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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 10 May 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 10 May 2020



ईरान में नई मुद्रा (रियाल से तोमन)

  • ईरान दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है, जिसकी राजधानी तेहरान है !
  • सन 1935 तक फारस के नाम से जाना जाता था !
  • इसके उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर अजरबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिमी इराक़ और तुर्की तथा पूर्व में पाकिस्तान एवं अफ़गानिस्तान हैं !
  • इरान लंबे समय से अनेक प्रकार की चुनौतियों और पश्चिमी ताकतों से जूझ रहा है !
  • ईरान पर आरोप लगता रहा है कि यह परमाणु हथियार बना रहा है ! उसी के कारण जुलाई 2015 में ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में UN के सुरक्षा परिषद के सदस्य देश अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस तथा ब्रिटेन एवं जर्मनी ने ईरान के साथ परमाणु समझौता किया !
  • वर्ष 2018 में अमेरिका इस समझौते से बाहर आ गया और इरान पर अनेक प्रतिबंध लगा दिए !
  • 1932 से ईरान की करेंसी रियाल रही है ! यह करेंसी कमजोर मानी जाती है क्योंकि इसके खरीदने की क्षमता कम है ! इस कारण ईरान में महंगाई एक बड़ा मुद्दा रहा है !
  • एक अनुमान के अनुसार बीते 40 सालों में सिर्फ 4 बार ऐसा हुआ है कि जब महंगाई का स्तर दहाई के आंकड़े कम रहा हो !
  • ईरान पर प्रतिबंध लगाने के कारण इरान के सामने यह पहले से चला आ रहा महंगाई का मुद्दा और भी भयावह हो गया !
  • आर्थिक प्रतिबंध और कोरोनावायरस की वजह से यहां डॉलर के सापेक्ष रियाल अत्यधिक कमजोर हो गया !
  • इस समय $1 के मुकाबले लगभग 1 लाख 56 रियाल की कीमत है !
  • इसलिए यहां वर्ष 2008 से रियाल से 4 जीरो हटाने की बात की जा रही थी !
  • वर्तमान कोरोनावायरस ने ईरान की मुद्रा को तोड़ कर रख दिया है ऐसे में ईरान की संसद ने एक बिल पास किया है और रियाल से 4 जीरो हटा दिया है और अपनी अधिकारीक करेंसी का नाम रियाल से तोमन कर दिया है !
  • ईरान ने इसके लिए संसद में बिल पास कर दिया है !
  • संसद ने एक और फैसला यह लिया है कि 10000 रियाल को अब एक तोमन गिना जाएगा !
  • यहां यह ध्यान देने योग्य है कि तोमन का इस्तेमाल ईरान में पहले से हो रहा है ! दरअसल 10 रियाल पर एक तोमन कहा जाता था लेकिन अब इसकी कीमत 10000 रियाल के बराबर होगी !
  • 1932 में जब रियाल को राष्ट्रीय मुद्रा घोषित किया गया था उससे पहले यहां कजर राजवंश और पहलवी राजवंश द्वारा भी तोमन को ही राष्ट्रीय मुद्रा माना जाता रहा है !
  • ईरान के सेंट्रल बैंक का मानना है कि इससे देश के आर्थिक हालातों में सुधार आएंगे और वैश्विक स्तर पर डॉलर के सापेक्ष देश की करेंसी भी ठीक होगी !
  • ईरान की संसद द्वारा पास इस विधेयक को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष पेश किया जाएगा !
  • वेनेजुएला में भी महंगाई आसमान छू रही है !
  • IMF के अनुमान के अनुसार इसके अंत तक यहां महंगाई दर 10 लाख फ़ीसदी तक पहुंच जाएगी ! ऐसा आधुनिक युग में पहली बार होगा !
  • यहां की मुद्रा वेनेजुएला बोलियर है ! यहां प्रतिमाह 8 लाख बोलीवर्स पाने वाला व्यक्ति भी गरीब है क्योंकि इसकी कीमत 8 USD के बराबर है !

UP में श्रम कानून में परिवर्तन

  • कोरोना वायरस का सर्वाधिक घातक प्रभाव जिस वर्ग पर पड़ा है वह मजदूर वर्ग है !
  • वर्तमान समय तक मजदूर वर्ग अनेक संघर्षों का सामना कर रहा है !
  • बड़ी संख्या में मजदूर औद्योगिक संपन्न राज्यों से अपने ग्रह राज्य की ओर लौट रहे हैं !
  • इसके कारण UP, बिहार, MP, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मजदूरों की संख्या बढ़ेगी तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में मजदूरों की कमी महसूस होगी !
  • इसी समय उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से लगभग 38 श्रम कानूनों में परिवर्तन कर दिया है जिसको लेकर कई तरह की बहस प्रारंभ हो गई है !
  • परिवर्तन के तहत आगामी 3 वर्षों के लिए सभी व्यवसायों और उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट दी गई है !
  • दरअसल कोरोनावायरस की वजह से सभी प्रकार के उत्पादन कार्य रुक गए हैं और आने वाले समय में उत्पादन बढ़ाने के लिए औद्योगिक सेक्टर इस प्रकार की छूट की मांग कर रहे थे !
  • इसके अलावा राज्य का यह भी मानना है कि राज्य में नए निवेश को प्रोत्साहित करने और नए औद्योगिक ढांचे के विकास के लिए राज्य में मौजूद श्रम कानूनों से अस्थाई छूट प्रदान की जाए !
  • औद्योगिक विवाद, कार्यस्थल पर सुरक्षा, कर्मचारियों की सेहत एवं कार्य करने के हालात, ट्रेड यूनियन, कॉन्ट्रैक्ट मजदूर और प्रवासी मजदूर आदि जैसे कानूनों को 3 साल के लिए निष्प्रभावी किया गया है !
  • राज्य में भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम 1996, कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923, बंधुआ मजदूरी प्रणाली( उन्मूलन) अधिनियम 1976 और मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 की धारा 5 लागू रहेंगे !
  • इसके अतिरिक्त श्रम कानूनों में बच्चों और महिलाओं से संबंधित प्रावधान भी जारी रहेंगे !
  • यह अध्यादेश राज्य में मौजूद व्यवस्थाओं और उद्योगों के साथ-साथ नए कारखानों पर भी लागू होगा !
  • इस अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है !
  • सरकार का मानना है कि राज्य की आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने से सरकार को राजस्व प्राप्त होगा और वह सामाजिक कल्याण पर खर्च कर सकेगी !
  • क्योंकि श्रम भारतीय संविधान के समवर्ती सूची के भाग हैं इसलिए राज्य अपने स्वयं के कानून में परिवर्तन कर सकती है लेकिन केंद्रीय कानूनों के संदर्भ में केंद्र सरकार के अनुमति की जरूरत होगी !
  • आलोचकों का मानना है कि इससे श्रमिकों के मानवाधिकारों और विविध अधिकारों का उल्लंघन होगा श्रमिकों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा ! सभी राज्य बाद में इसका अनुसरण करेंगे !
  • कई समीक्षक यहां तक कह रहे हैं कि राज्य इससे श्रम कानून के नजरिए से 100 साल पीछे चला जाएगा !
  • इससे मालिक को और अनुबंधको को खुली छूट मिलेगी और कम मजदूरी पर जबरन कार्य करवाया जाएगा !
  • श्रमिक ट्रेड यूनियनों ने श्रमिक वर्ग पर गुलामी की स्थिति लागू करने वाले कदम के रूप में इस अध्यादेश को बताया है !
  • किसी भी देश में आर्थिक विकास एवं सामाजिक विकास साथ-साथ चलते हैं इसलिए आर्थिक विकास के लिए सामाजिक विकास को नजरअंदाज कर देना तार्किक नहीं दिखाई देता है !

06 PM Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 10 May 2020


कैलाश मानसरोवर सड़क मार्ग

  • कैलाश श्रेणी तिब्बत स्थित एक रेंज है, इसकी सर्वोच्च चोटी माउंट कैलाश है, जिसकी ऊंचाई 6638 मीटर है !
  • इसके पश्चिम तथा दक्षिण में मानसरोवर तथा राक्षस ताल झील है !
  • यहां से सिंधु, सतलुज तथा ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों का उद्गम होता है !
  • कैलाश पर्वत का धार्मिक महत्व हिंदू, बौद्ध, जैन तथा बोन (BON) धर्म में है !
  • हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव का निवास पृथ्वी का केंद्र एवं स्वर्ग माना जाता है !
  • यह क्षेत्र उत्तराखंड की सीमा से 100 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है !
  • कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीन मार्ग है -
  1. लिपुलेख दर्रे ( उत्तराखंड) से होकर !
  2. सिक्किम होकर
  3. काठमांडू होकर
  • सिक्किम और काठमांडू मार्ग से होकर जाने वाली सड़क को हवाई मार्ग और पैदल मार्ग से तय किया जाता है और यदि किसी व्यक्ति को दिल्ली से कैलाश पर्वत तक जाना है तो लगभग 3000 किलोमीटर की दूरी तय करना होता है और 43 किलोमीटर की परिक्रमा पैदल चलकर तय किया जाता है !
  • लिपुलेख दर्रा 17000 फीट की ऊंचाई पर भारत, चीन और नेपाल के त्रिकोण के करीब उत्तराखंड में अवस्थित है !
  • कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए उत्तराखंड के रास्ते लिपुलेख दर्रे ( चीन सीमा तक ) जाया जा सकता है ! उत्तराखंड के घाटीबगढ़ से लिपुलेख दर्रे तक की अधिकांश यात्रा पैदल तय करना होता था !
  • हाल ही में रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड में 80 किलोमीटर लंबी सड़क को देश को समर्पित किया जो लिपुलेख दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा का एक भाग है !
  • इस सड़क का निर्माण Line of Actual Control के करीब उत्तराखंड में किया गया है !
  • BRO द्वारा निर्मित यह सड़क धारचूला (Dharchula) को लिपुलेख से जोड़ती है, जो अभी तक अधिकांश दूरी पैदल तय की जाती थी !
  • इस सड़क परियोजना की सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा वर्ष 2005 में अनुमति दी गई थी जो अपने समय काल के 2 वर्ष पूर्व ही बन गया है !
  • इस नवीन मार्ग से समय और पैसे दोनों की बचत होगी ! यहां यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तराखंड से मानसरोवर की यात्रा का 84% हिस्सा भारत में 16% हिस्सा चीन में है वही सिक्किम एवं काठमांडू से होकर आने वाले रास्ते का 80% हिस्सा चीन में है !
  • अब इस रास्ते से कैलाश मानसरोवर यात्रा की यात्रा अन्य रास्तों का केवल 20% रह जाएगा और वह भी नवनिर्मित सड़क पर यात्रा का समय भी कम लेगा ! यहां यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि इसमें कोई हवाई रास्ता नहीं है !
  • लिपुलेख दर्दे पर चीनी सीमा में 5 किलोमीटर के मार्ग को छोड़कर संपूर्ण यात्रा अब वाहनो के माध्यम से तय की जा सकेगी !

विशाखापत्तनम गैस रिसाव पर NGT का आदेश

  • NGT- National Green Tribunal की स्थापना 18 अक्टूबर 2010 को National Green Tribunal Act, 2010 के तहत हुई थी !
  • भारत पर्यावरण विशेष के लिए ट्रिब्यूनल गणित करने वाला विश्व का तीसरा देश था, भारत से पहले ऐसा सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा ही किया गया था !
  • देश की अदालतों में लंबित और आने वाले पर्यावरण संबंधी मामलों का दबाव कम करने और पर्यावरण संबंधी मामलों में विशेष अधिकार देने के उद्देश्य से इनकी स्थापना की गई थी !
  • इसका प्रधान कार्यालय दिल्ली जबकि क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, पुणे, चेन्नई एवं कोलकाता में !
  • अधिकरण अपने आदेश अनुसार पर्यावरण प्रदूषण या किसी अन्य पर्यावरणीय क्षति के पीड़ितों को क्षतिपूर्ति प्रदान कर सकता है !
  • छतिग्रस्त संपत्तियों की बहाली अथवा उनका पुनर्निर्माण करवा सकता है !
  • हाल ही में LG पॉलीमर्स कंपनी, विशाखापत्तनम में Styrene के रिसाव से कई लोगों की मृत्यु हो गई थी और सैकड़ों लोग बीमार हैं !
  • NGT ने घटना के अगले ही दिन स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पर सुनवाई प्रारंभ कर दी और NGT ने 19वीं शताब्दी के ब्रिटिश कालीन Strict Liability ( सख्त दायित्व ) के तहत LG पॉलीमर्स को प्रथम दृष्टया (Prime Facia) जिम्मेदार माना है !
  • सत्य दायित्व सिद्धांत (Strict Liability Principle ) यह कहता है कि कोई औद्योगिक इकाई किसी ऐसी आपदा के लिए उत्तरदाई नही होगी यदि औद्योगिक पदार्थ का रिसाव किसी दुर्घटना या प्रकृति जन कार्य (Act of God) के कारण हुआ हो ! अर्थात ऐसे में कोई क्षतिपूर्ति नहीं देना होता है !
  • यहां NGT का यह मानना है कि इस मामले को देखकर लगता है कि कंपनी नियमों और दूसरे वैधानिक प्रावधानों, सुरक्षा उपाय और क्षति रोकथाम के प्रावधानों को पूरा करने में नाकाम रही है !
  • NGT ने एक Fact- Finding Principle का गठन करने के साथ 50 करोड़ की प्रारंभिक क्षतिपूर्ति राशि जमा करने का निर्देश दिया है !
  • जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व में बनी पांच सदस्यीय जांच कमेटी 18 मई तक अपनी रिपोर्ट देगी ! इस कमेटी में आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट के जज बी शेषायसान रेड्डी के अलावा वी राम चंद्रा मूर्ति पुलिपति किंग जैसे नाम शामिल है !
  • 18 मई की रिपोर्ट के बाद पूरा आदेश NGT द्वारा पारित किया जाएगा !
  • 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद यह लगने लगा कि भारत जैसे विकासशील और अधिक जनसंख्या वाले देश में कंपनियों की जिम्मेदारी ज्यादा होनी चाहिए !
  • तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश PN भगवती इसी के पक्ष में थे !
  • Oleum gas Leak Case- 1986 सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि भारत जैसे विकासशील देश में सख्त दायित्व का सिद्धांत अपर्याप्त है और इसके स्थान पर पूर्ण दायित्व का सिद्धांत ( Absolute Liability Principle ) लागू किया जाना चाहिए !
  • वर्तमान समय में इसे अनुच्छेद 21 के साथ जोड़कर देखा जाता है !
  • NGT अधिनियम 2010 की धारा 17 में पूर्ण दायित्व के सिद्धांत को शामिल किया गया है !
  • इसके अनुसार आपदा किसी दुर्घटना के कारण होती है तभी अधिकरण बिना त्रुटि का सिद्धांत ( No Fault Principle ) के आधार पर आवश्यक कार्यवाही कर सकता है !