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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 21 December 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 21 December 2020



बिटकॉइन क्या है और चर्चा में क्यों है?

  • देश-दुनिया के किसी भी व्यक्ति/संस्था या देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तथा आपसी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक करेंसी (मुद्रा) की आवश्यकता होती है, जिसके माध्यम से आपसी व्यापार एक भरोशे के साथ होता है हर देश को अपनी करेंसी है, जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते है।
  • इसी तरह आज एक तकनीकी मुद्रा इस्तेमाल की जाती है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। यह एक डिजिटल मुद्रा होती है, अर्थात यह एक आभासी मुद्रा है।
  • यह कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी हुई मुद्रा है, जिसके पीछे कोई अथॉरिटी, सरकार, बैंक या व्यक्ति नहीं है। इसके क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से बनाया जाता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी की शुरूआत 2008 की वैश्विक महामंदी के दौरान 2008-09 में हुई थी। इसकी शुरूआत वर्ष 2009 में बिटकॉइन से मानी जाती है। इसे किसने बनाया था, इसे लेकर आम सहमति नहीं है। लेकिन एक प्रमुख नाम सातोशी नाकामोटो का आता है।
  • बिटकॉइन के निर्माणकताओं का मानना था कि आपसी लेन-देन के लिए किसी तीसरे व्यक्ति की जरूरत न पड़े। वर्तमान समय में भी जब हम पैसा दूसरे के पास जब भेजते हैं तो कोई बैक या संस्था मध्यस्य बनता है। यह मध्यस्थ सामान्यतः बैंक होते है। बैंक के पास हमारी सभी जानकारियाँ जैसे की पैसे की मात्र/भेजने वाले के विषम में होती है। साथ ही बैंक यह भी जानता है कि हम किससे लेन-देन कर रहे है।
  • बैंक लेन-देन को पारदर्शी और सही व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए अधिक से अधिक जानकारी एकत्रित करता है। बिटकॉइन निर्माणकर्ताओं का मानना था कि लेने-देन का ऐसा तरीका होना चाहिए जिसमें तीसरे व्यक्ति की आवश्यकता न हो।
  • वर्ष 2009 से लेकर अब तक हजारों क्रिप्टोकरेंसी आ चुकी है लेकिन सबसे प्रचलित नाम बिटकॉइन का है।

क्रिप्टोग्राफी (Cryptography)-

  • क्रिप्टोग्राफी ग्रीक शब्द ‘Krypto’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ ‘Hidden Secrets’ होता है। तकनीक का प्रयोग कर हम जब किसी सूचना का इस तरह इनक्रिप्ट कर देते है कि कोई दूसरा व्यक्ति न पढ़ जाये/जान पाये तो यह क्रिप्टोग्राफी कहलाती है। इसके जरिए हम डाटा को Unreadable Secret Codes में बदल सकते है। इस डेटा को वही व्यक्ति पढ़ सकता है जिसके पास इसको Decrypt करने की सिक्रेट की होगी। डिक्रिप्ट डेटा को Plain text और इनक्रिप्ट डेटा को Cipher text कहते है।
  • क्रिप्टो करेंसी (बिटकॉइन) में सूचनाएं क्रिप्टेड की गई होती है इस कारण इसमें धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाता है। क्रिप्टो करेंसी को कोई अर्थारिटी के ट्रोंल नहीं करती है, जिसके कारण नोटबंदी या करेंसी के मूल्य के कम होने का खतरा नहीं होता है। बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक जो अपना पैसा छुपाकर रखना चाहते हैं।
  • क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होती है, इसके कारण किसी भी प्रकार का ट्रांजेक्शन करने के लिए ब्लॉकचैन को माइन करना होता है।
  • ब्लॉकचैन तकनीक- ब्लॉकचैन तकनीकी ऐसी तकनीकी है जिसमें पैसे का स्थानांतरण बिना किसी बिचौलिये के लिए किया गया है।
  • ब्लॉक क्या होता है?- जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को बिटकॉइन का मालिकाना हक हस्तांतरिक करता है, तो यही ब्लॉक कहलाता है। बिटकॉइन ब्लॉकचैन में ही रहती है इसे किसी व्यक्ति को इस चैन से अलग करके दिया नहीं जा सकता हैं यह बिटकॉइन का स्वामित्व ही ब्लॉक है जो एक चैन से जुड़ा होता है।
  • उदाहरण- जब कोई व्यक्ति किसी जमीन की रजिस्ट्री दूसरे व्यक्ति को करता है तो जमीन कहीं नहीं जाती है, सिर्फ स्वामित्व परिवर्तित होता है।
  • कई ब्लॉक मिलकर ब्लॉकचैन का निर्माण करती है। यह हजारों लाखों कंप्यूटरों का एक नेटवर्क है, जिसमें इसे जुड़े लोग शामिल है। यह एक प्रकार Ledger (वही-खाता) की तरह है, जिसके अंदर सभी प्रकार के रिकॉर्ड जैसे किस व्यक्ति ने, कितने क्वांटिटी के बिटकॉइन को कितने रुपये में बेचा सभी प्रकार की जानकारियाँ रहती है। हर ब्लॉक का अपना एक हैस ((#) होता है।
  • ब्लॉक माइनिंग क्या है?- जिस तरह हम सोना चाँदी खदान से निकालते है। तो हमें यह बहुमूल्य धातुएं प्राप्त होती है। ठीक इसी तरह से बैंक भी मुद्राओं को छापते हैं। इसे मिंटिंग कहते है। यहां नोटों की छपाई की जाती है उसे मिंट कहते है। ठीक इसी तरह नये बिटकॉइन के निर्माण को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। यह एक कंप्यूटराइज्ड कंप्यूटर एल्गोरिदान से बनता है। इस समय 50000 से अधिक लोग माइनिंग कर रहे होते हैं, किसी एक समय में किसी एक ही व्यक्ति के द्वारा इसकी माइनिंग हो पाती है। ब्लॉक माइनिंग से नये बिटकॉइन प्राप्त होते है।
  • हाल ही में बिटकॉइन ने 20 हजार अमेरिकी डॉलर के मूल्य को पार किया है। चूंकि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टों करेंसीज के मूल्य में काफी अस्थिरता रहती है इसलिए बिटकॉइन के मूलय वृद्धि की कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं की जा सकती है।

बिटकॉइन को मुख्यतः तीन तरह से प्राप्त किया जा सकता है-

  1. आवश्यक कम्प्यूटिंग क्षमता उपलब्ध होने पर नए बिटकॉइन की माइनिंग द्वारा।
  2. पर्सन-टू-पर्सन लेन-देन कर
  3. एक्सजेंज के माध्यम से
  • बिटकॉइन माइनर बिटकॉइन के लेन-देन को सत्यापित करने वाले लोगों को कहते है। जो अपने कम्प्यूटर हार्डवेयर के माध्यम से बिटकॉइन नेटवर्क को सुरक्षित करते है इसे बिटकॉइन माइनिंग कहते है।
  • बिटकॉइन प्रोटोकॉल को इस प्रकार डेवलप किया है कि एक निश्चित दर पर ही नए बिटकॉइन का निर्माण है।
  • कोई भी माइनर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए सिस्टम में बदलाव नहीं कर सकता।
  • बिटकॉइन में अधिकतम 21 मिलियन बिटकॉइन इकाइयाँ ही बनाई जा सकती है। जो कि बिटकॉइन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
  • बिटकॉइन एक्सचेंज एक बैंक की तरह कार्य करता है जिसमें व्यक्ति पारंपरिक मुद्रा से बिटकॉइन खरीदता और बेचता है।
  • मांग और आपूर्ति के आधार पर बिटकॉइन के मूल्य में परिवर्तन होता रहता है।

बिटकॉइन का विनियमन-

  • बिटकॉइन की आपूर्ति को ब्लॉकचैन से नियंत्रित किया जाता है जिसमें कोई सरकार, बैंक, संगठन या व्यक्ति छेड़छाड़ नहीं कर सकता।
  • बिटकॉइन का उद्देश्य विकेन्द्रीकरण मुद्रा प्रणाली का निर्माण करना है अभी इसे किसी भी केंद्रिय बैंक या प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। यहां ध्यान देने योग्य है कि विश्व को कई देशों की सरकारे राष्ट्रीय मुद्रा के डिजिटल मुद्रा को लॉच करने की दिशा में कार्यरत है जिसें उस देश कि केद्रीय बैंक विनियमित किया जायेगा।

UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची

  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO), संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। जैसा कि इस संगठन के नाम में निहित है यह संगठन शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय विकास एवं शांति को स्थापित करने का स्थापित करने का प्रयास करता है।
  • इसकी स्थापना 4 नवंबर 1945 को की गई थी। भारत वर्ष 1946 में इसका सदस्य बना। इसका मुख्यालय पेरिस में है।
  • इसके वर्तमान अध्यक्षा आंद्रे अजोले (Audrey Azoulay) हैं। यह वर्ष 2017 से इस पद पर है।
  • इसका कार्य-शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति आदि के क्षेत्र में अंर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून के राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन सके।
  • वर्तमान समय में इसके 193 सदस्य, 11 सहयोगी एवं दो पर्यपेक्षक सदस्य देश हैं।
  • इसके ज्यादातर क्षेत्रीय कार्यालय कलस्टर के रूप में है, जिसके अंतर्गत तीन-चार देश आते हैं। इसके राष्ट्रीय कलस्टर की संख्या 27 है। इसके 21 राष्ट्रीय कार्यालय भी हैं।
  • यूनेस्कों विश्व की संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने हेतु विरासत स्थलों एवं परंपराओं को मूल्य दो प्रमुख श्रेणियों में बांटता है।
  1. मूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची- इसके अंतर्गत सांस्कृतिक विरासत सूची, प्राकृतिक विरासत सूची एवं मिश्रित विरासत सूची को शामिल किया जाता है।
  2. अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची- इससूची का उद्देश्य अर्मूत सांस्कृतिक विरासत तत्वों के संबंध जागरूकता बढ़ाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत परंपराओं, संस्कृतियों, नृत्य शैली, मेला, त्यौहार, गायन शैली, कारीगरी इत्यादि को शामिल किया जाता है।
  • अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची वर्ष 2008 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर कन्वेंशन के समय स्थापित की गई थी।
  • यूनेस्कों की अंतर-सरकारी समिति 15वें सत्र में इस अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में सिंगापुर क हॉकर संस्कृति (Hawker Culture) को शामिल किया गया है।
  • यह सिंगापुर की एक जीवंत संस्कृति है जो यहां स्ट्रीट बेंडर्स/हॉकर्स ओर उनके उपभोक्ताओं द्वारा विकसित की गई है। इस संस्कृति की आत्मीयता जिंदादिली सभी को आकर्षित करती है।
  • यह संस्कृति बहुसांस्कृतिक पहचान को मान्यता प्रदान करती है और संस्कृति को संरक्षित और उसमें गतिशीलता को वही मान्यता प्रदान किया जाता है जो महत्व एक व्यक्ति एक राष्ट्र को प्रदान किया जाता हैं इस तरह असमानता और किसी प्रकार के छुआछूत से ऊपर इस संस्कृति को स्थापित किया जाता है।
  • यूनेस्को ने कहा है कि ये केंद्र सामुदायिक भोजन कक्ष के रूप में काम करते है, जहां विविध प्रष्ठभूमि के लोग एकत्रित होते हैं। और ओपन एयर फूड कोर्ट में एक दूसरे से उसी प्रकार का व्यवहार करते हैं जैसा कि हर परिवार और समाज अपने अंदर करता है।
  • यहां की हॉकर संस्कृति के विकास में यहां की सरकार का प्रमुख योगदान है। यहां 1970 के दशक में सड़क विक्रेताओं को स्थान प्रदान करने के लिए ‘हॉकर केंद्र’ स्थापित किये गये जिसके बाद यह संस्कृति तेजी से विकसित हुई।
  • फ्रांसीसी भोजन बेल्जियन बीयर भी इस सूची में शामिल है।
  • यूनेस्को के इस फैसले पर आपत्ति प्रकट की है। मलेशिया का कहना है कि उसका स्ट्रीट फूट सिंगापुर के स्ट्रीट फूड से बेहतर है। दरअसल दोनों के बीच टकराव इसलिए है क्योंकि एक अल्पकाल के लिए सिंगापुर मलेशिया का हिस्सा था। वर्ष 1965 में यह स्वतंत्र हुआ तो दोनों के बीच संस्कृति और विरासत का टकराव बढ़ गया। मलेशिया कहता आया है कि सिंगापुर ने उसके स्ट्रीट फूट कल्चर को कॉपी किया है।

भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची-

  1. वैदिक जप की परम्परा
  2. रामलीला - रामायण का पारम्परिक प्रदर्शन
  3. कुटियाट्टम - संस्कृत थिएटर
  4. राममन - गढ़वाल हिमालय के धार्मिक त्यौहार और धार्मिक अनुष्ठान
  5. मुदियेट्टू - अनुष्ठान थिएटर और केरल का नृत्य, नाटक
  6. कालबेलिया लोक गीत और राजस्थान के नृत्य
  7. छऊ नृत्य - पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा
  8. लद्दाख का बौध जप - हिमालय के उद्दाख क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, भारत में पवित्र बौध ग्रन्थों का पाठ
  9. मणिपुर का संकीर्तन, पारम्परिक गायन, नगाड़े और नृत्य
  10. पंजाब के ठठेरों द्वारा बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन
  11. योग - विभिन्न योग क्रियाएं
  12. नवरोज - पारसी समुदाय के द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार (बसंत ट्टतू के दिन, जब दिन और रात बराबर होते हैं)
  13. कुम्भ मेला - प्रयारागत (पूर्व नाम इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश में तीन नदियों गंगा, यमुना तथा सरस्वती के संगम स्थल पर