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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 27 October 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 27 October 2020



हिमालयन भूरा भालू चर्चा में क्यों है?

  • हिमालयन भूरा भालू (Himalayan Brown Bear) भारत के उत्तरी एवं पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पाये जाने वाले सबसे बड़े मांसाहारी जीवों में से एक है। इसे हिमालयन रेड़ बियर एवं जू-तेह (Dzu-Teh) के नाम से भी जाना जाता है। यह हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में मिलने वाले सबसे बड़े जीव के रूप में जाना जाता है।
  • भूरा भालू या भूरा रीछ जिसका वैज्ञानिक नाम उरसस आर्कटोस (Ursus Arctos) है, यह उत्तरी यूरेशिया और उत्तर अमेरिका में भी पाया जाता है। इसे उत्तर अमेरिका में ग्रिजली भालू कहा जाता है।
  • इससे बड़ा केवल ध्रुवीय भालू ही होता है।
  • भात में यह जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रें में 3000-5000 मीटर की ऊँचाई पर पाये जाते हैं।
  • यह भारत के अलावा उत्तरी अफगानिस्तान, उत्तरी पकिस्तान, पश्चिमी चीन, और नेपाल में भी पाया जाता है।
  • खाद्य श्रृंखला में यह जीव इस क्षेत्र में सर्वोच्च जीव के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसका आकार 6-7 फीट होता है। मादा भालू का आकार थोड़ा छोटा 4-6 फीट होता है।
  • यह पर्वतीय गुफाओं एवं गड्डों में निवास करते हैं। यह जीवों एवं कीड़ों को अपना भोजन बनाने के साथ-साथ घास, पौधों एवं जड़ों का भी भोजन के रूप में उपयोग करते है। फल भी इन्हें पसंद होते हैं।
  • यह जीव पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं लेकिन इनकी कम होती संख्या चिंताजनक है। भारत में इनकी संख्या 500-750 के बीच बताई जाती है।
  • इनकी संख्या कारगिल युद्ध के दौरान बहुत कम हो गई थी। लेकिन उसके बाद इनके संरक्षण के अनेक प्रयासों के परिणामस्वरूप इनकी संख्या में वृद्धि देखी गई है।
  • ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, आधारभूत संरचना का निर्माण आदि कारणों से यह जीव अभी भी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है।
  • IUCN ने अपने Rod List में इसे सुभेद्य (Vulnerable) की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब यह है कि यदि इसका संरक्षण न किया गया तो यह जीव समाप्त हो जायेगा।
  • इस जीव को भारत सरकार ने भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची में शामिल जीवों का शिकार या व्यापार गैरकानूनी है।
  • लॉकडाउन के प्रारंभ में यह जीव कारगिल क्षेत्र में पुनः देखे गये और कारगिल क्षेत्र के कस्बों में मानव-पशु संघर्ष भी देखने को मिला। इसके बाद से इसके विषय में और सर्वेक्षण किये जाने की बात उठ रही थी।
  • मानव-पशु संघर्ष या जीवों की संख्या कम होने का एक प्रमुख कारण जीवों के आवासीन क्षेत्र में कमी आना माना जाता है। हाल ही में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Zoological Survey of India) ने पश्चिमी हिमालय में एक अध्ययन किया है और यह संभावना व्यक्त की है कि जिस तरह की परिस्थितियाँ है, उसके अनुसार वर्ष 2050 तक हिमालयन ब्राउन बियर के निवास स्थान में 73 प्रतिशत की भारी गिरावट आ सकती है।
  • अध्ययन में इसका उल्लेख किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आवास एवं जैविक गलियारों में कमी देखने को मिल सकती है। इसका असर इनके संरक्षण के लिए बनाये गये 13 संरक्षित क्षेत्रें (Protected Areas) पर भी पड़ेगा। अध्ययन के अनुसार इनमें से 8 संरक्षित क्षेत्रें के निवास स्थान पर इनकी संख्या बहुत कम हो सकती है।
  • इनके जैविक गलियारों में प्राकृतिक एवं मानवीय परिवर्तन के कारण कई प्रकार की चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं, जिसके कारण इनका आवागमन भी प्रभावित भी प्रभावित हो रहा है, जिसकी वजह से यदि आवास स्थान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो यह जैविक गलियारों के माध्यम से भी अपने आप को संरक्षित नहीं कर पायेंगे।
  • यह जीव ऊर्जा पिरामिड (खाद्य पिरामिड) के शीर्षस्तर के जीव हैं जो पारिस्थितिक तंत्र को बनाये रखने एवं उसे विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  • इनकी संख्या कम होने का मतलब है उन जीवों की संख्या बढ़ना, जिनका यह भोजन करते हैं, जैसे- भेंड, बकरी की संख्या का बढ़ना। इसका आशय होगा घासों की संख्या कम होना। कुल मिलाकर यहां की पारिस्थितिकी का स्वरूप प्रभावित होगा।

चिली का पुनर्जन्म (Rebirth)

  • चिली दक्षिण अमेरिका में एंडीज पर्वत और प्रशांत महासागर के बीच स्थित एक लंबा और संकरा (Narrow) देश है। इसकी उत्तर-दक्षिण लंबाई 6435 किमी- से अधिक है जबकि चौड़ाई लगभग 350 किमी- है।
  • चिली दक्षिण अमेरिका के उन दो देशों (दूसरा इक्वाडोर) में से है, जिसकी सीमायें ब्राजील से नहीं लगती हैं।
  • इसके उत्तर में पेरू, उत्तर-पूर्व में बोलीविया, पूर्व में अर्जेंटिना स्थित है।
  • यहाँ की राजधानी सेंटियागो (Santiago) है जो देश के लगभग मध्य भाग में स्थित है।
  • इस देश का विस्तार उत्तर-दक्षिण ज्यादा होने के कारण यहाँ की भौगोलिक दशायें अलग-अलग भागों में भिन्न-भिन्न पाई जाती हैं।
  • इस देश का उत्तरी भाग मरुस्थलीय जलवायु के अंतर्गत आता है, जहाँ अटाकामा मरुस्थल का विकास हुआ है। यहां विकसित हुआ मरुस्थल विश्व का सबसे शुष्कतम स्थान माना जाता है। यह इतना ज्यादा शुष्क है कि यहां कई वर्षों तक वर्षा नहीं होती है।
  • इसी मरुस्थल में अरीका स्थित है जिसने विश्व का सबसे शुष्क काल देखा है, जहां 20वीं शताब्दी में 173 माह एक बूंद भी वर्षा नहीं हुई।
  • इस उत्तरी भाग में ताँबा तथा सोडियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट और आयोडीन के लवण प्राप्त होते हैं। संसार की कुल आवश्यकता का 75 प्रतिशत नाइट्रेट चिली से प्राप्त होता है। विश्व का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक शहर चुक्वीकमाटा इसी क्षेत्र में अवस्थित है।
  • मध्य भाग भूमध्य सागरीय जलवायु के अंतर्गत जहां हल्की वर्षा शीत ट्टतु में होती है जबकि ग्रीष्म ट्टतु वर्षा रहित रहता है।
  • भूमध्य सागरीय क्षेत्र रसदार फलों एवं शराब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध होते हैं, यही कारण कि सेंटियागो भी शराब के लिए प्रसिद्ध है।
  • दक्षिण का भाग भी कम वर्षा प्राप्त करने वाला ठण्डा क्षेत्र है जहां हिम और सहिम वर्षा होती है।
  • दक्षिण का भाग कोयला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्यात भी किया जाता है।
  • यहाँ की 8 प्रतिशत भूमि खाद्यान्न फसलों के अंतर्गत आती है जबकि 12 प्रतिशत भाग पर अंगूर की खेती होती है।
  • सेंटियागो में चिली के 50 प्रतिशत उद्योगों का संकेंद्रण है।
  • चिली लैटिन अमेरिका में सबसे अमीर देश माना जाता है। यह देश मानव विकास, प्रति व्यक्ति आय में दक्षिण अमेरिका में सर्वोच्च स्थान रखता हैं इसकी अर्थव्यवस्था मजबूत है।
  • पिछले 20 वर्षों में इसने अपनी गरीबी तेजी से कम की है। 2017 में यहां केवल 6.7 प्रतिशत आबादी ही गरीब मानी गई।
  • यहाँ के आर्थिक संवृद्धि का एक चिंताजनक मुद्ददा असमानता है अर्थात् अमीर ज्यादा अमीर हो रहे हैं जबकि निम्न आय वाले लोगों की आय लगभग स्थिर बनी हुई है। यहाँ अमीरों की कमाई, गरीबों की तुलना में 13.5 गुना अधिक है।
  • निजीकरण यहां हर क्षेत्र में किया गया है जिसकी वजह से गरीब और कम आय वाले लोगों को सुविधायें प्राप्त करने के लिए अधिक खर्च करना होता है।
  • इतिहास-
  • चिली 1540 से 1818 तक स्पेन का उपनिवेश रहा है। 1818 में इसने स्पेन से स्वतंत्रता प्राप्त की। आजादी के बाद इस देश ने कई प्रकार के आंतरिक संघर्षों का सामना किया।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के बाद चिली में वामपंथी शक्तियों का प्रभाव बढ़ा। और वामपंथी शासक सत्ता में आया। 1927-1331 तक यहां सैन्य शासन की स्थिति रही। 1938 में वामपंथी गुट पुनः सत्ता में आया। इसी प्रकार का कुछ परिवर्तन आगे भी जारी रहा।
  • वर्ष 1970-1973 के बीच वामपंथ की तरफ झुकाव रखने वाली साल्वोडोर आयेन्दे (Salvador Allende) की सरकार थी। इस सरकार ने कई लोकलुभावन योजनायें लागू की किंतु अर्थव्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके कारण साल्वोडोर आयेन्दे को पद से हटा दिया गया।
  • इसके बाद यहां ऑगस्टो पिनोचे की सरकार सत्ता में आई जिसने आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई।
  • ऑगस्टो पिनोचे ने ट्रेड यूनियन को प्रतिबंधित किया, निजीकरण को बढ़ाया दिया, स्थानीय व्यावसायों को टैक्स से मिलने वाली छूट हटादी तथा लगभग सभी क्षेत्रें का निजीकरण कर दिया। इन कार्यों के लिए एक नये तरह का संविधान भी ऑगस्टो पिनोचे के द्वारा निर्मित कर लागू किया गया।
  • वर्ष 1990 में पिनोचे की सत्ता तो खत्म हो गई लेकिन वह संविधान अभी तक लागू है। इस संविधान को सेना एवं पूंजीपतियों के हितों के अनुसार बनाया गया था, जिसके कारण कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को लागू नहीं किया जा सकता है। इसके लिए नये संविधान की आवश्यकता होगी।
  • इस संविधान के तहत अर्थव्यवस्था का स्वरूप इस तरह बनाया गया है कि मध्यवर्ग और निम्न वर्ग उसका लाभ लेने में सक्षम नहीं है। एक तरफ यहाँ के लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है तो दूसरी तरफ लोगों को मजबूर किया जा रहा है कि सार्वजनिक सेवाओं के लिए अधिक भुगतान करें।
  • पिछले साल यहां मेट्रो के किराये में 4 प्रतिशत वृद्धि की गई, जिससे यहां के निम्न एवं मध्यवर्ग की स्थिति खराब होनी थी। इसके कारण इस किराया वृद्धि के विरोध में लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे।
  • धीरे-धीरे यह आंदोलन फैलने लगा तथा कुछ वर्गों को छोड़कर सभी का समर्थन मिलने लगा। देखते-देखते यह संख्या (प्रदर्शनकारियों) लाखों में पहुँच गई।
  • इस आंदोलन ने किराया वृद्धि के साथ-साथ असमानता को खत्म करने की मांग प्रारंभ कर दी। प्रारंभ में यह आंदोलन शांतिपूर्वक रहा बाद में हिंसक हो गया और कई लोगों की मृत्यु हो गई।
  • चिली में जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यहां आयोजित होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन एवं संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का आयोजन रद्द करना पड़ा।
  • हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए यहां के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिन्येरा ने सेंटियागो में आपातकाल की घोषणा कर दी और सेना को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी। हालांकि बाद में इसे वापस ले लिया गया।
  • आंदोलन बढ़ता गया और इसकी मांगें भी बढ़ती गईं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति पेनेरा के इस्तीफे की मांग करने लगे, सामाजिक-आर्थिक सुधार की मांग करने लगे, तथा संविधान को परिवर्तित करने की मांग करने लगे।
  • संविधान परिवर्तन की मांग इसलिए की गई क्योंकि बिना इसके मूलभत परिवर्तन नहीं किये जा सकते थे।
  • कोरोना काल में यह आंदोलन सड़कों पर तो रूक गये थे लेकिन लोगों के बीच यह अपना प्रसार कर रहे थे। यहां हाल के दिनों में फिर लोग सड़कों पर एकत्रित होने लगे।
  • इसीकारण यहां के राष्ट्रपति ने एक जनमत संग्रह करवाने का निर्णय लिया जिसमें दो सवाल पूछे जाने थे।
  1. क्या लोगों को नया संविधान चाहिए?
  2. नया संविधान किससे लिखवाना चाहते हैं ?
  • यहां हुए जनमत संग्रह में 78.24 प्रतिशत लोगों ने नये संविधान का समर्थन किया है और अपने बीच के लोगों से संविधान लिखवाने का समर्थन किया है।
  • यहां एक चुनी हुई परिषद नये संविधान का निर्माण करेगी।
  • यहां के लोगों ने इन मतों के परिणाम को देखते हुए इसे चिली का पुनर्जन्म कहा है।
  • चिली का घटनक्रम अन्य विकासशील देशों के लिए भी एक उदाहरण है कि उदारीकरण/निजीकरण या आर्थिक विकास की उस प्रक्रिया को अपनाना चाहिए जिससे सभी वर्गों/क्षेत्रें/समुदायों का लाभ हो।