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Blog / 08 Jan 2021

(Video) डेली करेंट अफेयर्स (Daily Current Affairs) : जूलियन असांजे के पीछे अमेरिका क्यों पड़ा है? (Why is America behind Julian Assange?)- 08 January 2021

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 08 January 2021



जूलियन असांजे के पीछे अमेरिका क्यों पड़ा है?

  • जूलियन असांजे का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हआ इसलिए वह जन्म से ऑस्ट्रेलिया के नागरिक थे।
  • असांजे यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से फिजिक्स और मैथ्स की डिग्री हासिल की और उसके बाद कंप्यूटर प्रोग्राम और सॉफ्रटवेयर डेवलपर बने। वह हैकिंग में भी माहिर हैं।
  • वर्ष 1994 में असांजे पर ऑस्ट्रेलिया में हैकिंग का आरोप लगा और सजा भी हुई। हालांकि इन्हें 2100 ऑस्ट्रेलियन डॉलर देने के बाद छोड़ दिया गया।
  • वर्ष 2006 में असांजे ने आइसलैण्ड में विकिलिक्स (Wikileaks) की स्थापना की। इस पर दुनिया भर के लीक किये गये दस्तावेज प्रकाशित जाते हैं। यह दस्तावेज किसी सरकार, संगठन या कंपनी से संबंधित होते हैं। इन सूचनाओं को लीक करने वालों का मानना है कि यह महत्वपूर्ण सूचनायें, भ्रष्टाचार वाली गतिविधियों हैं, मानवता विरोधि गतिविधियाँ जिन्हें लोगों तक पहुँचाना चाहिए।
  • जुलियन असांजे का मानना है कि सरकारें, संगठन, कंपनिया कई तरह के ऐसे कार्य करती हैं जो लोगों को पता नहीं चल पाती हैं जबकि लोगों को जानना चाहिए क्योंकि सूचना प्राप्त करने का अधिकार एक मूल अधिकार माना जाता है।
  • वर्ष 2006 के बाद विकिलिक्स पर कई ऐसी सूचनायें प्रकाशित की गईं जिससे कई देशों और सरकारों की भ्रष्टाचार और अमानवीय गतिविधियाँ सामने आईं। अभी तक इस पर 10 मिलियन से अधिक दस्तावेज प्रकाशित किये जा चुके हैं।

अमेरिका और जूलियन असांजे का क्या संबंध ?

  • 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें अलकायदा का हाथ था। इसके बाद अमेरिका ने आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने या आतंकी गढ़ को खत्म करने के लिए कई प्रकार ऑपरेशन/मिशन प्रारंभ किये।
  • वर्ष 2003 में अमेरिका ने इराक पर यह कहते हुए हमला कर दिया कि यहां के शासक/सरकार सद्दाम हुसैन के पास व्यापक विनाश के हथियार हैं और इस प्रकार के अन्य हथियारों का निर्माण अभी भी किया जा रहा है जिससे दुनिया को खतरा हैं।
  • इन हथियारों के नाम पर अमेरिका ने न सिर्फ इराक पर हमला किया बल्कि पूरे इराक को लगभग तहस-नहस कर दिया। इस हमले में हजारों की मृत्यु हो गई और कोई भी विनाशक हथियार प्राप्त नहीं हुआ।
  • अमेरिकी आर्मी और एयरफोर्स अपने मिशन को रिकोर्ड कर रहे थे। जिससे ऐसे डेटा एकत्रित हो रहे थे। इस समय अमेरिका की आर्मी का एक 23 वर्षीय मिलिट्री जवान ब्रेडली मेनिंग ऐसे डेटा को एकत्र कर रहा था।
  • ब्रेडली मेनिंग के पास कुछ ऐसे वीडियों आये जिसमें अमेरिकी सेना इराक में अंधाधुंध फायरिंग कर रही है जिसमें आम नागरिकों/बच्चों की मौत हो रही है। मेनिंग इस बात से दुःखी था कि आर्मी किसी को भी मारने पर तुली हुई है।
  • ब्रेडली ने इस सूचनाओं को अमेरिका की मीडिया के साथ साझा करने का निर्णय लिया लेकिन मीडिया ने खुफिया सूचना के नाम पर छापने से मना कर दिया।
  • वर्ष 2007 का ऐसा ही वीडियों Collateral Murder नाम का था जिसमें 18 निहत्थे लोगों को मारा जा रहा है।
  • ब्रेडली मेनिंग ने इस प्रकार के वीडियों और अन्य डेटा विकिलिक्स को दे दिये, जिन्हें विकिलिक्स ने प्रकाशित किया। जिसके बाद अमेरिका की बहुत किरकिरी हुई। मेनिंग ने लगभग 7.5 लाख सूचनायें साझा की थीं।
  • इसके अलावा विकिलिक्स ने अमेरिका की एंबेसीज केबल की सूचनायें प्राप्त की। यह सूचनायें अमेरिकी दुतावासों से वाशिंगटन भेजी गईं थीं। इसमे ंकई ऐसी सूचनायें थी जिससे अमेरिका की नियत और उसकी कार्यशैली पर प्रश्न उठते थे।
  • अफगानिस्तान में चलाये जा रहे अमेरिकी ऑपरेशन के विषय में भी विकिलिक्स ने लीक की गई सूचनायें प्राप्त कीं।
  • वर्ष 2010 में मेनिंग को गिरफ्रतार कर लिया गया। जूलियन असांजे को भी सूचनायें चोरी करने और सैन्य अधिकारियों की जान खतरे में डालने का आरोपी बनाया गया। अमेरिका इन्हें गिरफ्रतार नहीं कर पाया।
  • ब्रेडली मेनिंग ने ऑपरेशन करवाकर अपना जेंडर चेंज कर लिया और अपना नाम चेल्सी मेनिंग रखा।
  • मेनिंग की गिरफ्रतारी के कुछ माह बाद स्वीडन में जुलियन असांजे पर दो महिलाओं ने बलात्कार का केस किया। स्वीडन में असांजें ने कहा कि इन महिलाओं के साथ रिश्ते हैं, न कि बलात्कार। असांजे ने कहा है कि ऐसा उन्हें फंसाने के लिए किया जा रहा है। फैसला असांजे के खिलाफ आया और उन्हें जेल की सजा सुनाई गई।
  • असांजे तब तक यूके आ चुके थे। यूके की सरकार इनका प्रत्यर्पण अभी स्वीडन को कर पाती उससे पहले असांजे ने लंदन स्थित इक्वाडोर एंबेसी में वर्ष 2012 में शरण ले ली। इक्वाडोर की उस समय की सरकार अमेरिका की विरोधी थी। लेकिन 2017 में इक्वाडोर के राष्ट्रपति बने लेनिन मोरेनो। इसके बाद इक्वाडोर और असांजे के रिश्तों में खटास आने लगी। लेनिन मोरेनो असांजे की शरण को आगे बढ़ाने के लिए बढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे।
  • वर्ष 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विकिलिक्स फिर चर्चा में आया। विकिलिक्स ने हिलेरी क्लिंटन के विषय में ऐसी सूचनाएं प्रकाशित की जिससे हिलेरी क्लिंटन को भारी नुकसान हुआ। अमेरिका का मानना था कि असांजे इक्वाडोर की एम्बेसी से अभी भी अमेरिका के खिलाफ विकिलिक्स पर काम कर रहे है।
  • वर्ष 2019 इक्वाडोर की सरकार ने यूके की पुलिस को एंबेसी में प्रवेश दे दिया जिसके बाद असांजे को गिरफ्रतार कर लिया गया और उन्हें लंदर की जेल में डाल दिया गया।
  • अमेरिका शुरू से ही असांजे को अमेरिका लाकर सजा देना चाहता था जिसमें 175 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
  • यूके की तरफ से कोर्ट से यह अनुमती मांगी गई थी कि वह असांजे के प्रत्यर्पण की स्वीकृति दे। यहां की लोअर कोर्ट ने असांजे के प्रत्यर्पण को अस्वीकार कर दिया। इसे लिए कोर्ट ने दो कारण दिये।
  1. असांजे की मानसिक दशा पूरी तरह से ठीक नहीं है।
  2. अधिक प्रताडित और कैद से असांजे आत्महत्या कर सकते हैं।
  • यूके की सरकार हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील कर प्रत्यर्पण को पूरा कर सकती है।

व्हिसल ब्लोअर की सुरक्षा का मुद्दा- 

  • भारत के हीरा काबरोबारी रहे नीरव मोदी, जो कि इस समय एक भगौडा है, उस पर 14 हजार करोड़ रुपये की धोखाधडी का आरोप है। यह भी यूके की जेल में बंद है और भारत इसका प्रत्यर्पण करवाना चाहता है।
  • नीरव मोदी के वकील ने तर्क दिया है कि असांजे की तरह नीरव मोदी का भी मानसिक स्वास्थ्य खराब है और वह भी भारत में जाने पर आत्महत्या कर सकता है। एक डॉक्टर ने पिछले साल कई बार नीरव मोदी की जांच की थी और उसे गंभीर निराशा का शिकार बताया था।

एशियाई जलपक्षी गणना (Asian Waterbird Census)

  • पक्षी प्रकृति का हिस्सा हैं और इनका पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी महत्व बहुत ज्यादा है। यह अपने कार्य एवं व्यवहार की वजह से प्रकृति को संतुलित और सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह प्रकृति के सबसे सौंदर्य व आकर्षक जीव हैं।
  • पक्षी बीज प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसकी वजह से हमें ऐसे स्थानों पर पौधे दिखाई देते हैं, जहां पर पौधे सामान्यतः नहीं होते हैं।
  • पक्षी खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण भाग हैं, जो अनेक प्रकार के कीड़ों की संख्या को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा पक्षी सड़े-गले कई तरह के चीजों को अपना भोजन बनाकर पर्यावरण को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • पक्षियों को भोजन, आवास और प्रजनन के लिए एक अनुकूल स्थान की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति आर्द्रभूमि (Wetland) द्वारा करवाई जाती है। इस कारण अधिकांश आर्द्रभूमियों को संरक्षित करने का प्रयास किया जाता है। रामसर वेटलेंडस साइटस का एक प्रमुख उद्देश्य पक्षियों को संरक्षित करना है।
  • विकास की दौड़ में आर्द्रभूमि जहां सिकुड़ते जा रहे हैं वहीं पक्षियों की संख्या भी तेजी से घट रही है। पक्षियों को बचाने के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय कदम उठाये जाते हैं, जिसमें एशियाई जलपक्षी गणना (Asian Waterbird Census) प्रमुख है।
  • वेटलेंडस इंटरनेशनल एक वैश्विक नॉन प्रॉफिट आर्गइजेशन है।
  • AWC को वेटलैंडस इंटरनेशनल द्वारा समन्वित किया जाता है तथा यह ग्लोबल वॉटरवर्ड मॉनीटरिंग प्रोग्राम और इंटरनेशनल वॉटरवर्ड सेंसस का एक अभिन्न अंग है।
  • इंटरनेशनल वॉटरवर्ड (IWC) का संचालन 143 देशों में किया जाता है। इसके क्षेत्रीय प्रभाव को समझने के लिए इसे एशिया अफ्रीका, यूरोप, कैरेबियन जलपक्षी गणना का नाम दिया जाता है।
  • इस जगणना का मुख्य उद्देश्य आर्द्रभूमि क्षेत्रें में जलपक्षियों की संख्या में आ रहे बदलाव और संरक्षण के लिए आवश्यक कदमों के विषय में जानकारी प्राप्त करना होता है।
  • एशियाई जलपक्षी गणना को वर्ष 1987 में भारतीय उपमहाद्वीप में प्रारंभ किया गया था। यह गणना पूर्वी एशिया-ऑस्ट्रेलिया और मध्य एशिया फ्रलाइवे का एक महत्वपूर्ण भाग है।
  • पूर्वी एशिया-ऑस्ट्रेलिया फ्रलाइवे का विस्तार आर्कटिक रूस और उत्तरी अमेरिका से न्यूजीलेण्ड एवं ऑस्ट्रेलिया की दक्षिण सीमा तक है। इसी के अंतर्गत पूर्वी भारत और अंडमान-निकोबार का क्षेत्र भी आता है।
  • मध्य एशियाई फ्रलाइवे के अंतर्गत पश्चिमी भारत से लेकर यूरेशिया का एक बड़ा क्षेत्र आता है।

गणना-

  • प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में एशिया ऑस्ट्रेलिया के हजारों स्वयंसेवक अपने-अपने देश में आर्द्रभूमियों का दौरा करते हैं और जलपक्षियों की गणना करके स्थिति का पता लगाते हैं, इसे ही एशियाई जलपक्षी गणना (AWE) के नाम से जाना जाता है।
  • हर साल ही तरह इस बार भी 2 जलवरी को आंध्रपदेश में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के तत्त्वाधान में एशियाई जलपक्षी गणना 2020 संपन्न हुई।
  • गोदावरी घाटी के 13 साइट्स में यह गणना की गई जिसमें पक्षियों की 90 प्रजातियों देखी गईं।
  • इसमें यह बात भी सामने आई कि हमें इस क्षेत्र के पक्षियों के विषय में अधिक जानकारी के लिए अभी और अध्ययन करने तथा अधिक पक्षी स्वयंसेवकों की आवश्यकता है।
  • भारत पक्षियों की संख्या को बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए प्रयत्नशील है इसीकारण हर साल यहां लाखों पक्षी प्रवास करके आते हैं। भारत में समय 42 रामसर साइट्स हैं। इसके अलावा भारत में 450 से अधिक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (Important Bird Area- IBA)
  • भारत वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों संरक्षण (Conservation of Migratory Species of Wild Animals- CMS) की COP का सदस्य है। COP-13 का आयोजन फरवरी 2020 में गुजरात के गांधी नगर में किया गया था।