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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 13 June 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 13 June 2020



भारत नेपाल तनाव और चीन

  • नेपाल, भारत का एक ऐसा पड़ोसी देश हैजिसके साथ हमारे सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध अच्छे रहे हैं !
  • दोनों के मध्य राजनीतिक संबंध भी ठीक रहे हैं ! लेकिन वर्तमान समय में चीन द्वारा किए जाने वाले हस्तक्षेप ने इसमें खटास डाल दी है !
  • दोनों देशों के बीच 1850 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा भारत के 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश,बिहार, बंगाल एवं सिक्किम से लगती है !
  • दोनों देशों ने अपनी लगभग 98% सीमा पर सहमति बना ली थी और बाकी हिस्से पर भी बातचीत चल रही थी !
  • 1950 की "भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधि "दोनों देशों के बीच के मजबूत संबंधों को आधार प्रदान करती है !
  • इस संधि के द्वारा ही दोनों देशों के बीच वस्तुओं एवं लोगों की बिना रोक-टोक आवाजाही सुनिश्चित हो पाती है !
  • रक्षा एवं विदेश मामलों में भी इस संधि का प्रभाव देखा जा सकता है, और नेपाल को भारत से हथियार खरीदने की भी सुविधा प्राप्त हो पाती है !
  • दोनों देशों के बीच आवागमन ना सिर्फ आजीविका के लिए होता था बल्कि “रोट- बेटी का रिश्ता” है !
  • नेपाल अपने व्यापार के लिए ना सिर्फ कोलकाता बंदरगाह का उपयोग करता है बल्कि भारत द्वारा बड़े निवेश का भी फायदा उठाता है !
  • हमारे यहां की गोरखा रेजीमेंट्स में नेपाल के पहाड़ी इलाके के युवा भी शामिल होते हैं वही दोनों देशों की सेनाएं सूर्य-किरण नाम से संयुक्त सैन्य अभ्यास भी करती है !
  • इस मधुर संबंधों में कड़वाहट का बड़ा प्रारंभ सितंबर 2015 से होता है जब नेपाल का नया संविधान अस्तित्व में आया !
  • नेपाल का मानना है कि इस संविधान पर भारत का उत्साह आशानुरूप नहीं रहाथा तो साथ ही मधेशियोंकी नागरिकता संबंधी मुद्दों पर भारत ने इनके नागरिकता का समर्थन किया था और नेपाल पर दबाव डाला था और उसके बाद हिंसा भी हुई थी ! इसे नेपाल ने आंतरिक हस्तक्षेप माना ।
  • वर्ष 2017 में नेपाल चीन की वन बेल्ट-वन रोडपरियोजना में शामिल होगया तथा भारत की "बिग ब्रदर" वाली छवि को जोर-शोर से उठाया क्योंकि भारत ऐसा न करने का दबाव नेपालपरडाल रहा था !
  • भारत सरकार द्वारा नवंबर 2019 में जारी किए गए नए मानचित्र ने फिर से संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया ! नेपाल ने कहा कि कालापानी क्षेत्र भारत के नक्शे में दिखाया है जबकि यह उसका भाग है !
  • दरअसल इस समय तक चीन के राजनीतिक समीकरणबहुत बदल चुके थे ! चीन ने न सिर्फ यहां बड़ा निवेश कर दिया था बल्कि बहुत सी घोषणाएं भी कर चुकाथा !
  • इसी के साथ यहां की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी अपने आप को चीन की कम्युनिस् टपार्टी से जोड़ती है ! और चीन की नीतियों का खुलकर समर्थन करतीहै ।
  • अभी कुछ समय पहले यहां की सरकार में मतभेद उत्पन्न हो गए थे ! और सत्ता दल के सांसद ही सरकार गिराने तक की मंशा बना चुके थे तब की नेपाल में चीनकीअंबेसडर HouYanqi ने हस्तक्षेप करके सरकार को गिरने से बचाया !
  • इसी तरह चीन ने हाल ही में पूरे एवरेस्ट को अपना बताया था तब भी नेपाल द्वारा इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई !
  • इसी के साथ कुछ समय पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा था भारत से जाने वाला कोरोना वायरस संक्रमण चीन और इटली से आने वाले संक्रमण से अधिक घातक है !
  • इसके अलावा कैलाश मानसरोवर लिंक रोड के निर्माण पर नेपाल द्वारा आपत्ति प्रकट करते हुए नेपाल के संप्रभुता हनन की बात नेपाल द्वारा की गई !
  • इसके बाद नेपाल द्वारा कहा गया था कि वर्तमान समय में भारत और नेपाल के बीच 120 Border Post हैं जिनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा और नेपाल किसी अन्य क्षेत्र पर निर्माण को स्वीकार नहीं करेगा !
  • इसके साथ ही नेपाल द्वारा APF (Armed Police Force) की संख्या सीमा पर बढ़ाए जाने का भी उल्लेख किया !
  • अब नेपाल चीन का पक्ष लेते हुए इस प्रकार की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है जिससे तनाव और बढ़ रहे हैं !
  • यहां के PM ने बुधवार को कहा कि नेपाल में 85% कोरोनावायरस के मामले भारत से आए हैं ! इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया कि भारत से अवैध तरीके से लोग नेपाल में दाखिल हो रहे हैं !
  • इसी के साथ नेपाल की संसद ने वहां के नए मैप (नक्शे) को भी मंजूरी दे दी जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा समेत भारत के 395 किलोमीटर इलाके को अपने क्षेत्र में दिखाया है ! राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद यह कानूनी रूप धारण कर लेगा !
  • नेपाल के साथ बिहार की सीमा लगभग 601 किलोमीटर लंबी है जिसका विस्तार बिहार के 7 जिलों (पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज) में है !
  • शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सीतामढ़ी पर तनाव बढ़ गया !
  • यहां एक भारतीय परिवार के लोग अपने खेत की ओर जा रहे थे, जिन्हें APF द्वारा रोका गया और विवाद बढ़ने पर गोली चलाई गई जिसमें एक भारतीय की मौत हो गई एवं चार लोग घायल हैं !
  • यह घटना जानकीनगर क्षेत्र की है यहां कई परिवार ऐसे हैं जिनके खेत दोनों तरफ हैं और इसके लिए आवागमन होता है !

भारतीय गौर

  • गौर (BosGaurus) दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बड़ा काले लोमसे ढका हुआ एक जंगली स्तनपोषी शाकाहारी पशु है !
  • यह जंगली मवेशियों में से सबसे बड़ा होता है !
  • पालतू गौर"गायल" या"मिथुन" कहलाता है !
  • भिन्न-भिन्न भागों में भिन्न-भिन्न स्थानीय नाम जैसे गौरी गाय, बोदा, गवली इत्यादि है !
  • वर्तमान समय में इनकी सबसे बड़ी आबादी भारत में पाई जाती है !
  • भारत के अलावा यह प्रमुख रूप से म्यांमार, मलाया प्रायद्वीप तथा दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं !
  • यह श्रीलंका में भी पाया जाता था लेकिन पशुरोग की वजह से यह लुप्त हो गया !
  • कई बार इन्हें बाइसन (Bison) समझ लिया जाता है हालांकि यह उनसे अलग होते हैं !
  • औसत ऊंचाई इनकी 5-6 फुट होती है !
  • इनकी सींगे अंग्रेजी के 'c' अक्षर की तरह लगभग 27 से 30 इंच तक होती है ! हालांकिमादा की सींगे अपेक्षाकृत छोटी, निर्बल और बेलनाकार होती है !
  • इनकी त्वचा का रंग उम्र के अनुरूप बदलता रहता है !
  • सामान्यतः यह पहाड़ी क्षेत्र में ही रहते हैं और चारागाह की तलाश में कभी-कभी नीचे तक आ जाते हैं !
  • इनकी एक विशेषता समूह में रहने की होती है और 8-9 गौर इसमें शामिल होते हैं !
  • भारत में इनकी संख्या को लेकर कई प्रकार के अनुमान थे इसी कारण Nilgiri Forest Division द्वारा हाल ही में First Population Estimation Exercise का आयोजन फरवरी माह में किया गया !
  • अनुमानित आकलनके अनुसार इनकी संख्या 2000 के आस-पास हो सकती है !
  • इनके क्षेत्रों की भी पहचान की गई है ! इससे कुन्नूर, उदगमंडलम, कोटागिरी क्षेत्रों मेंगौर तथा मनुष्यों के बीच टकराव कि जिस प्रकार की घटनाएं पिछले समय में हुई थी उसकी संभावनाएं रुकेगी !
  • वर्ष 2019 में इसके कारण 3 लोगों की मृत्यु हुई थी तथा कई लोग घायल हुए थे !
  • जिन क्षेत्रों में इनका आवास तथा भ्रमण है उन क्षेत्रों में मानव अधिवास, रेस्टोरेंट ,घूमने के स्थान हैं जो संघर्ष का कारण बन जाता है !
  • साथ ही पिछले एक दशक में इनकी संख्या में भी वृद्धि हुई है जिससे मानवी आवासों की ओर इनका प्रवेश भी बढ़ा है !

उत्तर कोरिया एवं दक्षिण कोरिया विवाद

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया दो अलग देश बन गए और दोनों देशों ने अपनी अलग-अलग राह चुनी !
  • दरअसल 1904-05 मे हुए रूस-जापान युद्ध के बाद जापान द्वारा कोरियाई प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया गयाजो द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद समाप्त हुआ !
  • इसके बाद उत्तरी हिस्सा सोवियत संघ की सेना के नियंत्रण में और दक्षिणी हिस्सा अमेरिका के नियंत्रण में आ गया और दोनों ने इन क्षेत्रों को राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई !
  • 15 अगस्त 1948 को रिपब्लिक ऑफ कोरिया (दक्षिण कोरिया) बनाने की घोषणा की गई !
  • इसी तरह उत्तरी कोरिया डेमोक्रेटिक रिपब्लिक पीपल्स ऑफ कोरिया नामक एक नया राष्ट्र सितंबर 1948 में बना !
  • अलग देश बन जाने के बाद सैन्य और राजनीतिक गतिरोध के साथ-साथ पूंजीवाद बनाम साम्यवाद की लड़ाई बढ़ी।
  • 25 जून 1950 को उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया पर हमला कर दिया गया ! यह शीत युद्ध काल का सबसे बड़ा और पहला संघर्ष माना जाता है ! दोनों को अपना-अपना अमेरिका एवं सोवियत संघ का समर्थन प्राप्त था !
  • युद्ध बिना निर्णय के समाप्त हुआ लेकिन जन-धन की भारी क्षति हो चुकी थी !
  • इसके बाद कई बार फिर से तनाव सामने आए और युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई !
  • हर प्रकार के तनाव को कम करने का एक अच्छा विकल्प संवाद माना जाता है ! लेकिन तनाव के बीच शिखर स्तर की बैठक आयोजित नहीं हो सकती है इसलिए एक विकल्प फोन लाइन का होता है जिससे लास्ट समय तक युद्ध को टालने का प्रयास किया जाए !
  • ऐसी संभावना को देखते हुए सितंबर 1971 में दोनों देशों के मध्य इसी प्रकार की फोन लाइन की व्यवस्था की गई !
  • इस समय 49-50 फोन लाइन (HotLines) दोनों देशों के बीच स्थापित किया गया है जिसका प्रयोग कई बार बहुत उपयोगी रहा है !
  • लेकिन हमेशा यह लाइन भी चालू नहीं रह पाती है ! अब तक इसे 7 बार बंद किया जा चुका है !
  • पिछली बार 2016 में इसे बंद किया गया था, जिसे 2018 में पुनः खोल दिया गया था !
  • हाल ही में उत्तरी कोरिया ने पुनः दक्षिण कोरिया से सभी प्रकार के संबंध समाप्त कर लिए हैं अर्थात अब बात-चीत का यह रास्ता भी बंद हो गया है !
  • इस तरह अब कोई सूचना जो तनाव को कम करने में उपयोगी हो सकती है अब नहीं पहुंच पाएगी !
  • यह कदम दक्षिण कोरिया से उत्तर कोरिया में भेजे गए कुछ Floating Anti-Pyongyang Leaflets के कारण हुआ है !
  • पहले भी इस प्रकार के गुब्बारे दक्षिण कोरिया से उत्तर कोरिया में भेजे जाते रहे हैं !
  • उत्तरी कोरिया इस प्रकार की गतिविधियों को अलगाववाद की भावना बढ़ाने के लिए किया गया कृत्य बताता है !