(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (19th - 25th June 2020)
इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...
न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):
- अंतरराष्ट्रीय परिवहन मंच के साथ मिलकर भारत में कार्बन मुक्त परिवहन सेवा परियोजना शुरू किया ....उद्देश्य भारत के लिए कम कार्बन परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देना
- कोविड संकट में सरकार की पहल....सरकार द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों को 50 हजार स्वदेशी वेंटिलेटरों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये किये आवंटित....
- PM मोदी ने प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए लॉन्च किया गरीब कल्याण रोजगार अभियान, 116 जिलों में मिलेगा रोजगार, मजदूरों को तत्काल रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की यह योजना....
- आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये....खान मंत्रालय की ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रोग्राम स्कीम’ के तहत सत्यभामा पोर्टल किया लॉन्च .....
- को-ऑपरेटिव बैंक पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला.... केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अंतरिक्ष विज्ञान और बैकों को लेकर बड़े सुधार के अध्यादेश को दी मंजूरी,...अब RBI की निगरानी में होंगे सभी को-ऑपरेटिव बैंक.......
- आईआईटी-बॉम्बे ने नाविक/GPS के लिए एक स्वदेशी रिसीवर चिप ‘ध्रुव’की विकसित....देश के स्थानों और मार्गों को खोजने के लिए स्मार्टफोन और नेविगेशन उपकरणों में किया जा सकता है उपयोग....
- पहले वर्चुअल हेल्थकेयर एंड हाइजीन एक्सपो, 2020 का 22 जून को हुआ उदघाटन...फिक्की द्वारा किया गया...इसका आयोजन....भारत की पहली सबसे बड़ी वर्चुअल प्रदर्शनी रही...
खबरें विस्तार से:
1.
भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फोरम के साथ मिलकर 24 जून को “Decarbonising Transport in India” प्रोजेक्ट लॉन्च किया......यह परियोजना भारत के लिए कम कार्बन परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देना चाहती है....2008 से, भारत ITF का सदस्य रहा है, जो परिवहन नीति के लिए एक अंतर सरकारी संगठन है..यह परियोजना “उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में डीकारबोनिज़िंग परिवहन” (DTEE) परियोजनाओं का हिस्सा है..भारत, अर्जेंटीना, अजरबैजान और मोरक्को DTEE के वर्तमान प्रतिभागी हैं....
उद्देश
देश में जलवायु / जलवायु परिवर्तन से संबंधित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, सरकार के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए काम करना आवश्यक है....इस परियोजना के माध्यम से, एक मूल्यांकन ढांचा तैयार किया जाएगा जो भारत में परिवहन उत्सर्जन के लिए बनाया जाएगा... यह ढांचा सरकार को वर्तमान और भविष्य की परिवहन चुनौतियों पर विस्तृत रूप से इनपुट प्रदान करेगा जो कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से संबंधित हैं। परियोजना के परिणामों के आधार पर, भारत में कम कार्बन परिवहन प्रणाली की ओर एक मार्ग बनाया जाएगा....
भारत में लाभ
इस कार्यक्रम के ज़रिये भारत में परिवहन और जलवायु हितधारकों को नियोजित परियोजना गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जायेगी.....यह भारत के परिवहन क्षेत्र के सक्षम मोजूद चुनोतियों के बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन में कटौती से इसके सम्बन्ध को जानने का अवसर भी प्रदान करेगा.....इसमें होने वाली परिचर्चा से परियोजना पर भारत की विशिष्ट जरूरतों और परिस्थितियों पर ध्यान केंद्र करने में मदद मिलेगी....यह परियोजना भारत के लिए एक टोलर – निर्मित परिवहन उत्सर्जन आकलन की रूपरेखा तैयार करेगा....इसमें होने वाली परिचर्चा सरकार को देश की जरूरतों के अनुसार परियोजना गतिविधियों की विस्तृत समझ और इससे सम्बंधित कार्बन उत्सर्जन के आधार पर नीतिगत निर्णय लेने में मदद करेगा .....
DTEE प्रोजेक्ट
भारत की डीकार्बोनिजिंग ट्रांसपोर्ट पहल डीटीईई परियोजना का एक हिस्सा है....DTEE का पूर्ण स्वरुप Decarbonising Transport in Emerging Economies है... DTEE आईटीएफ की एक परियोजना है जिसके तहत भारत के अलावा, वर्तमान में अर्जेंटीना, मोरक्को और अजरबैजान प्रतिभागी हैं...DTEE परियोजना के तहत, ITF का लक्ष्य कई परिवहन उप-क्षेत्रों और परिवहन साधनों के लिए डीकार्बोनिजिंग परिवहन प्रणाली के लिए एक सामान्य मूल्यांकन ढांचा तैयार करना है। यह फ्रेमवर्क भाग लेने वाले देशों के इनपुट और डीकोर्बनाइजिंग ट्रांसपोर्ट में उनके विशिष्ट मॉडल के आधार पर बनाया जाएगा..
अंतर्राष्ट्रीय परिवहन मंच
ITF परिवहन नीति के मुद्दों के लिए एक थिंक टैंक है। इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है....
2.
पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों को 50 हजार स्वदेशी वेंटिलेटरों की आपूर्ति के लिए 2 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं....
भारत में निर्मित इन 50 हजार वेंटिलेटरों में से 30 हजार वेंटिलेटरों का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जबकि शेष 20 हजार का निर्माण अग वा हेल्थकेयर (10 हजार), AMTZ हाई एंड (4 हजार), AMTZ बेसिक (5650 और एलाइड मेडिकल) (350) द्वारा किया जाएगा.
अब तक, 2923 वेंटिलेटर निर्मित किए गए हैं और 1340 वेंटिलेटर पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वितरित किए जा चुके हैं...
मुख्य प्राप्तकर्ता राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महाराष्ट्र (275 पचहतर), दिल्ली (275 पचहतर), गुजरात (175पचहतर), बिहार (100), कर्नाटक (90) और राजस्थान (75 पचहतर ) शामिल हैं...
जून, 2020 के अंत तक लगभग 14 हजार अतिरिक्त वेंटिलेटर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वितरित किए जाएंगे...
इन राज्यों में सरकारी कोविड अस्पतालों को ये वेंटिलेटर प्रदान किए जाएंगे ताकि गंभीर कोविड-19 रोगियों का बेहतर उपचार किया जा सके.
प्रवासी कल्याण के लिए 1000 करोड़ रुपये जारी
प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 01 हजार करोड़ रुपये की राशि भी जारी की गई है.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या के लिए 50 प्रतिशत वेटेज, सकारात्मक कोविड-19 मामलों की संख्या के लिए 40 प्रतिशत वेटेज और सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के बीच समान वितरण के लिए 10 प्रतिशत के फॉर्मूले के आधार पर इस फंड का वितरण किया गया है.
इस फंड का उपयोग प्रवासियों के आवास, भोजन, चिकित्सा उपचार और परिवहन की व्यवस्था के लिए किया जाना है.
कुल राशि में से महाराष्ट्र को 181 इक्यासी करोड़ रुपये जारी किए गए, उत्तर प्रदेश को 103 करोड़ रुपये जारी किए गए, तमिलनाडु को 83 तिरासी करोड़ रुपये, गुजरात को 66 छियासठ करोड़ रुपये, दिल्ली को 55 पचपन करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 53 तरेपन करोड़ रुपये, बिहार को 51 इक्यावन करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 50 करोड़ रुपये, राजस्थान को 50 करोड़ रुपये और कर्नाटक को 34 चौतीस करोड़ रुपये दिए गए...
पीएम केयर्स फंड
कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड (प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत निधि) की स्थापना 28 मार्च, 2020 को की गई थी...कोरोना वायरस के प्रकोप से उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति या संकट से निपटने और इस महामारी से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य से यह समर्पित राष्ट्रीय कोष बनाया गया था...
यह कोष मुख्य रूप से किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल या किसी अन्य प्रकार की आपात स्थिति, या मानव निर्मित या प्राकृतिक आपदा से संबंधित किसी भी प्रकार की राहत या सहायता प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण या उन्नयन, अन्य आवश्यक बुनियादी सेवाएं, प्रासंगिक अनुसंधान और धन की व्यवस्था या किसी भी अन्य प्रकार की सहायता करना भी शामिल है...
इस कोष की स्थापना कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ रोकथाम और राहत प्रदान करने के प्रयासों के लिए वित्तीय सहायता या धनराशि प्रदान करने के लिए भी की गई थी...
3.
20 जून, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े पैमाने पर ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना-गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का शुभारंभ किया...
इस योजना का लक्ष्य देश भर के ग्रामीण हिस्सों में ग्रामीण नागरिकों को आजीविका सहायता प्रदान करके, खासकर प्रवासी श्रमिकों के लिए आजीविका समर्थन प्रदान करने के कारण देश के ग्रामीण हिस्सों में होने वाले आर्थिक प्रभाव को कम करना है...
केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत लगभग 25 योजनाओं को एक साथ लाकर देश भर के 116 जिलों में योजना के तहत लक्ष्य प्राप्त करने की योजना बनाई है।
कैसे काम करेंगी यह योजना ?
6 राज्यों (ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश) के 116 जिलों से, कुल 6.7 मिलियन प्रवासी श्रमिकों (जो देश में कुल रिटर्निंग प्रवासी श्रमिकों का लगभग दो-तिहाई है) की मैपिंग की गई है।
इस योजना के तहत, सरकार की 25 योजनाओं में गृह निर्माण, घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने का पानी, सड़क निर्माण इत्यादि की योजनाएँ शामिल हैं। वापसी करने वाले प्रवासी कामगारों को इस योजना के तहत उनके कौशल के आधार पर काम दिया जाएगा।
योजना के लिए बजट
गरीब कल्याण रोज़गार अभियान मई, 2020 के महीने में केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 ट्रिलियन के राहत पैकेज का एक हिस्सा है...बजट में वित्त मंत्री ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 61इकसठ,500 करोड़ रुपए की की घोषणा की थी... 18 जून, 2020 वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 50,000 करोड़ रुपए का संचार किया जाएगा...
4.
केंद्रीय खदान और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने खनन उन्नति में ‘सत्यभामा’ (SATYABHAMA – Science and Technology Yojana for AtmaNirbhar Bharat in Mining Advancement) नामक एक पोर्टल लॉन्च किया...
पोर्टल के बारे में
पोर्टल को देश के खनिज और खनन क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देकर डिजाइन और विकसित किया गया है...नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की माइन्स इंफॉर्मेटिक्स डिवीजन इस पोर्टल की कार्यान्वयन एजेंसी है..SATYABHAMA को नीति आयोग के पोर्टल- NGO Darpan के साथ भी एकीकृत किया जा रहा है। इस पोर्टल को research.mines.gov.in पर एक्सेस किया जा सकता है
पोर्टल का उद्देश्य
इस पोर्टल के माध्यम से, केंद्र सरकार का उद्देश्य खनन और खनिज क्षेत्र में गुणात्मक और नवीन अनुसंधान और विकास कार्य करने के लिए शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना है। यह पोर्टल इस क्षेत्र में सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ाने में मदद करेगा, इस क्षेत्र में संस्थानों को विभिन्न अनुसंधान और विकास आधारित परियोजनाओं के लिए आवंटित धन का उचित उपयोग, खनिज संसाधनों के उचित उपयोग और संरक्षण को सुनिश्चित करने में मदद करेगा...
पोर्टल के लाभ
SATYABHAMA पोर्टल शोधकर्ताओं को अपनी रिपोर्ट (प्रगति और अंतिम) इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रस्तुत करने की अनुमति देगा, इससे पहले यह प्रगति या अंतिम तकनीकी रिपोर्ट केवल भौतिक रूप से शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत की जा सकती थी। परियोजना के प्रस्ताव भी पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत किए जा सकते हैं....
नियमित निगरानी के माध्यम से, पोर्टल का उपयोग अधिकारियों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए विभिन्न परियोजनाओं के लिए अनुदान /धन के प्रबंधन के लिए भी किया जाएगा....
रिपोर्ट और परियोजनाओं के प्रस्तावों का डिजिटल प्रस्तुतीकरण और परियोजनाओं के लिए धन का प्रबंधन भी अधिक शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को देश की खदानों और खनिजों के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह आगे चलकर आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद करेगा.....
5.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया...इस बैठक में सहकारी बैंकों (Cooperative Bank) को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 23 जून 2020 को इस बात की जानकारी दी... केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने एक अध्यादेश पारित किया है. अध्यादेश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सभी तरह के सहकारी बैंक आरबीआई के निगरानी के दायरे में आ जायेगा.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सहकारी बैंकों के आरबीआइ के अंतर्गत आने से सहकारी बैंकों में ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा. आरबीआई की शक्तियां जैसे अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही सहकारी बैंकों पर भी लागू होंगी. उन्होंने कहा कि बताया कि देश में 1482 बयासी शहरी सहकारी बैंक और 58 अठावन बहु-राज्यीय सहकारी बैंक हैं.
फैसला लेने की क्या रही वजह
दरअसल, बीते कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों के को-ऑपरेटिव बैंक में नियमों की अनियमितता का खुलासा हुआ है. सरकार का कहना है कि इन बैंकों के आरबीआई की निगरानी में आने के बाद 8.6 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को भरोसा मिलेगा...यह आश्वासन मिलेगा कि उनका बैंकों में जमा 4.84 लाख करोड़ रुपया सुरक्षित है. इसके साथ ही ग्राहकों के हित में रिजर्व बैंक द्वारा लिए गए फैसले का फायदा निजी और सरकारी बैंकों के साथ ही को-ऑपरेटिव बैंक तक पहुंचेगा...
बजट में हुआ था घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2020 में आम बजट पेश करते हुए को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई की निगरानी में लाने का प्रस्ताव रखा था. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया था. इसका मतलब ये हुआ कि बैंक में जमा राशि डूब भी जाती है तो आपको पांच लाख तक की बीमा मिलेगी...
शिशु लोन लेने वालों को ब्याज में छूट
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुद्रा लोन करीब 18 से 20 करोड़ लोगों को मिला है..9 करोड़ 33 तैंतीस लाख लोगों को शिशु लोन मिला है....केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिशु लोन के योग्य लाभार्थियों को 12 महीनों के लिए ब्याज में दो प्रतिशत की छूट प्रदान करने का फैसला लिया है...
सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान की गई
बैंकिंग नियमन एक्ट में बदलाव कर सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान की गई है. सहकारी बैंकों का नियमन अब आरबीआई के नियमानुसार किया जाएगा. इनका ऑडिट भी आरबीआई नियमों के तहत होगा. अगर कोई बैंक वित्तीय संकट में फंसता है, तो उसके बोर्ड पर निगरानी भी आरबीआई ही रखेगा...
6.
आईआईटी-बॉम्बे के छात्रों और शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक स्वदेशी रिसीवर चिप ‘ध्रुव’ विकसित की है...इस चिप का उपयोग देश के स्थानों और मार्गों को खोजने के लिए स्मार्टफोन और नेविगेशन उपकरणों में किया जा सकता है...यह भारत के नेविगेशन उपग्रहों के NAVIC समूह के साथ-साथ अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम-आधारित उपग्रहों से किसी व्यक्ति के स्थान का सटीक निर्धारण करने के लिए संकेत प्राप्त करेगा...
NAVIC
IRNSS (Indian Regional Navigation System) NAVIC एक क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली है जो सटीक रियल-टाइम पोजिशनिंग तथा टाइमिंग सेवा उपलब्ध करवाती है, यह भारत तथा इसके 1500 किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र में कार्य करती है...NAVIC (नाविक) में दो स्तर की सेवाएं प्रदान की जाती है, स्टैण्डर्ड पोजिशनिंग सर्विस तथा सीमित सर्विस....स्टैण्डर्ड पोजिशनिंग सर्विस नागरिक उपयोग के लिए प्रदान की जाती है, जबकि सीमित सेवा सेना समेत कुछ विशिष्ठ यूजर्स को प्रदान की जाती है...नाविक सिस्टम में उपग्रहों की संख्या को 7 बढ़ाकर 11 किये जाने की योजना है...
IIT मद्रास
IIT मद्रास की स्थापना 1959उन्सठ में पश्चिमी जर्मनी की सहायता से की गयी थी...यह IIT संस्थान तमिलनाडु में स्थित है, इसे राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान के रूप में चिन्हित किया गया है...इसका कैंपस लगभग 2.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है..
7.
वर्चुअल हेल्थकेयर एंड हाइजीन एक्सपो 2020
जहाजरानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, मनसुख मांडविया ने भारत के सबसे बड़े, पहले वर्चुअल हेल्थकेयर एंड हाइजीन एक्सपो, 2020 का उद्घाटन किया। इस एक्सपो का आयोजन फिक्की द्वारा किया गया है।
यह भारत की पहली सबसे बड़ी वर्चुअल प्रदर्शनी है, जो ई-गवर्नेंस की दिशा में एक नई शुरुआत है। यह वर्चुअल रूप में कारोबार करने और डिजिटल इंडिया में आगे बढ़ने में एक नया मॉडल साबित होगा....
हेल्थकेयर एंड हाइजीन एक्सपो के बारे में
इस एक्सपो का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ते हुए फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जो और स्वास्थ्य और स्वच्छता क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में मददगार साबित हो....इस एक्सपो के फोकस क्षेत्र है-फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइस, आयुष एंड वेलनेस, मेडिकल टेक्सटाइल, हाइजीन एंड सेनिटाइजेशन....
यह अपनी तरह का पहला आयोजन है जो देश में स्वदेशी तौर पर निर्मित उत्पादों को वर्चुअल मंच के द्वारा दुनिया भर के खरीदारों को इसे डिजिटल रूप से एक्सेस किया जाना संभव बनाएगा...
इस नए पहल से पारिस्थितिकी तंत्र से फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइस
तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...
फटाफट न्यूज़ (India Roundup):
1. भारत ने लगाया एंटी-डंपिंग शुल्क
भारत ने चीन, वियतनाम और कोरिया से कुछ प्रकार के विशिष्ट इस्पात उत्पादों के आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की घोषणा की लागू किये जाने वाला यह शुल्क 13.07 डॉलर प्रति टन से लेकर 173 तिहत्तर.1 डॉलर प्रति टन हो सकता है. इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, चीन, वियतमान और कोरिया पर अधिरोपित किया गया एंटी-डंपिंग शुल्क पाँच वर्ष की अवधि के लिये प्रभावी होगा.
2. युक्ति 2.0 (YUKTI 2.0)
मानव संसाधन मंत्रालय ने, उच्च शिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक क्षमता और इनक्यूबेटेड स्टार्टअप से संबंधित सूचनाओं को व्यवस्थित करने में सहायता प्रदान करने के लिए ‘युक्ति 2.0’ पहल की शुरुआत की है....युक्ति का पूरा नाम (Young India combating COVID with Knowledge, Technology and Innovation– YUKTI) है..मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए इस पोर्टल तैयार किया है..इस पोर्टल के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को अपनी प्रौद्योगिकियों और नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए उचित सहायता मिल रही है।
3. चीन खेलों का बहिष्कार
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने हाल ही में चीन के उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने चीन से आने वाले उपकरणों को खराब बताते हुए चीनी खेल उपकरणों के बहिष्कार की मांग की है....महासंघ ने चीनी कंपनी ‘ जेडकेसी’ से पिछले साल चार भारोत्तोलन सेट मंगवाये थे. महासंघ ने कहा कि उपकरण खराब निकले और भारोत्तोलक उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं...
4. एमसीएल ने ओड़िसा में किया निवेश
महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने हाल ही में ओडिशा में 60,000 करोड़ रुपये की निवेश करने की योजना तैयार की है कोल इंडिया लिमिटेड की आठ सहायक कंपनियों में से एक महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने सूचित किया है कि कंपनी ने ओडिशा के लिए 60,000 करोड़ रुपये की निवेश की योजना तैयार की है...वर्तमान में लगभग 30 कोयला खदानें ओडिशा में एमसीएल द्वारा संचालित हैं. अगले कुछ वर्षों में, कंपनी ने कोयला उत्पादन को प्रति वर्ष 300 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था, जिसके लिए वह राज्य में तीन नए एमडीओ (खदान, विकास और संचालन) परियोजनाओं का विकास और संचालन करेगी.
5.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-21 जून
21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है....इस वर्ष 2020 की योग दिवस की थीम ‘Yoga for Health - Yoga at Home’ रही...अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 पर आयुष मंत्रालय के द्वारा योग गतिविधियों को देश में "Yoga at Home, Yoga with Family” थीम के तहत बढ़ावा दिया गया....प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा योग की महत्ता को विश्व में ख्याति दिलाने के उद्देश्य से इस दिवस को 2014 में UN में प्रस्तावित किया गया...जिसके बाद दिसंबर 2014 में ‘वैश्विक स्वास्थ्य और विदेश नीति’ की कार्यसूची के तहत UN में सर्वसम्मति से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गयी…इस दिवस के लिए 21 जून की तारीख का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है जिसका दुनिया के कई हिस्सों में विशेष महत्त्व है, बता दें कि विश्व का पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईवाईडी) 21 जून 2015 को मनाया गया था…
6. GeM ने मूल देश का उल्लेख किया अनिवार्य
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने विक्रेताओं को ‘मूल देश’ का उल्लेख करना अनिवार्य किया है... सरकारी निकायों के लिए ऑनलाइन खरीद मंच, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने सभी नए उत्पादों को पंजीकृत करते समय विक्रेताओं को ‘मूल देश’ का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है। GeM वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन है। नए विक्रेताओं को अनिवार्य करने के अलावा, GeM उन विक्रेताओं को भी अनिवार्य करता है जिन्होंने पहले ही अपने उत्पादों को ‘मूल देश’ को अपडेट करने के लिए अपलोड कर दिया था। यदि कोई विक्रेता इन दिशानिर्देशों का पालन नही करता है तो उन्हें एक चेतावनी दी जायेगी कि यदि उनके उत्पाद अपडेट नहीं किए जाते हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा।
7. जर्मन बुक ट्रेड शांति पुरस्कार
अमर्त्य सेन ने जीता साल 2020 के जर्मन बुक ट्रेड का प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार जर्मनी के प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं के संगठन जर्मन बुक ट्रेड ने भारतीय अर्थशास्त्री और दार्शनिक अमर्त्य सेन को 2020 के शांति पुरस्कार के लिए चुना है. भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को विश्वभर में फैले सामाजिक अन्याय को उजागर करने के उनके काम के लिए सम्मानित किया गया. अमेरिका की हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले प्रोफेसर अमर्त्य सेन को साल 1998 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
8. एनडीआरएफ कोष खोला गया
वित्त मंत्रालय द्वारा व्यक्तियों या संस्थानों के योगदान के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष खोला गया वित्त मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की है कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष में व्यक्तियों या संस्थानों से योगदान के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के आधार पर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। एनडीआरएफ का गठन उसी अधिनियम के तहत किया गया था..
9. देश का पहला कोविड कोच
उत्तर प्रदेश कोविड-19 के लिए आइसोलेशन इकाइयों में परिवर्तित होने वाले रेल डिब्बों का परिचालन करने वाला पहला राज्य बन गया.. उत्तर प्रदेश सरकार ने COVID-19 संदिग्ध रोगियों के लिए अलग-अलग इकाइयों के रूप में रेल डिब्बों का उपयोग शुरू कर दिया है। देश में सबसे पहले, उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में मऊ जंक्शन पर कोविड कोच तैनात किए गये हैं। भारतीय रेलवे राज्यों को 5,231 इकत्तीस आइसोलेशन डिब्बों की पेशकश करने के लिए तैयार है और संबंधित जोनल रेलवे ने कोचों को संगरोध सुविधाओं के रूप में परिवर्तित कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बाद, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश भी रेल डिब्बों का उपयोग कर रहे हैं।
10. अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस
23 जून को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस हर साल 23 जून को विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है. यह दिन व्यापक रूप से विधवाओं की आवाज़ों और उन्हें होने वाले अनुभवों पर ध्यान आकर्षित करने और उनके द्वारा किए जाने वाले अद्वितीय समर्थन को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाता है. आज भी विधवाए अपने जीवन साथी को खोने के बाद दुनिया भर में कई महिलाएं चुनौतियों का सामना करती हैं और बुनियादी जरूरतों, उनके मानवीय अधिकार और सम्मान के लिए लंबे समय तक संघर्ष करती हैं. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि पूरे विश्व में विधवा महिलाओं की स्थिति में सुधार हो सके और वे भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें.
11. SBI - 5.4% गिरावट
.भारतीय स्टेट बैंक ने जारी की एक रिपोर्ट भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के कारण प्रति व्यक्ति आय में 5.4 प्रतिशत गिरावट आयी है...कोराना वायरस महामारी के बाद देश में विभिन्न राज्यों में लोगों की आय का अंतर कम हो जायेगा. इस दौरान धनी राज्यों की आय में गरीब राज्यों के मुकाबले अधिक कमी आने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020- 21 के दौरान अखिल भारतीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 5.4 प्रतिशत घटकर 1.43 लाख रुपये सालाना रह जायेगी. रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे धनी माने जाने वाले शहरों की प्रति व्यक्ति आय में 10 से 12 प्रतिशत तक की गिरावट आने का अनुमान है.
12. PPE निर्माताओं को मिली ढील
केंद्र सरकार ने पीपीई निर्माताओं को 3 उत्पादों के लिए उत्पादन नियमों में दी ढील केंद्र सरकार ने हाल ही में पीपीई निर्माताओं को फिल्टर हाफ मास्क, सर्जिकल फेस मास्क, आई प्रोटेक्टर्स के लिए उत्पादन नियमों में ढील दी है. बतौर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), पहले इन उत्पादों का लाइसेंस इन-हाउस लैब वाले निर्माताओं को मिलता था लेकिन अब जिनके पास यह सुविधा नहीं है, उन्हें बीआईएस लाइसेंस धारक की लैब से टेस्टिंग के आधार पर लाइसेंस मिलेगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में फिलहाल हर रोज़ तक़रीबन 6 लाख निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट्स और लगभग 1000 वेंटिलेटर्स बनाए जा रहे हैं. भारत में फरवरी से पहले केवल 20 पीपीई निर्माता थे. लेकिन ये संख्या अब बढ़कर 600 हो गई है.
13. रूस विक्ट्री डे पर भारत
रूस में विक्ट्री डे परेड में शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 जून 2020 को रूस के 75वें पचहतर विक्ट्री डे की परेड में शामिल हुए और भारत की तीनों सेनाओं का दल भी इसका हिस्सा बना. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों के दल को इस परेड का हिस्सा बनते देख गर्व महसूस कर रहा हूं. द्वितीय विश्व युद्ध (1941 इकतालीस से 1945 पैंतालिस) में जर्मनी पर मिले सोवियत रूस की जीत के 75 पचहतर वर्ष पूरे होने पर सैन्य परेड का भव्य आयोजन किया गया है. रक्षा मंत्री तीन दिनों के दौरे पर रूस पहुंचे हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने रक्षा करारों को लेकर रूस के साथ बातचीत की है. रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'रूस और भारत के संबंध बेहद खास और एवं अत्यंत रणनीतिक साझेदारी रखने वाले हैं. इन संबंधों में रक्षा संबंध विशेष अहमियत रखता है.
14. विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस
21 जून विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस (World Hydrography Day) का आयोजन निम्न में से किस दिन किया जाता है… प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस का आयोजन किया जाता है. इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मौजूदा समय में हाइड्रोग्राफी के महत्त्व और उसकी प्रासंगिक को रेखांकित करना है. हाइड्रोग्राफी का अभिप्राय विज्ञान की उस शाखा से है, जिसमें पृथ्वी की सतह के नौगम्य भाग और उससे सटे तटीय क्षेत्रों की भौतिक विशेषताओं को मापा जाता है एवं उसका वर्णन किया जाता है. इसके अंतर्गत महासागरों, समुद्रों, तटीय क्षेत्रों, झीलों और नदियों आदि को मापने के साथ-साथ आगामी समय में इनमें आने वाले विभिन्न परिवर्तनों की व्याख्या की जाती है.
15. भारत :UNRWA को 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर सहायता
भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के कल्याण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र राहत और निर्माण एजेंसी (UNRWA) को 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई.... इस राशि का भुगतान आने वाले दो वर्षों में किया जाएगा. यह 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर राशि का भुगतान वर्ष 2020 में दिए जाने वाले 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अलग किया जाएगा. इसके अलावा भारत ने COVID-19 महामारी का मुकाबला करने में मदद के रूप में फिलिस्तीन को जीवन रक्षक दवाए मुहैया कराने का भी वादा किया है. भारत सरकार द्वारा 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान की घोषणा UNRWA के लिए आयोजित आभासी मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान की गई.
तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।