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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 15 June 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 15 June 2020



आरक्षण पर आगे की राह

  • भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रुझान समाजवाद की ओर था ! समाजवाद को लागू करने के लिए उदारवादी मौलिक अधिकारों को शिथिल करना पड़ता है !
  • मौलिक अधिकार जहां लोगों की स्वतंत्रता को वरीयता देते हैं वहीं समाजवादी नीति निदेशक तत्व राज्य को अधिक अधिकार देने की मांग करते हैं !
  • समाजवाद की ओर बढ़ने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनुसार जमींदार प्रथा का उन्मूलन कर भूमि सुधार करना आवश्यक था !
  • भूमि सुधार के कार्य को आगे बढाते हुए जमींदार प्रथा को समाप्त कर दिया गया !
  • दूसरा प्रावधानइसमें यह किया गया कि सभी के पास सीमित भूमि होगी और जिनके पास अधिक भूमि है उसका राज्य द्वारा अधिग्रहण कर उसका वितरणभूमिहीनोंमें किया जाएगा !
  • भूमि सुधार कानून से जमींदारों के संपत्ति संबंधी मौलिक अधिकारों में कटौती हो रही थी इसके कारण भूमि सुधार संबंधी कानूनों को चुनौती दी गई !
  • उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में बड़ी संख्या में इन सुधारों के खिलाफ अपील की गई ! इसी प्रकार की अपील की सुनवाई करते हुए बिहार उच्च न्यायालय ने इस प्रकार के कानून को अवैध घोषित कर दिया !
  • बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी इन कानूनों को क्रियान्वित करने से रोका जा सकता था इसलिए सरकार द्वारा प्रथम संविधान संशोधन किया गया !
  • इसे18 जून 1951 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ यह विधेयक अधिनियम बन गया !
  • इस संशोधन के द्वारा संविधान में 9वीं अनुसूची को जोड़ा गया !
  • 9वीं अनुसूची का निर्माण कर इसमें भूमि सुधार एवं संबंधित प्रावधानों के लिए 13 कानून शामिल किए गए ! इसमें शामिल होते ही इन कानूनों को न्यायिक समीक्षा से मुक्ति मिल गई।
  • 9 वी अनुसूची में अब कानूनों की संख्या 13 सेबढ़कर 284 हो गई है !
  • इस अनुसूची का निर्माण इसलिए किया गया कि यदि किसी कानून को इसमें शामिल कर दिया जाता है तो उसे न्यायिक समीक्षा से मुक्ति मिल जाएगी ! अर्थात उन्हें अनुच्छेद 31B के तहत संरक्षण प्राप्त होगा !
  • इसी के साथ यदि किसी कानून को न्यायालय ने खारिज कर दिया है ! उसे यदि संसद में बादमेंइसमेंशामिल कर देती है तो वह फिरसेप्रभावी होजाएगी। हालांकि केसवानंद भारती केस, 1973 के बाद इस नियम में थोड़ा परिवर्तन आया है !
  • 9 वीं अनुसूची में शामिल कानून Retrospective (पूर्वव्यापी)भी हो सकते हैं, अर्थात अपने प्रारंभिक अवधि से वैध माने जाएंगे !
  • आरक्षण का मुद्दा भारत के सबसे चर्चित मुद्दों में शामिल रहा है !
  • इसीलिए आरक्षण को लेकर कई बार यह मांग उठती रही है कि इसे भी 9 वीं अनुसूची में डाल दिया जाए !
  • जुलाई 2018 में रामदास आठवले ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी इसे उठाया था !
  • हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है ! इसलिए इसके लिए अपील अनुच्छेद 32 के तहत नहीं की जा सकती !
  • यद्यपि अनुच्छेद 15 तथा 16 के तहत आरक्षण संबंधी प्रावधान आते हैं लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या के तहत इसका स्वरूप बदल गया है !
  • सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब इसे लागू करना राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं है !
  • इसके साथ ही अब इसके लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार-पृच्छा जैसे रिट जारी नहीं की जा सकते हैं !
  • इस फैसले के बाद अब फिर से आरक्षणको9 वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग तेज हो गई है !
  • हालांकि संविधान के जानकारों का कहना है कि यह वैध नहीं होगा !
  • केशवानंद भारती मामले में निर्णय के बाद अब स्थिति यह है कि 9 वीं अनुसूची में शामिल कानूनों की भी न्यायिकसमीक्षा हो सकती है ! हालांकि यह तभी हो सकता है जब संबंधित कानून से किसी के मूल अधिकार का हनन होता हो या फिर संविधान का बेसिक स्ट्रक्चर प्रभावित होता हो।
  • आरक्षण के विपक्ष में भी समय-समय पर यह मांग उठती रहती है कि इसे समाप्त कर दिया जाए या इसकी संरचना में व्यापक परिवर्तन कर दिया जाए !
  • समय की आवश्यकता है कि इस मुद्दे पर संविधान में व्यापक विचार-विमर्श करके ही कोई कदम उठाया जाए !

विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन के पार

  • 1990 के दशक के प्रारंभ में उदारीकरण, निजीकरण औरवैश्वीकरण की नीति अपनाई गई तब यह उम्मीद की गई थी कि आने वाले समय में इसका लाभ भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा !/li>
  • इसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में FPI और FDI के रूप में विदेशी निवेश बढ़ा ! इसका अच्छा प्रभाव इस समय देखने को मिल रहा है !
  • लॉकडाउन के कारण जब भारत की अर्थव्यवस्था किस संवृद्धि दर में कमी आई है और उत्पादन ठप्प हो गया है ।
  • लेकिन इसी समय भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार नेअपने अब-तक के उच्च स्तर 500 बिलियन डॉलरके बिंदु को छू लिया है !
  • यह इस कारण हुआ है क्योंकि हाल के समय में Foreign Portfolio Investment और foreign Direct Investment तेजी से बढ़ा है तो साथ ही विदेशी मुद्रा के खर्च में कमी आई है !
  • हाल के समय में हमें शेयर बाजार में जो उछाल देखने को मिल रहा है वह इस कारण से है क्योंकि विदेशी निवेश बढ़ा है !
  • जून के पहले सप्ताह में ही FPI के माध्यम से 2.75 बिलियन डॉलर का देश में निवेश हुआ है !
  • रिलायंस इंडस्ट्री द्वारा हाल ही में किए गए समझौतों के माध्यम से ही लगभग 97000 करोड रुपए डॉलर के रूप में आए हैं !
  • विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने का एक प्रमुख कारण तेल आयात पर होने वाला खर्च होता है ! क्योंकि अभी के समय में न सिर्फ इनकी कीमतें कम हुई हैं बल्कि भारत में इनका उपयोग भी कम हुआ है इस कारण कम तेल आयात की वजह से डॉलर खर्च में भी कमी आई है !
  • विदेशी यात्रा से भी इस भंडार में कमी आती है जो इस समय रुकी है फलस्वरुप डॉलर के कम खर्च से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हो रही है !
  • इस FDI एवं FPI अंतर्प्रवाह का सबसे महत्वपूर्ण कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में निहित मांग की संभावना है !
  • इसके साथ-साथ जिस तरह चीन से कंपनियां दूसरे देशों में जा रहीहैं इसके कारण भी निवेशकों को भारत में कार्यरत भारतीय और विदेशी कंपनियों में वृद्धि की संभावना दिखाई दे रही है !
  • सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती के कारण भी यहां के कार्पोरेट क्षेत्र में संभावना मौजूद है !
  • कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार जो GDP का लगभग 15% हो गया है यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है !
  • इस बढ़ी हुई मुद्रा भंडार से आने वाले समय में और भी निवेश आने की संभावना है !
  • इससे भारतीय मुद्रा को मजबूती मिलने की संभावना है !

मैंग्रोव वन

  • मैंग्रोव वन सुनामी और तूफान जैसी आपदाओं से जहां आंतरिक भागों की रक्षा करते हैं वहीं इन आपदाओं से इन्हें बड़ी मात्रा में क्षति भी पहुंचती है !
  • हाल ही में बंगाल में आए अंफान चक्रवात ने न सिर्फ बंगाल में भारीतबाही मचाई बल्कि इससे सुंदरवन का लगभग 28% भाग क्षतिग्रस्त हो गया है !
  • सुंदरवन जंगल का विस्तार 60:40 के अनुपात में बांग्लादेश तथा भारत में है ! यह दोनों देशों के लगभग 10000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फैला है !
  • यहां पाए जाने वाले सुंदरी वृक्षों की अधिकता के कारण इसे सुंदरबन के नाम से जाना जाता है !
  • सुंदरवन प्रमुख रूप से मैंग्रोव वनों से आच्छादित है यहां के 4263 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर मैंग्रोव वनों का विस्तार है !
  • अंफान के कारण हुई क्षति को कम करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस से प्रारंभ कर 14 जुलाई 2020 तक यहाँमैंग्रोव के 3.5 करोड़ पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है !
  • हालांकि समीक्षकों का मानना है कि क्षतिग्रस्त हो चुके मैंग्रोव वनों की पुनर्स्थापना में कई वर्ष का समय लग सकता है !
  • मैंग्रोव वन उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में तटों, ज्वारनदमखों, लैगून, पंक जमाव, ज्वारी क्रीक और बैक वाटर क्षेत्र में विकसित होने वाले ऐसे वन है जो अपनी जड़ों के जाल के माध्यम से तटीय क्षेत्रों की रक्षा करते हैं !
  • इन का उद्गम भारत एवं समीपवर्ती क्षेत्र में माना जाता है इसी कारण इनकी सघनता भी यहां ज्यादा मिलती है !
  • यह नमक प्रतिरोधी होते हैं और इनकी जड़ें नमक की कुछ मात्रा को पानी से अलग भी कर देती हैं !
  • इनकी जड़ों को 'न्यूमेटोफोर्स' कहते हैं ! यही जड़े ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान प्रदान करते हैं !
  • इन्हीं जड़ों की वजह से यहां खारे पानी में न सिर्फ उगते हैं बल्कि तेजी से बढ़ते हैं !
  • विश्व में सर्वाधिक मैंग्रोव वाले देशों में इंडोनेशिया,ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, मलेशिया, बांग्लादेश, म्यांमार,भारत आज देश शामिल होते हैं !
  • भारत में लगभग 4900 वर्ग किलोमीटर पर इनका विस्तार पाया जाता है !
  • भारत में भी इनका वितरण समान नहीं है ! पूर्वी तट पर यह सर्वाधिक 58-60% पाए जाते हैं उसके बाद 22- 24% अरब सागर तथा 16- 18% द्वीपीय क्षेत्र में पाए जाते हैं !
  • पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र प्रमुख मैंग्रोव वाले राज्य हैं !
  • गंगा- ब्रह्मपुत्र, महानदी, कृष्णा, गोदावरी, कावेरी नदियों का डेल्टा मैंग्रोव के लिए प्रसिद्ध है !
  • सुंदरवन की पहचान टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान तथा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में है !