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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 23 May 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 23 May 2020



भारत की GDP ग्रोथ रेट नकारात्मक होगी

  • हाल ही में विश्व की प्रतिष्ठित वित्तीय एनालिसिस संस्था Goldman Sachs द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में यह कहा गया कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में यहां की GDP ग्रोथ रेट -5% रह सकती है !
  • इसके अलावा बहुत से समीक्षकों ने यह संभावना भी व्यक्त किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है !
  • हाल ही में Monitory Policy Committee की बैठक हुई ! बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीतियों में कई प्रकार के परिवर्तन किए जिसमें सबसे प्रमुख भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में यह था कि उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर नकारात्मक रह सकती है !
  • इसके साथ उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा !
  • उन्होंने कहा कि ग्लोबल ट्रेड में 13-32% की गिरावट आ सकती है जिससे पता चलता है कि मांग में कमी आई है !
  • लोकडाउन के दौरान भारत के आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई है और लोगों के आय पर असर पड़ने के कारण भारत में भी मांग बहुत घटी है !
  • आगे उन्होंने कहा- शीर्ष 6 औद्योगिक राज्य जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60% योगदान है वह अभी भी Red और Orange जोन में हैं , जिसका आशय यह है कि यहां उत्पादन जल्दी प्रारंभ नहीं हो पाएगा !
  • उन्होंने कहा कि सबसे अधिक झटका निजी खपत में लगा है, जिसकी घरेलू मांग में हिस्सेदारी 60% है !
  • कुछ समीक्षकों का यह भी मानना है कि GDP की ग्रोथ रेट लंबे समय तक नकारात्मक रहेगी क्योंकि मजदूर वापस लौट रहे हैं, लोग नए निवेश से बच रहे हैं और बचत कम है जिसे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं ! इसके साथ-साथ बैंक भी लोगों को लोन देने से बच रहे हैं !
  • किसी देश की GDP लगातार दो तिमाही तक यदि नकारात्मक रहती है तो सामान्यतः इसे मंदी (Recession) के रूप में देखते हैं !
  • भारत में इसी प्रकार के लक्षण कुछ समीक्षकों के द्वारा बताए जा रहे हैं !
  • मंदी की एक परिभाषा यह भी बताई जाती है कि यदि किसी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी गिरावट आती है तो भी यह मंदी हो सकती है अर्थात नकारात्मक ग्रोथ आवश्यक नहीं है !
  • इस दौरान व्यापार, रोजगार, आय, उत्पादन में भी बड़ी गिरावट आती है, जैसे मंदी के दौरान आती है !
  • केवल नकारात्मक वृद्धि दर (Negative Growth Rate) की ही बात करें तो आजादी के बाद चार बार ऐसा हो चुका है !
  • 1957-58 (-1.2%), 1965-66 (- 3.7%), 1972-73 (0.3%) एवं 1979-80 (-5.2%) ऐसे समय काल हैं जब भारतीय अर्थव्यवस्था में नकारात्मक वृद्धि देखी गई !
  • आंकड़ों से स्पष्ट है 1979- 80 में -5.2% की नकारात्मक वृद्धि सर्वाधिक रही है !
  • यहां यह भी स्पष्ट है कि यह दौर LPG मॉडल अपनाने से पहले का है !
  • अब यदि नकारात्मक वृद्धि होगी तो यह LPG मॉडल के बाद पहला समय होगा !
  • LPG मॉडल से पहले नकारात्मक ग्रोथ का संबंध भारत पर किए गए हमलों, सूखा और प्राकृतिक आपदा तथा वैश्विक तेल मूल्य में वृद्धि से होता था !
  • कोरोनावायरस से जापान ऑफिशियली पहले ही मंदी की चपेट में आ चुका है और भारत में भी यदि यही अवस्था उत्पन्न होती है तो यह पहली बार होगा कि किसी महामारी की वजह से ऐसा हो रहा है !
  • हालांकि 1991 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था सतत रूप से अधिक ग्रोथ रेट वाली रही हो ऐसा भी नहीं है ! कई बार अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट भी देखने को मिली है ! जिसे Recession के रूप में कई समीक्षक देखते हैं !
  • 1999 में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 9% की ग्रोथ रेट से वर्ष 2000 में 4% तक सीमित हो गई थी !
  • इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक पैसे की आवश्यकता है इसलिए RBI ने रेपो रेट में 40 Basis Points (.4) कटौती कर दी है इसे 4.4 से घटाकर 4% कर दिया गया है ! वहीं इसी प्रकार की कटौती RRR मे भी की गई और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% कर दिया गया है !
  • एक अच्छी खबर गवर्नर द्वारा यह जरूर दी गई कि भारत का Forex Reserve 487 बिलियन डॉलर का है जिससे 1 साल की आयात आवश्यकताएं पूरी हो सकती हैं !

Dehing Patkai Wildlife Sanctuary

  • अप्रैल 2020 में नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (NBWL) ने असम की देहिंग पटकई वन्य जीव अभ्यारण (Dehing Patkai Wildlife Sanctuary ) के एक हिस्से सालेकी (Saleki) मे खनन की सिफारिश की थी ! जिसकी अनुमति मिल गई !
  • दरअसल नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) ने जुलाई 2019 में खनन क्षेत्र का आकलन करने के लिए एक समिति बनाई थी !
  • NBWL भारत Ministry Of Environment, Forest and Climate Change के अंतर्गत कार्य करता है !
  • सालेकी में कोयला खनन कोल इंडिया लिमिटेड की एक इकाई द्वारा किया जाएगा !
  • देहिंग पटकई वन्य जीव अभ्यारण असम के डिब्रूगढ़, शिवसागर और तिनसुकिया जिले में 111 वर्ग किलोमीटर विस्तृत वर्षा वन क्षेत्र है ! इसी का एक हिस्सा सालेकी है इसे अमेजॉन ऑफ द ईस्ट के नाम से जाना जाता है ! इसे वन्य जीव अभ्यारण के रूप में 2004 में बनाया गया था !
  • देहिंग पटकई भारत में उष्णकटिबंधीय तराई वर्षा वनों का सबसे बड़ा क्षेत्र है !
  • इसकी अवस्थिति असम और अरुणाचल की सीमा पर है लेकिन यह असम के हिस्से के रूप में ही जाना जाता है !
  • यहां से एक नदी देहिंग प्रवाहित होती है जो आगे जाकर ब्रह्मपुत्र से मिल जाते हैं !
  • चूंकि यहां घने वन पाए जाते हैं इसलिए इसकी पहचान एलीफेंट वन्यजीव अभयारण्य के रूप में भी है !
  • जहां अधिकांश वह जीव पाए जाते हैं जो वर्षा वनों में मिलते हैं !
  • कुल मिलाकर पादप और जंतु विविधता के दृष्टिकोण से यह क्षेत्र सर्वाधिक संपन्न है !
  • क्षेत्र के एक हिस्से में कोयला खनन का कार्य पहले से चल रहा था लेकिन अब पूरे कोयला क्षेत्र के लिए अनुमति मिलने के कारण इस पर विवाद उत्पन्न हो गया है !
  • चूंकि लॉकडाउन का समय है इसलिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इस वन्य जीव अभ्यारण को बचाने की मुहिम चल रही है !
  • समस्या इसलिए गंभीर है क्योंकि कोयला खनन कई प्रक्रियाओं- पेड़ों की कटाई, रास्ता निर्माण, खनन, अपशिष्ट निस्तारण, वायु एवं जल प्रदूषण, वन क्षेत्र में मानवीय गतिविधि आदि का मिला-जुला रूप है !
  • सरकार ने कोयला खनन में हाल में Reforms किए हैं जिसकी वजह से आने वाले समय में यहां खनन की गतिविधियां बढ़ सकती हैं !
  • यहां यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि यहां पर पहले से लाइसेंस के साथ-साथ गैरकानूनी खनन गतिविधियां हो रही थी !