Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 17 January 2020
रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव एवं उनकी केबिनेट का इस्तीफा
- रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है यहाँ का क्षेत्रफल लगभग 17 मिलियन वर्ग किलोमीटर है।
- यहाँ की आबादी 15 करोड़ है।
- लादिमीर पुतिन यहाँ 2012 से राष्ट्रपति पद पर है।
- 1999 से 2000 तक और 2008 से 2012 तक प्राइम मिनिस्टर रहे हैं।
- एक तरह से वह 1999 से अब तक किसी न किसी रूप में सत्ता और राजनीति में बने हुए हैं ।
- यहाँ प्रत्येक साल रसियन फेडरल एसेम्बली का आयोजन होता है। जिसमें राष्ट्रपति अपना संबोधन देते हैं।
- इस बार के आयोजन में रसियन गवर्नमेंट में रेडिकल चेंज लगने का प्रस्ताव रखा।
- इन प्रस्तावों पर जनमत कराया जायेगा उसके बाद यह लागू होंगे।
- PM एवं मिनिस्टर के नाम संसद द्वारा सुझाए जायेंगे और संसद को मजबूत बनाया जायेगा।
- सिक्योरिटी एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति ऊपरी सदन से चर्चा करने के बाद किया जायेगा।
- राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए State Council है जो अभी संवैधानिक नहीं है, इसे संवैधानिक बनाया जायेगा।
- राष्ट्रपति वही व्यक्ति बन सकता है जो 25 साल से यहाँ रह रहा हो। अभी तक यह अवधि 10 साल थी।
- यदि किसी व्यक्ति ने कभी दूसरे देश की नागरिकता ली होगी तो वह यहाँ का राष्ट्रपति नहीं बन पायेगा।
- राष्ट्रपति द्वारा बनाये गये कानून का रिव्यु Russian Constitutional Court कर पायेगा।
- अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय कानूनों को वरीयता दी जायेगी।
- कोई भी सिविल सर्वेंट बाहर की नागरिकता ग्रहण नहीं कर सकता है।
- न्यूनतम मजदूरी रकम गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए रखा जायेगा।
- 1993 के बाद यह सबसे बड़ा जनमत संग्रह होगा।
- जनमत 2020 के अंत तक होने की संभावना है।
- वर्तमान च्ड एवं केबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है। लेकिन वह कुछ दिन तक कार्य करती रहेगी जब तक नई केबिनेट एवं PM का चुनाव पुतिन नही कर लेते हैं।
- नये PM के रूप में Mikhail Mishustin का चयन पुतिन के द्वारा कर लिया गया है।
- यहाँ राष्ट्रपति के रूप में पुतिन का कार्यकाल 2024 में समाप्त होगा।
- नया प्लान इस तरह का है कि पुतिन ने राष्ट्रपति और संसद को बराबर शक्ति दे दी है।
- यदि पुतिन चाहे तो वह अपने संसद के व्यक्ति को दोनों पदों पर बैठाकर गैर अधिकारिक रूप में सत्ता अपने पास रख सकते हैं।
OLDEST MATERIAL ON THE EARTH
- हाल ही में वैज्ञानिकों ने 4.6 से 7 बिलियन पुराने एक मैटेरियल की खोज की है।
- यह मैटेरियल प्री.सोलर समय का है।
- यह सिलिकन कार्बाइड के दाने के रूप में है।
- यह दाने 1969 में आस्ट्रेलिया गिरे एक Meteorite से प्राप्त हुए हैं, जिसका नाम Murchison है।
- पृथ्वी पर इससे पुराना कोई मैटेरियल अभी तक नहीं खोजा गया है।
- इस प्रकार के प्री सोलर दाने किसी मैटियोराइट्स में बहुत Rare केस में मिलते हैं। लगभग 5% मेटियोराइट्स में ही।
- इनसे तारों के निर्माण का फिनामिना सुलझ सकता है।
- सिलिकन कार्बाइड को Carborundum भी कहा जाता है जो सिलिकान और कार्बन का कंपाउंड होता है।
- यह एक प्राकर का सेमी कंडक्टर मैटेरियल है।
- हमें यह ज्ञात है लगभग 4.54 बिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी का निर्माण हुआ था, यही समयकाल सोलर सिस्टम का है।
- बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति लगभग 14-15 बिलियन वर्ष पूर्व हुई लेकिन पृथ्वी की उत्पत्ति बाद में हुई।
CAA के खिलाफ केरल सरकार की DC में अपील
- सिटीजन अमेंडमेट एक्ट के पास होने और लागू होने तक देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
- अभी तक CAA एवं NPR के खिलाफ सड़कों पर आम लोगों एवं राजनीतिक दलों द्वारा किया जा रहा था लेकिन अब राज्य इसे वैधानिक तरीके से चुनौती दे रहे हैं।
- असम, पश्चिम बंगाल, केरल में विरोध प्रदर्शन सर्वाधिक हो रहे हैं जिसमें केरल की सरकार अब न्याय पलिका तक पहुँच गई है।
- केरल की सरकार ने CAA को “Discriminatory” और Colorable Legislation वाला बताया है।
- यह संविधान के आधार भूत ढांचे के खिलाफ हे और लोगों के अधिकार छीनने वाला है।
- सुप्रीम कोर्ट जाने से पूर्व केरल असेंबली ने एक प्रस्ताव भी पास किया कि इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
- केरल से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजे अनुच्छेद 131 के तहत पहुँचा है।
- अनुच्छेद 131- मूलध्प्रारंभिक क्षेत्राधिकार का अर्थ है- कुछ विवादों या मुकदमों की सुनवाई सीधे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा करना। अनुच्छेद 131 के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय को निम्न मामलों में प्रारंभिक अधिकारिता प्राप्त है।
- केन्द्र व एक या अधिक राज्यों के बीच विवाद
- केंद्र और कोई राज्य या राज्यों का एक तरफ होना एवं दूसरी तरफ एक या अधिक राज्यों का दूसरी तरफ होना।
- दो या अधिक राज्यों के बीच विवाद
- कोई ऐसा विवाद जिसमें विधि का या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न अंतर्निहित है। जिस पर किसी विधिक अधिकार का अस्तित्व या विस्तार निहित हो।
- राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित विवाद
- नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंधित विवाद