प्रदर्शित कर रहा है । इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने महत्वाकांक्षी 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। डिजिटल इंडिया अधिनियम देश के डिजिटल क्षेत्र में चल रहे विकास के लिए एक दूरदर्शी नियामक ढांचे की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है।

उद्देश्यः

  • देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए विकसित हो रहे तकनीकी रुझानों के अनुरूप नियमों को स्थापित करना।
  • ऑनलाइन अपराधों के लिए त्वरित निर्णय प्रदान करना, समय पर उपचार सुनिश्चित करना, विवादों का समाधान करना और इंटरनेट से संबन्धित नियम को बनाना।
  • अनुपालन के लिए व्यापक सिद्धांतों को प्राथमिकता देना।

प्रमुख घटक:

  • ओपन इंटरनेटः पसंद, प्रतिस्पर्धा, ऑनलाइन विविधता, निष्पक्ष बाजार पहुंच और स्टार्टअप के अनुकूल अनुपालन ।
  • ऑनलाइन सुरक्षा और विश्वासः साइबर खतरे के प्रति सुरक्षा, डिजिटल अधिकारों और सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का समाधान ।
  • जवाबदेह इंटरनेटः कानूनी तंत्र, साइबरस्पेस में संवैधानिक अधिकारों, एल्गोरिदमिक पारदर्शिता और डेटा प्रकटीकरण मानदंडों के माध्यम से जवाबदेहिता ।

मुख्य विशेषताएं

  • गतिशील इंटरनेट विकास के अनुकूल, पुराने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में बदलाव ।
  • ऑनलाइन सुरक्षा, विश्वास, जवाबदेही, खुले इंटरनेट और एआई और ब्लॉकचेन का विनियमन।
  • संबंधित कानूनों के साथ सहयोग के साथ पहचानने योग्य उपकरणों के लिए अनिवार्य KYC।
  • 2026 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल इंडिया लक्ष्यों को रेखांकित करता है।

भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव

  1. स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिः
    भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के परिवर्तन के पीछे डिजिटल प्रौद्योगिकी एक प्रेरक शक्ति रही है। दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम का सफल निष्पादन प्रौद्योगिकी दक्षता का प्रमाण है। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अधिनियम जैसी पहलों ने स्वास्थ्य सेवा वितरण को काफी मजबूत किया है। टेलीमेडिसिन, एआई-सक्षम चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा अभिलेखों को अपनाने से भारत की स्वास्थ्य प्रणालियों का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन स्वास्थ्य सेवा के डिजिटलीकरण को आगे बढ़ाने वाली एक प्रमुख पहल है, यह प्रणाली को अधिक समग्र नागरिक-केंद्रित और सक्रिय बनाती है।
  2. पर्यटन का डिजिटल परिवर्धनः
    डिजिटल क्रांति के कारण भारत के पर्यटन और यात्रा क्षेत्र में बडा परिवर्तन आया है। इंटरनेट के प्रयोग से लोगों को पर्यटक स्थलों का पता लगाने, योजना बनाने और अनुभव करने के तरीके को नवीन आकार देने में सहायता मिली है। ऑनलाइन बुकिंग, वर्चुअल टूर और यात्रा संबंधी योजना पर्यटन का अभिन्न अंग बन गए हैं। इंटरनेट, पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों और व्यवसायी दोनों के लिए एक अपरिहार्य उपकरण के रूप में विकसित हुआ है। इससे उद्योग के संचालन के तरीके में मौलिक रूप से बदलाव आया है।
  3. डिजिटल भुगतान से व्यवसायों में बदलाव:
    डिजिटल भुगतान ने भारत में व्यवसायों के संचालन के तरीके में एक बदलाव की शुरुआत की है। भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाना, परिचालन कार्य को कम करना और उत्पादकता में वृद्धि तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान परिदृश्य द्वारा लाए गए प्रमुख लाभ हैं। विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों ने परिवर्तनकारी बदलावों का अनुभव किया है, जिससे समय और धन दोनों की बचत हुई है। डिजिटल भुगतान विकल्पों की पेशकश करके, व्यवसाय अपनी मुख्य दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, एक बड़े बाजार में प्रवेश कर सकते हैं और नए ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं। डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपना कर भारत व्यावसायिक परिदृश्य को मौलिक रूप से नया आकार दे रहा है।

सुरक्षित डिजिटल भविष्य के लिए अनुशंसाएं:

बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार को निर्णायक कदम उठाने चाहिएः

  • साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा अनिवार्यता के रूप में प्राथमिकता दी जाए।
  • सुधारों का विश्लेषण और सिफारिश करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रतिभागियों के साथ एक सहयोगी साइबर सुरक्षा बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए।
  • सूचना चोरी की घटनाओं के प्रति प्रतिक्रिया नीतियों का बदलाव करते हुए, राज्य संचार नेटवर्क का आधुनिकीकरण करें।
  • लोगों को नीतियों के केंद्र में रखकर तत्काल और पारदर्शी संचार, सक्रिय सुरक्षा उपाय और साइबर घटनाओं के बाद सहायता सुनिश्चित की जाए ।

निष्कर्ष-

जैसा कि भारत वैश्विक मंच पर एक डिजिटल नेतृत्वकर्ता बनने की आकांक्षा रखता है, अतः संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा और मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना सर्वोपरि है। हाल के डेटा उल्लंघन के मामले सरकार के लिए तेजी से कार्य करने, व्यापक रणनीतियों को लागू करने और अपने नागरिकों को डिजिटल क्षेत्र में बढ़ते खतरों से बचाने के लिए सक्रिय संचार में शामिल होने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं। डिजिटल इंडिया लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा में वर्तमान कमियों को दूर करने के लिए एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

  1. साइबर सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों के संदर्भ में, संवेदनशील डिजिटल जानकारी की सुरक्षा के लिए एक व्यापक कानूनी बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा करें। मौजूदा रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करें और सरकारी एवं निजी क्षेत्र के सहयोग पर विचार करते हुए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के उपायों का प्रस्ताव दें। (10 marks, 150 words)
  2. भारत में स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और व्यवसाय जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर डिजिटल प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव की जांच करें। क्षेत्रीय विकास में विशिष्ट पहलों और उनके योगदान का चित्रण करें। व्यापक आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका का आकलन करें और देश के लिए एक लचीले डिजिटल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अनुशंसा प्रस्तावित करें । (15 marks, 250 words)

Source- Indian Express