Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 08 November 2019
भारत के नए मैप पर नेपाल की आपत्ति (Nepal Protests New Political Map of India)
- भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के बाद भारत का नया मैप जारी किया है।
- नया मैप जो जारी किया गया है उसमें उत्तरखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले का लगभग 450 वर्ग किमी- का एक क्षेत्र है, जिसका नाम है कालापानी क्षेत्र।
- नेपाल सरकार का कहना है कि यह कालापानी क्षेत्र नेपाल के Darchula डिस्ट्रिक्ट का भाग है। यह जिला नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रदेश का भाग है।
- दरअसल इन क्षेत्र में शारदा नदी (काली नदी) की एक शाखा कालापानी रिवर (नदी) प्रवाहित होती है, इसी नदी के नाम पर यह क्षेत्र कालापानी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।
- कालापानी क्षेत्र पर यह विवाद नया नहीं है। लेकिन दोनों देशों के बीच बात-चीत के मध्यम से समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।
- विवाद का एक पक्ष सुगौली संधि से जुड़ा है। यह संधि ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के राजा के बीच 1815 में हस्तक्षरित हुई थी। इसका अनुमोदन 1816 को हुआ।
- संधि के अनुसार निम्न नदियों के बीच संपूर्ण क्षेत्र को ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप देगा।
- काली और राप्ती नदियों के बीच संपूर्ण तराई क्षेत्र
- राप्ती और गंड़की के बीच संपूर्ण तराई क्षेत्र
- मेची और तीस्ता नदियों के बीच का संपूर्ण तराई क्षेत्र
- प्रावधान- काली नदी ईस्ट इंडिया और नेपाल के बीच सीमा का निर्धारित किया जायेगा। जटिल समस्या नदी की कौन-सी शाखा से यह होगा?
- 1962 के युद्ध के समय कालापानी क्षेत्र में नेपाल के सैनिक थे। भारत ने प्रस्ताव रखा कि इसकी सुरक्षा भारत को करनी चाहिए। उसके बाद से यहाँ भारतीय सेना का बेस है।
- चीन का सैनिक बेस होने के कारण यह सामरिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
- नेपाल- "कालापानी नेपाल का अभिन्न हिस्सा है। नेपाल अपने क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए हम भिन्न प्रदेशों से बातचीत कर रहे हैं।"
- भारत- "इंडिया का मैप बिल्कुल सही है और यह हमारे संप्रभु क्षेत्र को प्रदर्शित करता है। इस मैप में कुछ भी रिवाइज्ड करने वाला नहीं है और हम नेपाल के साथ सभी सीमा विवादों को लेकर पहले से ही प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।"
धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का आयोजन
- अन्य एक नाम- राइजिंग हिमाचल ग्लोबल इन्वेस्टर मीट
- देश के विकास के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 4 पहियों का मंत्र दिया गया है।
- भारतीय सोसायटी - इंस्पायरिंग
- सरकार - इन्करेजिंग
- इंडस्ट्री - डेयरिंग
- ज्ञान - शेयरिंग
- धर्मशाला हिमाचल की दूसरी राजधानी है, जिसे 17 जनवरी, 2017 को बनाया गया था
ग्लोबल इन्वेस्टर मीट क्या है?
- सामान्यत% प्रत्येक साल या समय-समय पर विभिन्न राज्य इस प्रकार के मीट का आयोजन करते हैं।
- इसका उद्देश्य निवेशकों को राज्य के संसाधनों, संभावनाओं एवं क्षमताओं से परिचित कराना होता है।
- निवेशक एवं सरकार एवं उसकी नीतियों के प्रति बात-चीत का मंच
- बड़ी मात्रा में MOU (मेमोरण्डम ऑफ अंडरस्टेंडिंग) हस्ताक्षर किये जाते हैं।
- निवेश से उद्योग, सेवा एवं रोजगार को गति मिलती है।
- संपूर्ण राज्य में व्यापार फ्रेंडली माहौल का निर्माण होता है।
- ईकोटूरिज्म में निवेश की संभावना सर्वाधिक
- देवभूमि नाम से चर्चिचत समय में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए
हिमाचल प्रदेश
- यहाँ की GDP का आकार- 1.69 लाख करोड़ रु. का है।
- GDP के अनुसार रैंक- 22 वीं
- GDP की हालिया औसत ग्रोथ रेट 8.1%
- GDP में योगदान सर्विस का 43% उद्योग का 42% कृषि का 15%
- 92% जनसंख्या गांव में निवास
- 76% कृषि कार्य में
- पशुपालन, मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन, कुक्कुट पालन
- मुख्य फसल- आलू, अदरक, सेब, केसर, चाय, बागवानी, आलू, मशरूम, सब्जी, चुकंदर, टमाटर।
टाटा ट्रस्ट की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2019
- न्याय दिलाने में राज्यों का क्रम महाराष्ट्र झ केरल झ तमिलनाडु झ पंजाब झ हरियाणा
- आकलन टाटा ट्रस्ट की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2019 का है
- गोवा (1 करोड़ से कम आबादी वाले राज्य)-सिक्किम, हिमाचल प्रदेश
- इंडिया जिस्टस रिपोर्ट के स्तंभ- पुलिस, न्याय व्यवस्था, जेल, कानूनी सहायता
- रिपोर्ट जारी करते समय SC के पूर्व जज एमबी लोकुर ने कहा- सहायता भारतीय न्याय प्रणाली के कमजोरी
- रिपोर्ट में देश के 18 छोटे बड़े राज्यों का अध्ययन
- इसके अनुसार लगभग 18,200 जज, 23% पद खाली, जेल- 114% भरी है जिसमें से 68% केस ट्रॉयल पर है।
- पुलिस के मामले में तमिलनाडु (1st Rank)
- कैदी के मामले में केरल (1st Rank) झारखण्ड (Last)
- अदालत में मामला निपटान तमिलनाडु (1st Rank) बिहार (Last)
- कानूनी सहायता केरल (1st Rank) उत्तर प्रदेश (Last)
- जेल कर्मचारी में 10% महिला
- High Court व Lower Court में महिला जज (26.54%)
- 24 हाइकोर्ट 600 सबकोर्डिनेट कोर्ट हैं।
- Govt of India लगभग बजट का लगभग 10% प्रति वर्ष खर्च करती है।
- SC में 60,000, HC-42 लाख, जिला न्यायालय में 2.7 करोड़ केस लम्बित यानि 3 करोड़ केस का कोई नतीजा नहीं निकला है।
- न्यायिक भाषा अंग्रेजी
- 30% केस 5 साल से लंबित
- UP-61.58 लाख केस लंबित
- महाराष्ट- 33.22 लाख
- West Bengal- 17.59 लाख
- बिहार- 16.58 लाख
- गुजरात- 16.45 लाख
नमूना पंजीकरण प्रणाली बुलेटिन-2016
- ऑफिस ऑफ द रजिस्ट्रार जनरल द्वारा
- मातृ मृत्यृदर में भारी गिरावट आई है।
- तीन साल के आंकड़ों का प्रयोग किया गया है।
मातृ मृत्यृदर (Maternal Mortality Rate)
- प्रेग्नेंसी के दौरान या प्रसव के दौरान जिन माताओं की मृत्यृ हो जाती है।
- गणना प्रति एक लाख पर प्रतिवर्ष के हिसाब से की जाती है।
MMR | अवधि |
167 | 2011-2013 (2013 से अब तक 26-9 की कमी आई है) |
130 | 2014-2016 (पिछले सर्वें के मुकाबले 6.15%) कमी आई है,) |
122 | 2015&2017 |
राज्यों का विभाजन तीन श्रेणियों में किया जाता है।
A. EAG -
- BR, JH, MP, CHH, OR, RJ, UP, UT, ASM
- सर्वाधिक कमी असम में हुई है जहाँ यह 188 से घटकर 175 पर आ गया है।
B. दक्षिणी राज्य -
- AP, TLG, KR, KRL, TML
- 77 से घटकर 72
- KRL, MH, TML वैश्विक सतत् विकास लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं।
C. अन्य राज्य -
- EAG एवं दक्षिणी राज्यों के अलावा सभी राज्य एवं केन्द्रशासित क्षेत्र
- 93 से घटकर 90
पहली रिपोर्ट अक्टूबर 2006 में।
- 1997 से 2003 के आंकड़ों का प्रयोग