Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 09 December 2019
ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2020
- हिन्दी में इसे वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक के नाम से जाना जाता है।
- यह प्रत्येक वर्ष जारी किया जाता है।
- यह इस सूचकांक का 15 वां संस्करण है। 2018 के आकड़ों के आधार पर
- यह सूचकांक पिछले 20 वर्षों की जलवायु घटनाओं के आधार पर जारी किया जाता है।
- यह जलवायु परिवर्तन एवं मौसमी बदलाओं की वजह से होने वाली मौतों एवं आर्थिक नुकसान के मामलों के मात्रात्मक प्रभाव का विश्लेषण करता है।
- मौसमी घटनाओं में चक्रवात, तूफान, बाढ़, सूखा आदि को शामिल किया जाता है।
- पिछले वर्ष भारत इस सूचकांक में 14वें स्थान पर था।
- 1- जापान- फिलीपींस, जर्मनी, मेडागास्कर, भारत (5वां), श्रीलंका, किनिया, रबाड़ा, कनाडा, फिजी
- जापान- 2018- Heat Stroke से 138 लोगों की मृत्यु हो गयी थी एवं 70k लोग बीमार हो गये थे।
- फिलीपींस में टाइफून Mangkhut आया था।
- जर्मनी- अप्रैल 2018- जुलाई 2018 के बीच गर्मी अधिक पड़ी थी ! जिसके वजह से 1200 लोगों की मृत्यु हो गयी थी।
- मेडागास्कर- साइक्लोन
- भारत- पानी की कमी, फसलों को नुकसान, बाढ़
- जर्मनवाच एक गैरलाभकारी एवं नॉन- गवर्नमेंटल ऑर्गनाइजेसन है।
- स्थान- Bonn जर्मनी
- स्थापना- 1997
NATO स्थापना के 70 वर्ष
- 3-4 दिसम्बर लंदन मे नाटो की बैठक आयोजित हुई थी !
- नाटो की स्थापना- 4 अप्रैल 1949 को हुई थी इस तरह नाटो ने अपने 70 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
- इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 15 के तहत क्षेत्रीय संगठनों के प्रावधानों के अनुसार हुयी है।
- वर्तमान समय में इसके 29 सदस्य हैं। मेसिडोनिया 30वां सदस्य बनने की प्रक्रिया में है।
- नाटो की स्थापना के निम्नलिखित उद्देश्य थे।
- यूरोप पर आक्रमण रक्षक की भूमिका निभाना
- सोवियत संघ के विस्तार को रोकना
- पश्चिमी यूरोप को संगठित करना एवं रक्षा करना
- वर्तमान समय में यह संगठन खर्च के मुद्दे एवं आंतरिक सामंजस्य के आभाव के कारण चर्चा में है।
- दरअसल 2014 के बैठक में यह समति बनी की सभी देश अपनी GDP का कम से कम 2% सेना पर खर्च करेंगे लेकिन कुछ देशों को छोड़कर अधिकांश देश 2% खर्च नहीं कर रहे हैं।
- सर्वाधिक खर्च USA, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली कर रहे हैं। USA अपनी GDP का लगभग 3.4% खर्च कर रहा है।
- नाटो के अनुच्छेद 15 में प्रावधान है कि सभी देश सामूहिक रूप से रक्षा करेंगे।
- पहली बार नाटो के सम्मेलन में रूस की जगह NATO की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में चीन को स्वीकार किया गया है।
जलवायु परिवर्तन पर COP-25
- स्पेन की राजधानी मेड्रिड में विश्व के वार्षिक जलवायु सम्मेलन COP-25 का आयोजन किया जा रहा है।
- यह सम्मेलन पहले सेंटियागों (चिली) में आयोजित होने वाला था।
- यह सम्मेलन 2 दिसम्बर से 13 दिसम्बर तक चलेगा।
- अमेंरिका के पेरिस समझौता से बाहर आने के बाद यह पहला सम्मेलन है।
- ग्रेटा थनबर्ग के जलवायु मुद्दों के वैश्विक स्वरूप देने एवं नई पीढ़ी को इससे जुड़ने के कारण इस सम्मेलन पर सबकी नजरें हैं।
- अमेंजन वन में आग लगने के बाद ब्राजील पेरिस समझौता से बाहर आने का सोच रहा है।
- इस सम्मेलन का अधिकारिक UNFCCC- COP-25
- बैकग्राउंड
- 5 जून 1972 को पहला विश्व पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था।
- इसे मानव- पर्यावरण सम्मेलन के नाम से जाना जाता है।
- ‘एक ही पृथ्वी’ सिद्धांत को स्वीकार किया गया।
- 5 जून 1972 को UNEP की स्थापना की गई।
- UNEP की जिम्मेदारी पर्यावरण हितैषी एवं कार्यक्रम बनाया था।
- स्टॉक होम सम्मेलन एवं UNEP स्थापना के 20वीं वर्ष गांठ के अवसर पर रियो डिजेनेरियो में पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन हुआ।
- अधिकारिक नाम- पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) था।
- तीन सिस्टर कन्वेंशन अस्तित्व में आये।
- UN जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क, कन्वेंशन- UNFCCC
- जैव-विविधता पर सम्मेलन
- मरूस्थलीकरण पर कन्वेंशन – UNCCD
- UNFCCC 21 मार्च 1994 से प्रभावी हुआ।
- 197 देशों ने सहमती दी है।
- COP-1 बर्लिन में 1995 में आयोजित हुआ।
- COP-3 के द्वारा क्योटो- प्रोटोकॉल अस्तित्व में आया।
- 6 गैसों को इसके अतंर्गत शामिल किया गया है। यह है - CO2 , CH4 नाइट्रस ऑक्साइड, हाइड्रो फ्लोरो कार्बन, पर फ्लोरो कार्बन, सल्फर हेक्सा फ्लोराइड
- गैसों के उत्सर्जन को 2012 तक 1990 के स्तर पर लाने का प्रयास किया जाएगा !
- COP-8 नई दिल्ली में वर्ष 2002 में आयोजित हुआ था।
- COP-13 बाली में 2007 में आयोजित हुआ था।
- क्रमशः COP-16 (कानकुन) COP-17 (डरबन) COP-18 (दोहा) एवं COP-21 पेरिस में आयोजित हुए।
- COP-22 यराकेश- मोरक्को- 2016
- COP-23 बॉन- जर्मनी- 2017
- COP-24 काटोविस- पोलेण्ड- 2018
- COP-25 मैड्रिड- स्पेन- 2019
- COP-26 ग्लासगो- स्कॉटलैंड- 2020