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Blog / 10 Aug 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 10 August 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 10 August 2020



तेल रिसाव की घटना चर्चा में क्यों?

  • वैश्विक व्यापार का आधार समुद्री परिवहन हैं क्योंकि यह परिवहन का सबसे सस्ता विकल्प होता है, इसीकारण लगभग 90 प्रतिशत से अधिक व्यापार समुद्री जहाजों के माध्य से होता है।
  • कई बार जहाज आपस में टकरा जाते है, जहाज किसी चट्टान से टकरा जाते है, जहाजों में लिकेज हो जाती तथा कई अन्य कारणों से समुद्र में तेल का रिसाव इन जहाजों से हो जाता हैं इसके अलावा तेल रिसाव खुदाई के उपकरणों से तथा कुओं से, तेल के स्रोतों की खोज के दौरान होती है।
  • तेल रिसाव मानवीय गतिविधियों के कारण पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का पर्यावरण में मुक्त होने वाली एक तरह की ऐसी घटना है जिससे समुद्री प्रदूषण होता है।
  • इस शब्द का प्रयोग सामान्यतः समुद्री रिसाव के लिए किया जताा है, जहां तेल समुद्र में अथवा तटीय जल में मुक्त हो जाता है।
  • यह तेल रिसाव पूरे समुद्री पर्यावरण को प्रभावित करता जिससे प्लेंकटन, समुद्री जीव, जल की रासायनिक संरचना आदि सबकुछ प्रभावित होती है।
  • इससे प्लेंकटन का विकास प्रभावित होता है जिसके कारण इस पर निर्भर जीव भी प्रभावित होते हैं। तेल से इनकी प्रकाशसंश्लेषण क्षमता प्रभावित होती है।
  • तेल पक्षियों के पंखों की संरचना में प्रवेश कर, उनकी रोधक क्षमता को कम कर देता है, उनकी उत्प्लावकता को कम कर देता है जिससे भोजन प्राप्त करना कठिन हो जाता है। यह पक्षी जब अपने चोंच से अपने पंखों को खुजाते हैं तो पंखों में लगा तेल उनके मुह में चला जाता है और यह तेल उनके गुर्दे को खराब कर देता है, यकृत को प्रभावित करता है तथा पाचन तंत्र को प्रभावित कर उनकी मौत का कारण बन जाते हैं।
  • इसी प्रकार यह तेल मछलियों एवं उनके ऊपर निर्भर दूसरे जीवों को भी प्रभावित करता है।
  • तेल का अपना रासायनिक, भौतिक और जैविक प्रभाव समुद्री पर्यावरण को लंबे समय तक प्रभावित करता है।
  • तेल का रासायनिक प्रभाव जल की प्रकृति को प्रभावित करता है तो उसका भौतिक गुण सूर्य के प्रकाश को अंदर जाने से रोकता है।
  • यह तेल जब समुद्री तहत पर फैलकर एक पतली परत का निर्माण कर लेता है तो इसे ऑयल स्लिक कहा जाता है। जब तेल की पर मोटी होती है तो यह छोटे-छोटे भागों में टूटकर लम्बे समय तक समुद्री सतह पर तैरता रहता है।
  • तेल का विशिष्ट गुरूत्व या घनत्व, फैलाव की क्षमता, मौसम, वायु की गति और जलधारा, तापमान, तलछत भार आदि कारक तेल रिसाव के अपघटन को प्रभावित करते हैं।
  • तेल रिसाव के उपचार के लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता है।
  • जैविक उपचार के लिए तेल का विखंडन करने या घटाने के लिए सूक्ष्मजीवों अथवा जैविक कारकों का उपयोग किया जाता है।
  • ये विशिष्ट जीवाणु हाइड्रोकार्बन का अपघटन करके पानी और कार्बन डाइऑक्सइड बनाते हैं।
  • रिसाव को समाप्त करने के लिए कई बार नियंत्रित दहन प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया मंद हवा की दशा में होती है और इससे वायुप्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है।
  • एक प्रक्रिया बूम की होती है। यह तैरते हुए बड़े-बड़े अवरोध होते हैं जो तेल को एकत्रित कर उसे जल से ऊपर उठाते हैं। स्किमर्स-तेल की सतह से फेन/झाग हटाने की प्रक्रिया।
  • सॉर्बेंटस-यह तेल के बड़े अवशोषक होते हैं जो तेल का अवशोषण करते हैं।
  • पिछले साल वैज्ञानिकों ने में रियाना ट्रेंच में तेल पीने वाले जीवाणुओं का पता लगाया था जो रिसाव से फैले तेल का भोजन के रूप में प्रयोग करके उसका अपघटन कर दियपा जायेगा।
  • कई बार अनेक प्रकार के रसायन और पाउडर का भी छिड़काव करके रिसाव को समाप्त किया जाता है।
  • इसी प्रकार एक प्रक्रिया घनीकरण की है। घनीकारक शुष्क हाइड्रोफोविक बहुलकों से बने होते हैं जो अधिशोषण और अवशोषण दोनों करते हैं। यह रिसे हुए तेल की भौतिक दशा परिवर्तित कर उसे अर्द्ध ठोस या पानी पर तैरने वाले ठोस पदार्थ में परिवर्तित कर देते हैं जिसे अलग करके रिसाव के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।
  • तीन दिन पहले मॉरिशस के तट पर फंसे जापानी जहाज एमवी वाकाशिओ (MV Wakashio) से तेल रिसाव की घटना होने से शुक्रवार देर रात मॉरिशस ने पर्यावरण आपातकाल (Environmental Emergency) का ऐलान कर दिया।
  • यह जापानी जहाज 25 जुलाई से मॉरिशस के दक्षिण-पूर्वी तट पर फंसा हुआ था, जिससे 1000 टन से अधिक तेल का रिसाव हो चुका है। इस जहाज के क्रू मेंम्बर्स पहले ही निकाले जा चुके थे इसलिए उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है।,
  • मॉरिशस अपने स्वच्छ जल और खूबसूरत पर्यावरण के लिए जाना जाता है लेकिन यह तेल फैलकर पानी को लगभग काला कर चुका है।
  • यहाँ एक प्रसिद्ध बीच Pristine Beaches पर राहत का कार्य किये जाने के बावजूद पानी का कालापन अभी कम नहीं हो पाया है।
  • पर्यटन पर निर्भ मॉरिशस के लिए यह बहुत ही जटिल समस्या है इसीलिए यहां के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी है।
  • भारत ने मॉरिशस से निकटता दिखाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
  • 30 जुलाई को भारत एवं मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से यहां के नये सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग का उद्घाटन किया था। इस बिल्डिंग के निर्माण में भारत ने अपना सहयोग दिया था।
  • मॉरिशस के दक्षिण में रियूनियन द्वीप है जिस पर फ्रांस का नियंत्रण है। फ्रांस ने भी मॉरिशस को तकनीकी एवं अन्य तरह के सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

साल्मोनेला आउटब्रेक

  • साल्मोनेला बैक्टीरिया के ग्रुप का नाम है जो जानवरों, अंडा, मांस, कच्चे मुर्गे, फल ओर सब्जियों के साथ-साथ मनुष्यों के आंतों में भी पाया जाता है।
  • यह बैक्टीरिया इन जीवों के संपर्क में आने पर दूसरे जीवों में फैलता है। इसके अलावा यह बैक्टीरिया सांप, कछुआ छिपकली, संक्रमित पदार्थ या जानवरों के माध्यम से भी फैलता है।
  • साल्मोनेला की दो ज्ञात जातियाँ साल्मोनेला एंटेरिका एवं साल्मोनेला बोंगोरी है।
  • साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित पानी या किसी खाद्य पदार्थ से दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
  • साल्मोनेला इंफेंक्शन आमतौर पर कच्चा या अधपका मीट, चिकन, अंडा, सब्जी खाने से होता है, जो साल्मेनेला से प्रभावित पदार्थ हों।
  • इससे जूडे लक्षण कुछ घंटे से लेकर दो या तीन दिनों में देखने को मिल सकते हैं, जिसको पेट के इंफेंक्शन के तौर पर देखा जाता है।
  • कई बार लक्षण दिखाई भी नहीं देते हैं और कई बार पेट दर्द, दस्त, बुखार, उल्टी, सिरदर्द, ठंड लगाना, मल में खून आना आदि की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैसने वाली खतरनाक बीमारी है। इसके वजह से डायरिया की भी समस्या उत्पन्न होती है।
  • डायरिया, उल्टी एवं दस्त की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए कमजोरी की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • इस समय अमेरिका और कनाड़ा में साल्मोनेला के आउटब्रेक की घटना सामने आ रही है।
  • यहां पर 500 से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक इस बीमारी का संबंध कैलिफोर्निया में आये गये लाल प्याज से है।
  • इस प्याज से यह बीमारी अमेरिका के 34 राज्यों के साथ- साथ कनाड़ा में प्रवेश कर गई है।
  • थॉमसन इंटरनेशनल कंपनी द्वारा बेची गई प्याज को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।
  • यहाँ सैल्मोनेला के संक्रमण का प्रारंभ 19 जून से हुआ और अब यह तेजी से फैल रहा है।
  • रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि कई लोग अस्पताल में भर्ती तो नहीं हुए लेकिन उनका पाचन तंत्र बहुत प्रभावित हुआ है।
  • इसका प्रसार बच्चों में कम होता है लेकिन अधिक उम्र के लोगों पर अधिक इस कारण कोरोना काल में यह अमेरिका के लिए दोहरी चुनौती है।
  • इस बीमारी के प्रसार को देखते हुए थॉमसन इंटरनेशनल से प्याज को वापस मंगाना प्रारंभ कर दिया है।