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Blog / 22 Jul 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 22 July 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 22 July 2020



बहुआयामी गरीबी पर नई रिपोर्ट

  • गरीबी से तात्पर्य उस अभाव वाली स्थिति से है जिसमें वह अपने जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं जैसे- वस्त्र, घर, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि प्राप्त करने में सक्षम नहीं होता है।
  • दूसरे शब्दों में गरीबी एक ऐसी सामाजिक-बुराई है जिसमें फंसे व्यक्ति का भविष्य सुरक्षित नहीं होता है, वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में समर्थ नहीं होता है, वह अपने अधिकारों से परिचित नही हो पाता है, वह अपने सामाजिक अधिकारों का उपभोग नहीं कर पाता है।
  • आजादी के 70 साल बाद भी आज तक हम गरीबों की वास्तविक संख्या पता नहीं कर पाये है।
  • दरअसल समय-समय पर विभिन्न आयोगों एवं सरकारों द्वारा गरीबी निर्धारण की जो पद्धति/प्रक्रिया अपनाई जाती है उसमें एकरूपता का अभाव है।
  • गरीबी तय करने के लिए 1962 में कार्यकारी समूह, 1979 में अलघ समिति, 1993 में लकड़वाला समिति, 2005 में तेंदुलकर समिति, 2013 में रंगराजन समिति आदि ने अपने-अपने हिसाब से गरीबी रेखा का निर्धारण किया।
  • गरीबी रेखा वह रेखा होती है जिसके ऊपर होने पर व्यक्ति गरीब नहीं माना जाता है जबकि इस रेखा से नीचे होने पर उसकी गिनती गरीब व्यक्ति के रूप में की जाती है।
  • वर्ष 2014 में गरीबी निर्धारण के लिए ग्रामीण इलाकों में 32 रूपये प्रतिदिन तथा कस्बों एवं शहरों में 47 रूपये प्रतिदिन उपभोग को आधार बनाया गया था।
  • हम आये दिन किसानों की आत्महत्या की बात सुनते है, जिसमें एक प्रमुख कारण गरीबी है।
  • दरअसल आजादी से अब तक कृषि क्षेत्र ने अपना वह मुकाम प्राप्त नहीं किया है जिससे कृषि सेक्टर निर्भर बन सके फलस्वरूप किसान परिवार और कृषि पर निर्भर वर्ग की आय कम है, वर्ष भर रोजगार का अभाव है जिससे वह गरीबी के चक्र से बाहर नहीं आ पाते हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्र से जब लोग शहरों की ओर प्रवास करते है तो उन्हें असंगठित क्षेत्र में कार्य करना होता है, मलीन बस्तियों में निवास करना होता, बेहतर सुविधाओं का अभाव रहता है जिससे वह गरीब बने रहते हैं।
  • वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 37 करोड़ लोग गरीब थे।
  • हमारे यहां गरीबों की संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है।
  • वर्ष 2017 में नीति आयोग ने 2032 तक गरीबी दूर करने का लक्ष्य तय किया था, जिसके लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट प्रस्तावित किया था।
  • इस डॉक्युमेंट में गरीबी दूरे करने के तीन चरण रेखे गये थे- 1. देश में गरीबों की सही संख्या का पता लगाया जाये, 2. गरीबी उन्मूलन संबंधी योजनाएं चलाई जायेंगी, 3. इन योजनाओं की मॉनिटरिंग की जायेगी।
  • गरीबी संबंधी मुद्दे का अध्ययन करने वाला एक प्रमुख संगठन ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (OPHI) है।
  • यहा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के तहत स्थापित एक प्रमुख अनुसंधान केंद्र है जिसकी स्थापना वर्ष 2007 में की गई थी।
  • यह लोगों के मूल्यों एवं अनुभवों के आधार पर बहुआयामी गरीबी को कम करने के लिए नीति निर्माण पर अपना विचार रखता है।
  • OPHI अर्थात ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव बहुआयामी गरीबी का पता करता है।
  • बहुआयामी गरीबी के निर्धारण में सभी प्रकार के अभावों एवं कमियों का पता लगाया जाता हैं इसके लिए खराब स्वास्थ्य, शिक्षा की कमी, काम की खराब दशायें, निम्न जीवन स्तर, पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्रें में रहना आदि को शामिल किया जाता है।
  • यह लोग जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरणीय गिरावट (वायु, जल) के सबसे अधिक पीड़ित हैं। जिसमें पर्याप्त पोषण एवं उचित आवास सुविधायें भी नहीं मिल पाती हैं। इस तरह यह पर्यावरण गिरावट और गरीबी का दोहरा बोझ उठाते है।
  • हाल ही में UNDP- (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) तथा OPHI द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (GMPI-2020- Global Multidimensional Poverty Index) के आंकड़े जारी किये हैं।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार 107 देशों में लगभग 1-3 बिलियन लोग बहुआयामी गरीबी से प्रभावित है।
  • सब सहारा अफ्रीका क्षेत्र और दक्षिण एशिया में लगभग 84.3% बहुआयामी गरीब लोग रहते हैं।
  • बहुआयामी गरीबी से प्रभावित लगभग 67% लोग मध्य निम्न आय वाले देश से संबंधित है।
  • हालांकि बहुआयामी गरीबी में अधिकांश देशों में कमी दर्ज की गई हैं उदाहरण स्वरूप वर्ष 2000 से 2019 के मध्य 75 में से 65 देशों में बहुआयामी गरीबी के स्तर में कमी देखी गई है।
  • यह 75 देश मध्य, पूर्व तथा दक्षिण एशिया, लैटिन अमेरिका, उप-सहारा अफ्रीका, यूरोप तथा प्रशांत क्षेत्र से संबंधित हैं।
  • भारतीय समेत चार देशों ने 5.5 से 10.5 वर्षों में अपनी बहुआयामी गरीबी को आधा कर लिया है।
  • बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने वाले सर्वाधिक लोग भारत से हैं। भारत में 2005-06 से 2015-16 के बीच 27-3 करोड़ लोग गरीबी से बाहर जाये है।
  • रिपोर्ट के अनुसार 2018 तक यहाँ करोड़ लोग बहुआयामी से ग्रसित थे।
  • भारत, नेपाल और बांग्लादेश वह देश है जिसने बहुआयामी गरीबी को सबसे तेजी कम किया है।
  • GMPI- 2020 के संकेतक के रूप में जीवनस्तर, शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधित 10 संकेतकों को आधार बनाया गया है। जो लोग भारित मूल्य/संकेतकों का कम से कम एक तिहाई अभाव का सामना करते हैं उन्हें इसमें शामिल किया जाता है।

PASSEX अभ्यास

  • देश की संप्रभुत्ता की रक्षा करना हर देश की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए किसी भी देश के लिए जरूरी होता है कि वह अपनी सैन्य ताकत में न सिफ समय-समय पर वृद्धि करे बाल्कि सेना को विषम परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित भी करता रहे। इसलिए समय-समय पर देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किये जाते हैं।
  • यह सैन्य अभ्यास युद्ध, आतंकवाद, किसी विद्रोह से निपटने में देश को सक्षम बनाते हैं।
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास से तात्पर्य दो देशेां की सेनाओं या उनके किसी भाग के बीच होने वाले अभ्यास से है।
  • यह सेनाओं को प्रशिक्षित करने के अलावा एक कूटनीतिक पहल भी होता है, सैन्य शक्ति प्रदर्शन भी होता है तथा यह किसी शत्रु देश को संदेश भेजने का माध्यम भी।
  • यह सैन्य अभ्यास द्विपक्षीय, बहुपक्षीय या एक पक्षीय (एक देश की सेना के द्वारा) हो सकते है।
  • विगत कुछ माह से चीन ने जिस प्रकार का तनाव भारत की सीमा पर बढ़ाया है उससे भारत ने हिंद- प्रशांत क्षेत्र में अपनी सुरक्षात्मक गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
  • इसी के तहत ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच सैन्य समझौंतों पर भी बात-चीत हुई है।
  • इसी के साथ भातीय नौसेना के अपने अभ्यास बढ़ा दिये है।
  • कुछ समय पहले भारतीय नौसेना ने फ्रांसीसी सेना एवं जापानी नौसेना के साथ एक PASSEX का आयोजन आयोजन किया।
  • PASSEX जिसे Passing Exercise के नाम से भी जाना जाता है । यह एक ऐसा अभ्यास होता है जिसमें दो नौसेनाओं के बीच क्म्यूनिकेट और कॉपरेट करने का प्रयास किया जाता है जिसे युद्ध जैसी विषय परिस्थिति में यह नौसेनाएं मिलकर दुश्मन का सामना कर सकें।
  • अमेरिका के साथ हुए PASSEX में INS शिवालिक, INS सहयाद्री, INS कामोर्टा, INS राणा शामिल थे। अमेरिका की तरफ से USS कैरियर निमिट्ज एवं तीन अन्य जहाजों ने इसमें हिस्सा लिया।
  • यह PASSEX इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें अमेरिका का सबसे बड़ा नौसेनिक जहाज निमिट्ज शामिल था।
  • इससे दोनों देशों की नौसेना में न सिर्फ समन्वय बढेगा बल्कि उन व्यवहारिक चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास किया जायेगा जो युद्ध के समय कमजोरी का कारण बन सकती है।
  • इस प्रकार के अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुरक्षा में बढ़ेगी तथा समुद्री लुटेरों और साम्राज्यवादी शक्तियों पर लगाम लगेगी।
  • कुछ प्रमुख संयुक्त सैन्य अभ्यास निम्नलिखित है:
क्रमांक सैन्य अभ्यास का नाम आयोजित स्थल भागीदार देश/सेना
1 अजय योद्ध UK भारत एवं यूनाइटेड किंगडम
2 बिम्सटेक आपदा प्रबंधन उत्कृष्टता 2020 पुरी, ओडिशा भारत - बांग्लादेश
3 सम्प्रिती-9 उमरोई, मेघालय भारत - बांग्लादेश
4 मित्र शक्ति-7 पुणे, महाराष्ट्र भारत-ंश्रीलंका
5 हिम विजय अरूणाचल प्रदेश भारत और चीन
6 टाइगर ट्रायम्फ विशाखा पट्टनम एवं काकिनाडा भारत और अमेरिका
7 चांग-थांग पूर्वी लद्दाख भारत और चीन
8 एकुवेरिन पुणे, महाराष्ट्र भारत और मालदीव
9 SIMBEX 2019 दक्षिणी चीन सागर भारत और सिंगापुर
10 Al Nagah 3 ओमान भारत और ओमान