Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 18 November 2019
शेयर मार्केट उच्च स्तर पर तो आर्थिक वृद्धि दर कम कैसे?
- स्टॉक एक्सचेंज - वह स्थान होते हैं जो शेयर की खरीद-बिक्री
- सबसे बड़े दो एक्सचेंज - BSE, NSE
- BSE - स्थापना - 1875, एशिया का सबसे पुराना
- विश्व का 12वाँ सबसे बड़ा, स्थान-दलाल स्ट्रीट मुंम्बई
- 5500 से अधिक कंपनियाँ
- NSE - स्थापना 1992, 10वाँ सबसे बड़ा, मुम्बई
- NIFTY एवं SENSEX - इंण्डेक्स - सेंपल कुछ कंपिनियों की
- BSE-SENSEX-30
- NSE-NIFTY-50
- BSE SENXEX-40000+
- सामान्यतः जब अर्थव्यवस्था तेजी से वृद्धि कर रही होती है तो शेयर मार्केट भी तीव्र गति से बढ़ रहा होता है। लेकिन हमेशा ऐसा ही हो जरूरी नहीं है।
- इंडेक्स की स्थिरता बहुत से कारकों पर निर्भर करती है।
- बजट, राजनीतिक स्थिरता, हड़ताल, घोषणाएं (सरकारी कंपनी निजी कंपनी)
- जबकि अर्थव्यवस्था में वृद्धि तात्कालिक न होकर धीमी गति से बढ़ने वाली प्रक्रिया है।
- 2019 लोकसभा-चुनाव के बाद - पहला बजट
- फोरेन इन्वेस्टर्स पर अनेक तरह के टेक्स - 43%
- इसी में Super Rich Tax भी शामिल था।
- विदेशीं निवेशकों ने पैसा निकालना प्रारंभ कर दिया -
- मार्केट 10% गिर गया।
- सरकार सचेत हुई और उसने सुधार करना (टैक्स कटौती) प्रारंभ किया।
टेलीकॉम क्राइसिस
- रिलांइस के मार्केट में आने से वोडाफोन, एयरटेल, आइडिया जैसी कंपनियाँ काफी दबाव में थीं
- मुनाफा में कमी आई थी।
- कंपनी के द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर तो दिये ही जाते है तो साथ ही लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेज भी देना होता है।
- यह पैसा एकमुक्त और सीधा सीधा नहीं दिया जाता बल्कि रेवेन्यू शेयरिंग के रूप में दिया जाता है।
- 100 करोड़ (1) 3.5% - लाइसेंस फीस (2) 8.10% - स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेज
- विवाद? रेवेन्यू के किस भाग को शेयर किया जायेगा?
- पूरे रिवेन्यू के आधार पर-बिल्डिंग बेच देना, टावर लगा देना, बैंक में
- कोर-रिवेन्यू के आधार पर - सर्विस, कॉल, डेटा
- कंपनियों का कहना था कि इस रिवेन्यु के इस हिस्से को शेयर किया जायेगा।
- जबकि सरकार का कहना था पूरे रिवेन्यु के आधार पर किया जाना चाहिए।
- विवाद का प्रारंभ वर्ष 2005 में हुआ। नोटिस दिये गये। ट्रिव्युनल तक विवाद पहुँचा।
- कैग की रिपोर्ट आई इसने कहा कंपिनियाँ अपना प्रॉफिट कम कर के दिखा रही हैं।
- AGR में टोटल रेवेन्यु काउंट होगा - किसी भी प्रकार का। ब्याज के साथ
- वर्ष 2019-20 के दूसरी तिमाही में वोडाफोन एवं एयरटेल के अनुसार 74000 करोड़ का घाटा।
राजीव गावा
- Monopoly (1) उपभोक्ता (2) कंपनिया