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Blog / 31 Aug 2020

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (21st August - 28th August 2020)

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इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  1. भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी को लेकर फिर पनपा विवाद, चीन के साथ बांग्लादेश कर रहा है तीस्ता नदी परियोजना के व्यापक प्रबंधन के लिए ऋण सम्बन्धी बातचीत....भारत की बढ़ सकती है चिंता....
  2. मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट – III के लिए AIIB और भारत सरकार द्वारा 500 मिलियन अमेरिकी डालर के ऋण समझौते पर हुए हस्ताक्षर...परियोजना का उद्देश्य मुंबई में उपनगरीय रेलवे प्रणाली की सेवा गुणवत्ता, नेटवर्क क्षमता और सुरक्षा में सुधार करना...
  3. पर्यटन मंत्रलालय द्वारा आयोजित किया गया देखो अपना देश’ वेबिनार सीरीज का 50वां सत्र.... दिखाई गयी “हैदराबाद की सांस्कृतिक विरासत”...सत्र में हैदराबाद के कुछ प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों का उल्लेख किया गया..
  4. पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा जारी की गयी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम रिपोर्ट .... वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण में 20-30% तक कमी लाने का किया गया प्रस्ताव.....
  5. ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की 5 जी, एआई सहित क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए हुई वीडियो मीटिंग... विकास के लचीलेपन को बढ़ाने, औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए इन देशों की क्षमताओं को बढ़ाने के बारे में भी हुई चर्चा...
  6. नीति आयोग की और से जरी की गयी निर्यात तत्परता सूचकांक 2020 ....सूचकांक में गुजरात टॉप पर तो महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर...
  7. भारत के मल्टी वेवलेंथ दूरबीन ‘एस्ट्रोसैट’ ने आकाशगंगा से निकलने वाले तीव्र-पराबैगनी प्रकाश की खोज की... यह खोज भारत, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, अमेरिका, जापान और नीदरलैंड के खगोलविदों द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत की गयी...

खबरें विस्तार से:

1.

हाल ही में भारत की चीन के साथ लद्दाख में मुठभेड़ हुई है, और ऐसे समय में चीन द्वारा बांग्लादेश को भारी मात्रा में ऋण प्रदान करने संबधी वार्ताएं भारत के लिए चिंता का विषय है....

बांग्लादेश-चीन संबंधो का विकास

चीन बांग्लादेश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और आयात का सबसे बड़ा स्रोत है..हाल ही में, चीन द्वारा बांग्लादेश से होने वाले 97% सत्तानवे आयात शुल्क ‘शून्य’ घोषित किया गया है। बांग्लादेश के लिए यह छूट, चीन की अल्प विकसित देशों के लिए ‘आयात शुल्क मुक्त’, कोटा मुक्त कार्यक्रम के तहत दी जा रही है....चीन, बांग्लादेश में सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश है...

तीस्ता नदी के बारे में:

तीस्ता नदी भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है। ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में ‘जमुना’ के नाम से जाना जाता है...इसका उद्गम हिमालय में सिक्किम के निकट चुन्थांग (Chunthang) नामक स्थान से होता है, तथा यह बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले असम तथा पश्चिम बंगाल से होकर बहती है...तीस्ता बैराज बांध ऊपरी पद्मा तथा जमुना के मध्य मैदानों के लिए सिंचाई हेतु जल प्रदान करता है...

विवाद सुलझाने के प्रयास

तीस्ता नदी जल बटवारे को लेकर भारत-बंगलादेश के मध्य वर्ष 1983 तिरासी से वार्ता जारी है..दोनों देशों के मध्य वर्ष 2011 में 15 वर्षो के लिए एक अंतरिम समझौता किया गया था, जिसके तहत तीस्ता नदी के पानी का 42.5 प्रतिशत भारत द्वारा तथा 37 सैतीस .5 प्रतिशत बांग्लादेश के द्वारा उपयोग किया जाना निर्धारित किया गया था..बंगाल ने इस समझौते का विरोध किया तथा इस पर हस्ताक्षर करने से माना कर दिया। इस प्रकार यह समझौता कभी लागू नहीं हो पाया...बांग्लादेश, भारत से गंगा जल संधि 1996 छियानवे की तर्ज पर तीस्ता जल के उचित और समान वितरण करने की माँग कर रहा है...इस संधि के अंतर्गत फरक्का बैराज के सतही पानी का दोनो देशों की सीमा के नजदीकी क्षेत्रों में उपयोग किये जाने संबधी समझौता किया गया है...

वर्ष 2015 में भारतीय प्रधान मंत्री की ढाका यात्रा से इस विवाद के सुलझने की उम्मीदें बढी थी, किंतु अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है...भारत में, राज्यों को सीमा-पार समझौतों पर महत्वपूर्ण अधिकार प्राप्त हैं, जिससे नीति निर्धारण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है...पश्चिम बंगाल, तीस्ता समझौते के प्रमुख हितधारकों में से एक है और इसके द्वारा इस समझौते पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किये गए है...

तीस्ता नदी का महत्व:

बांग्लादेश के लिए: बांग्लादेश के कुल फसली क्षेत्र का लगभग 14% तीस्ता नदी के अपवाह क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसकी लगभग 73% तिहत्तर आबादी को प्रत्यक्ष रूप से आजीविका के अवसर प्रदान करता है...पश्चिम बंगाल के लिए: तीस्ता नदी को उत्तरी बंगाल की जीवन रेखा माना जाता है तथा पश्चिम बंगाल के लगभग आधा दर्जन जिले तीस्ता नदी के पानी पर निर्भर हैं…..

2.

भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार, मुंबई रेलवे विकास निगम और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) ने मुंबई में उपनगरीय रेलवे प्रणाली की नेटवर्क क्षमता, सेवा गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार के लिए 500 मिलियन डॉलर की मुंबई शहरी परिवहन परियोजना- III के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) एक बहुपक्षीय विकास बैंक है। यह एशिया और उसके बाहर के सामाजिक और आर्थिक परिणामों में सुधार के लिये एक मिशन के रूप में कार्य करता है….इसका मुख्यालय बीजिंग में है…AIIB ने जनवरी 2016 में कार्य करना शुरू किया और वर्तमान में इसके 103 अनुमोदित सदस्य हैं…

एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक एक खुली और समावेशी बहुपक्षीय वित्तीय संस्था है…‘अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक‘ (International Bank for Reconstruction and Development -IBRD) अथवा एशियाई विकास बैंक के सदस्यों को AIIB की सदस्यता प्रदान की जाती है…अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों (Multilateral Development Bank- MDB) के विपरीत, AIIB गैर-संप्रभु संस्थाओं को- जिनके मूल देश IBRD अथवा ADB के सदस्य हैं, सदस्यता के लिए अवसर प्रदान करता है।

AIIB परियोजनाओं की तैयारी के लिए जून 2016 में विशेष फंड का गठन किया गया था, यह एक बहु-दाता सुविधा है...इसका मुख्य उद्देश्य पात्र एआईआईबी सदस्यों, विशेष रूप से अल्प-आय वाले सदस्य देशों को बुनियादी ढांचा परियोजनाएं तैयार करने में वित्तीय सहायता प्रदान करना है...इस विशेष निधि के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को तैयार करने के लिए तकनीकी सहायता अनुदान प्रदान किया जाता है। इन अनुदानों से, सहायता-प्राप्त देश परियोजना निर्माण के लिए आवश्यक विशेषज्ञों और सलाहकारों को नियुक्त कर सकते हैं।

एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के विभिन्न अंग:

बोर्ड ऑफ गवर्नर्स: गवर्नर्स बोर्ड में प्रत्येक सदस्य देश द्वारा नियुक्त एक गवर्नर तथा एक वैकल्पिक गवर्नर होते हैं।

निदेशक मंडल: बैंक के सामान्य संचालन के लिए गैर-निवासी निदेशक मंडल (Non-resident Board of Directors) जिम्मेदार होता है, इस निदेशक मंडल को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा सभी शक्तियां प्रदान की जाती है। इनके कार्यों में बैंक की रणनीति बनाना, वार्षिक योजना और बजट को मंजूरी देना, नीति-निर्माण; बैंक संचालन से संबंधित निर्णय लेना; और बैंक के प्रबंधन और संचालन की देखरेख और एक निगरानी तंत्र स्थापित करना आदि सम्मिलित है…

अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार पैनल: AIIB द्वारा बैंक की रणनीतियों तथा नीतियों के साथ-साथ सामान्य परिचालन मुद्दों पर बैंक के अध्यक्ष और शीर्ष प्रबंधन की सहायता हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार पैनल (International Advisory Panel- IAP) का गठन किया गया है।

एआईआईबी का महत्व: संयुक्त राष्ट्र द्वारा एआईआईबी की शुरुआत को वैश्विक आर्थिक प्रशासन के संबंध में ‘सतत विकास हेतु वित्तपोषण में वृद्धि’ की क्षमता के रूप में संबोधित किया गया है। बैंक की कुल पूंजी $ 100 बिलियन है, जो एशियाई विकास बैंक की पूंजी के 2 /3 के बराबर है तथा विश्व बैंक की लगभग आधी पूंजी के बराबर है….

3.

पर्यटन मंत्रालय के द्वारा ‘देखो अपना देश’ वेबिनार सीरीज के 50वें सत्र में “हैदराबाद की सांस्कृतिक विरासत” (Cultural heritage of Hyderabad) का आयोजन किया गया...

‘देखो अपना देश’ सीरीज क्या है?

‘देखो अपना देश’ वेबिनार सीरीज का आयोजन पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूकता पैदा करने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है – इसमें उन पर्यटन स्थलों के बारे में बताया जाता है जो अपेक्षाकृत कम चर्चित हैं, तथा लोगों को उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है....इसके तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी प्रोत्साहित किया जाता है...

एक नज़र-

हैदराबाद “मोतियों के शहर” और “निजाम के शहर” के रूप में लोकप्रिय है तथा कुतुबशाही राजवंश द्वारा स्थापना के बाद से एक जीवंत ऐतिहासिक विरासत का केन्द्र रहा है..मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने गोलकुंडा किले से आगे राजधानी के विस्तार के लिए 1591 इक्यानवे में हैदराबाद की स्थापना की थी...साल 1687 सत्तासी में शहर पर मुगलों का कब्जा हो गया....1724 में मुगल शासक निजाम आसफ जाह-1 ने अपनी सम्प्रभुता का ऐलान किया और आसफ जाही राजवंश की स्थापना की, जिसे निजाम के नाम से भी जाना जाता है...

हैदराबाद 1769 से 1948 अड़तालीस के बीच आसफ जाही की शाही राजधानी रहा..वर्ष 1947 सैंतालिस में भारत के आजाद होने से पहले तक हैदराबाद रियासत की राजधानी के रूप में शहर में ब्रिटिश रेजिडेंसी और कैंटोनमेंट भी था...

इस सत्र में हैदराबाद के कुछ प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों का उल्लेख किया गया है...

गोलकुंडा किला, हैदराबाद जो 13 वीं शताब्दी में काकतीय राजवंश द्वारा निर्मित

चौमहला पैलेस: एक समय आसफजही वंश की गद्दी रहा चौमहला पैलेस का निर्माण हैदराबाद में किया गया था और यह प्रसिद्ध स्मारक चारमीनार और लाड बाजार के पास स्थित था।

चारमीनार: जब कुली कुतुब शाह ने गोलकुंडा की जगह हैदराबाद को अपनी राजधानी बनाया तो इस स्मारक का निर्माण किया गया।

मक्का मस्जिद: भारत की सबसे पुरानी और बड़ी मस्जिदों में से एक यह मस्जिद हैदराबाद के भव्य ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जिसका निर्माण 1693 तिरानवे में औरंगजेब ने पूरा कराया था।

वारंगल किला: यह किला कम से कम 12वीं सदी से अस्तित्व में है, जब यह काकतीय राजवंश की राजधानी हुआ करता था….

4.

हाल ही में, पर्यावरण और वन मंत्रालय (MoEF) द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme– NCAP) एक रिपोर्ट जारी की गयी है, जिसमे वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण में 20-30% तक कमी लाने का प्रस्ताव किया गया है.....राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal– NGT) द्वारा पर्यावरण और वन मंत्रालय की इस रिपोर्ट पर नाराजगी जताई गयी है।

हाल ही में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) को सूचित किया गया कि एक समिति ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत प्रदूषकों में 20-30% कमी को उचित बताया है...मंत्रालय के अनुसार, एक सीमा के आगे प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है..हालाँकि, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने पर्यावरण और वन मंत्रालय के इस जबाव को खारिज कर दिया और कहा कि यह अनुच्छेद 21 के तहत संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध है तथा इसके अलावा यह विधिक प्रावधानों के भी खिलाफ है।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा की गयी टिप्पणी:

‘स्वच्छ वायु के अधिकार’ को ‘जीवन के अधिकार’ के एक भाग के रूप में मान्यता दी गयी है, तथा वायु प्रदूषण की समस्या को हल करने में विफलता ‘जीवन के अधिकार’ का उल्लंघन है...‘संवहनीय विकास’ तथा ‘लोक विश्वास’ के सिद्धांतों को लागू करने तथा अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अंतर्गत अधिदेशों को प्रभावी बनाने के लिए कड़े उपाय किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए ‘पर्यावरणीय (संरक्षण) अधिनियम’, 1986 छियासी और अन्य क़ानून बनाये गए है।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत अधिदेश

NCAP के तहत, 10 वर्षों में सभी मानदंडों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमे पहले तीन सालों में प्रदूषण के भार में 35% की कमी की जायेगी तथा उसके बाद शेष प्रदूषण को समाप्त किया जायेगा...इसका तात्पर्य है, कि दस वर्षों तक प्रदूषण की समस्या बनी रहेगी, जोकि जीवन के अधिकार के तहत स्वच्छ वायु से वंचित रहने के लिए काफी लंबी अवधि है..

इसके अलावा, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस अवधि में किस प्रकार के प्रदूषकों को कम किया जाएगा..इसके अलावा, 2019 में, ‘नॉन एटेनमेंट सिटीज‘ (non-attainment’ cities) की संख्या 102 से 122 हो गई है....‘नॉन एटेनमेंट सिटीज’ उन शहरों को कहा जाता है, जो लगातार पाँच वर्ष तक PM10 अथवा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के लिये राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (National Ambient Air Quality Standards-NAAQS) को पूरा करने में विफल रहते हैं..

वायु प्रदूषण के निर्धारित स्तर के उल्लंघन के परिणामस्वरूप होने वाली बड़ी संख्या में मौतों तथा बीमारियों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता है....प्रदूषण भार में कमी के लक्षित समय को कम करने की आवश्यकता है और योजनाबद्ध कदमों को सतह पर सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के बारे में:

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019 में शुरू किया गया था....इसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम अथवा किसी अन्य अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं किया गया था..वायु प्रदूषण से निपटने हेतु राज्यों और केंद्र को एक रूपरेखा प्रदान करने की योजना के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम परिकल्पना की गई है..

इसका प्रमुख लक्ष्य वर्ष 2024 तक वायुमंडल में कम से कम 20% लघु तथा सूक्ष्म कणों की मात्रा को कम करना है...यह एक पंचवर्षीय कार्यक्रम है, इसके द्वारा PM10 तथा PM 5 में 2024 तक 20-30% की कमी लायी जायेगी। इसके लिए 2017 को आधार वर्ष माना जायेगा।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में सहभागिता

उद्योग और शिक्षाविदों के अलावा, इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, नीति आयोग तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहभागी होंगे।

किन शहरों में लागू किया जायेगा?

इस कार्यक्रम में 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 102 नॉन-अटेनमेंट शहरों को शामिल किया गया है। नॉन-अटेनमेंट शहरों की सूची में दिल्ली, वाराणसी, भोपाल, कलकत्ता, नॉएडा, मुजफ्फरपुर और मुंबई ऐसे बड़े शहर शामिल हैं....इन शहरों का चुनाव केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2011 से 2015 के बीच की वायु गुणवत्ता के आधार पर किया है..इस कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा शहरों को चुना गया है।

5.

पांच सदस्य-देशों की बैठक, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, ने नए उद्योगों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5 जी, और औद्योगिक इंटरनेट में सहयोग पर एक संयुक्त बयान दिया है.

चीन के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, जिओ यक़िंग ने यह कहा है कि, ब्रिक्स के साथ व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने के लिए चीन में ब्रिक्स इनोवेशन बेस की स्थापना के बारे में बीजिंग सक्रिय रूप से विचार कर रहा है.

मुख्य विशेषताएं

ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की वीडियो बैठक सितंबर 2020 की शुरुआत में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की प्रस्तावित बैठक से पहले हुई है, जिसे वर्तमान ब्रिक्स अध्यक्ष रूस द्वारा संचालित किया गया है.

इस बैठक के दौरान, चीन ने ब्रिक्स देशों से यह आग्रह किया है कि, वे डिजिटल परिवर्तन, विशेष रूप से एआई, डिजिटल अर्थव्यवस्था और 5 जी में अपने सहयोग को मजबूत करें….इस बैठक में उद्यमों के डिजिटल परिवर्तन और उनकी नवाचार क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए और स्थायी सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी सहयोग को प्रोत्साहित किया गया….जिओ याक़िंग ने इस बात पर जोर दिया कि, ब्रिक्स देशों को संचार को मजबूत करने, आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने और महामारी नियंत्रण और रोकथाम में अपने अनुभव साझा करने, काम और उत्पादन फिर से शुरू करने, चिकित्सा आपूर्ति की गारंटी देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आपस में पूरा सहयोग करना चाहिए….विकास के लचीलेपन को बढ़ाने, औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, एक अच्छा विकास वातावरण बनाने की आवश्यकता और जोखिमों का जवाब देने के लिए इन देशों की क्षमताओं को बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की गई.

वर्तमान में, 15 जून, 2020 को गल्वान घाटी में टकराव के बाद, भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंध एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं. इस घटना ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को भी प्रभावित किया है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के तहत भारत ने आत्मनिर्भरता का रास्ता अपनाया है और केवल आवश्यक वस्तुओं के लिए ही आयात करने का निश्चय किया है.

हाल ही में, भारत ने कुछ चीनी ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और चीन सहित अपने पड़ोसी देशों से विदेशी निवेश के लिए सख्त जांच प्रक्रिया अपनाई थी. भारत भी अब सिर्फ एक देश पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय अपनी आपूर्ति श्रृंखला को अधिक विविध और लचीला बनाने पर सहजता से काम कर रहा है.

मौजूदा कोविड-19 के कारण, रूस ने जुलाई 2020 में एससीओ और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को स्थगित कर दिया था. यह शिखर सम्मेलन जून में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद शुरू होने के बाद एक मीटिंग पॉइंट हो सकता था.

6.

नीति आयोग की तरफ से जारी किए गए निर्यात तत्परता सूचकांक (Export Preparedness Index)-2020 में गुजरात ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने ‘निर्यात तत्परता सूचकांक 2020’ की सूची जारी की है. इस सूची में महाराष्ट्र और तमिलनाडु क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

केंद्र सरकार के प्रमुख थिंक टैंक की 26 अगस्त 2020 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक छह तटीय राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक और केरल पहले 10 राज्यों में शुमार हैं. इस सूचकांक से पता चलता है कि किस राज्य में निर्यात को बढ़ावा दने के लिेए कितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

भूमि से घिरे राज्यों में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है, जिसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान रहा है...पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड रैकिंग में सबसे ऊपर रहा है. इसके बाद त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश का स्थान रहा है....केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है. उसके बाद गोवा और चंडीगढ़ का स्थान आता है...इस रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो ऐसे मैदानी राज्य हैं, जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं...नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि समान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे राज्य छत्तीसगढ़ और झारखंड की तरह कदम उठा सकते हैं.

रैंकिंग कैसे दी जाती है

नीति आयोग के इस निर्यात तत्परता सूचकांक में राज्यों को चार महत्वपूर्ण मानदंडों पर रैंकिंग दी जाती है. निर्यात को लेकर राज्यों की नीति, व्यवसायिक अनुकूलता, निर्यात से जुड़ा पूरा तंत्र और निर्यात क्षेत्र में उनका प्रदर्शन कैसा रहा है यह देखा जाता है.

इस रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात, आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश को जीडीपी तथा विश्व व्यापार में निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि हम आने वाले वर्षों में विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा दोगुना करने का प्रयास करेंगे.

भारत का प्रति व्यक्ति निर्यात

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति निर्यात 241 अमेरिकी डॉलर है, जबकि यह आंकड़ा दक्षिण कोरिया में 11,900 डॉलर और चीन में 18,000 डॉलर है इसलिए भारत के निर्यात में बढ़ोतरी की विशाल संभावनाएं हैं.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र किसी देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण योगदान करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में समक्ष बनाता है. भारत का वस्तु निर्यात वर्ष 2016- 17 में 275.9 अरब डालर से बढ़कर 2017- 18 में 303.5 अरब डालर पर पहुंच गया. चालू वित्त वर्ष के दौरान कोविड- 19 के कारण देश के निर्यात कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है.

7.

हाल ही में, भारत के मल्टी वेवलेंथ दूरबीन ‘एस्ट्रोसैट’ ने AUDFs01 नामक एक आकाशगंगा से निकलने वाले तीव्र-पराबैगनी (Ultraviolet- UV) प्रकाश की खोज की है...यह आकाशगंगा पृथ्वी से 9.3 बिलियन प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है...

यह खोज भारत, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, अमेरिका, जापान और नीदरलैंड के खगोलविदों द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत की गयी...यह पहली बार है कि अति-पराबैगनी वातावरण में तारों का निर्माण करने वाली आकाशगंगा को देखा गया है...इस खोज का विवरण

खोजी टीम द्वारा इस आकाशगंगा को आकाश के ‘हबल एक्सट्रीम डीप फील्ड’ नामक क्षेत्र में खोजा गया...

यह आकाशगंगा ‘हबल अल्ट्रा डीप फील्ड’ (Hubble Ultra Deep Field– HUDF) के केंद्र में स्थित है।

HUDF फोर्नेक्स तारामंडल में एक छोटा सा क्षेत्र है, जिसे वर्ष 2003 से 2004 तक हबल स्पेस टेलीस्कोप डेटा का उपयोग करके निर्धारित किया गया है.....XDF नामक इस क्षेत्र में लगभग 5,500 आकाशगंगाएँ हैं...एस्ट्रोसैट द्वारा अक्टूबर, 2016 में 28 घंटे के लिए एक्सडीएफ के एक हिस्से को देखा गया था। किंतु इसका विश्लेषण करने में वैज्ञानिकों को दो साल से ज्यादा लग गए..चूंकि, पराबैंगनी विकिरण का वातावरण मे अवशोषण हो जाता है, अतः इस उपलब्धि को केवल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा की हासिल किया जा सकता था।

एस्ट्रोसैट के बारे में: एस्ट्रोसैट भारत की पहली समर्पित बहु तरंगदैर्घ्य अंतरिक्ष वेधशाला (multi-wavelength space telescope) है। इसमें पांच दूरबीन लगे हुए है, जिनके माध्यम से एस्ट्रोसैट एक ही समय में ऑप्टिकल, पराबैंगनी, निम्न और उच्च ऊर्जा विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम के एक्स-रे क्षेत्रों में ब्रह्मांड का अवलोकन करता।..

एस्ट्रोसैट में लगा हुआ पराबैंगनी इमेजिंग टेलीस्कोप (UltraViolet Imaging Telescope– UVIT), दृश्य, पराबैंगनी और सुदूर पराबैंगनी विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम के क्षेत्रों के पास आकाश को अवलोकन करने में सक्षम है..एस्ट्रोसैट को 28 सितंबर 2015 को इसरो (ISRO) द्वारा पृथ्वी के निकट भू-स्थिर कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था।

यह एक बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना है, जिसमें IUCAA, इसरो, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) मुंबई, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (बेंगलुरु), और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (अहमदाबाद) शामिल हैं...

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. केंद्र सरकार ने योग्य दिव्यांग व्यक्तियों को ‘खाद्य सुरक्षा कानून’ में शामिल करने का राज्यों को निर्देश दिया

2. केंद्र सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर

3. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 7 नए क्षेत्रों की घोषणा

4. नीति आयोग की निर्यात तत्परता सूचकांक 2020 में गुजरात टॉप पर, महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर

5. केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 40 लाख तक की सालाना आमदनी पर GST में छूट

6. भारत में सबसे ज्यादा हैं जैविक किसान और विश्व में जैविक खेती का 9वां सबसे बड़ा क्षेत्रफल

7. खेल पुरस्कार समिति ने रोहित शर्मा समेत चार खिलाड़ियों को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने की सिफारिश की

8. प्रधानमंत्री मोदी 8 सितंबर को आयोजित होने वाले पहले विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

9. Chandrayaan-2 ने चंद्रमा पर क्रेटर की तस्वीर खींची, इसरो ने विक्रम साराभाई का नाम दिया

10. प्रतीक्षा : केरल सरकार द्वारा शुरू की गई पहली समुद्री एम्बुलेंस

11. कश्मीरी केसर के लिए ई-नीलामी पोर्टल लॉन्च किया गया

12. असम में AFSPA को छह और महीनों के लिए बढ़ाया गया

13. भारत के ASTROSAT ने दुर्लभ खोज की
 

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।