(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 06 January 2021
जिब्राल्टर चर्चा में क्यों है?
- यूरोपीय महाद्वीप के दक्षिणी-पश्चिमी छोर पर स्थित पर्वतीय-पठारी एवं मैदानी क्षेत्र को आइबेरियन प्रायद्वीप के नाम से जाना जाता है। इसके अंतर्गत एंडोरा, पुर्तगाल और स्पेन तथा ब्रिटिश क्षेत्र जिब्राल्टर आता है।
- जिब्राल्टर ब्रिटेन के 14 समुद्रपरीय क्षेत्रें में शामिल है। यह वह क्षेत्र हैं जो ब्रिटेन की मुख्य भूमि से दूर हैं लेकिन उन पर ब्रिटेन की संप्रभुता है। बरमुडा द्वीप, कैमेन द्वीप, सेंट हेलेना द्वीप, असेंशन द्वीप, ट्रिस्टन दा कुन्हा, तुर्क्स और कैकोज द्वीपसमूह इसी तरह के क्षेत्र हैं।
- यह क्षेत्र अपना शासन खुद चलाते हैं लेकिन रक्षा एवं विदेशी मामलों पर ब्रिटेन का नियंत्रण रहता है।
- भूमध्य सागर के प्रवेश कुंजी (Entry Key) के नाम से मशहूर जिब्राल्टर का क्षेत्रफल 6.843 वर्ग किलोमीटर है। यह एक चट्टानी प्रायद्वीप है, जो स्पेन के मूल स्थल से दक्षिण की ओर समुद्र में निकला हुआ है। जिब्राल्टर के चट्टानी प्रायद्वीप को चट्टान (दी रॉक) कहते हैं। यह चट्टानी क्षेत्र चूना पत्थर से बना हुआ है, जिसमें कई स्थानों पर प्राकृतिक गुफायें निर्मित हो गई हैं।
- जिब्राल्टर मुख्य रूप से चट्टानी भाग हैं लेकिन समुद्र का कुछ भाग सूखाकर समतल क्षेत्र भी इसमें शामिल कर लिया गया है। इसी समतल क्षेत्र में अधिकांश जनसंख्या निवास करती है। यहां की जनसंख्या 34000 है।
- 1704 से पहले यह क्षेत्र स्पेन का था लेकिन 1704 में एंग्लो-डच सैन्य हमले में स्पेन ने इसे खो दिया और 1713 में अधिकारिक तौर पर यह ब्रिटेन का हिस्सा बन गया। इसके बाद स्पेन ने कई बार इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास किया लेकिन ब्रिटेन की नेवी और सैन्य ताकत के आगे स्पेन असफल रहा है।
- यहां दो बार (1968 और 2002) जनमत संग्रह करवाया गया जिसमें यहां की जनता को यह निर्णय लेना था कि वह स्पेन के साथ जाना चाहते हैं या फिर ब्रिटेन का हि हिस्सा रहेंगे। यहां के लोगों ने दोनों बार ब्रिटेन का हिस्सा रहने के पक्ष में मतदान किया।
- दरअसल ब्रिटेन के साथ यहां के लोगों का जुड़ाव लगभग 300 साल से है, जिसके कारण लोग ब्रिटेन के साथ जुड़ गये हैं, वहीं दूसरा कारण यह है कि ब्रिटेन एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसके कारण इसे आर्थिक लाभ होता है। स्पेन के लिए यह बहुत ही आश्चर्यजनक होता है कि यहां के लोग स्पेन का भाग नहीं बनना चाहते है।
- दरअसल अभी तक ब्रिटेन भी यूरोपीय यूनियन का भाग था, जिसके कारण जिब्राल्टर के लोग स्पेन होकर और अन्य क्षेत्रें के लोग स्पेन होकर यहां आ जा सकते हैं, फलस्वरूप जिब्राल्टर को ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन दोनों का लाभ मिलता है।
- इस चट्टानी भाग के दक्षिण में एक जलसंधि है, जिसका नामकरण जिब्राल्टर के नाम पर ही किया गया है। अटलांटिक महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ने वाली यह जलसंधि व्यापार की सबसे महत्वपूर्ण जलसंधि है, जिससे होने वाले व्यापार का एक बड़ा लाभ जिब्राल्टर के लोगों को मिलता है।
- इस जलसंधि के उत्तर में स्पेन एवं जिब्राल्टर तथा दक्षिण में मोरक्को और सेउटा क्षेत्र है। सेउटा क्षेत्र स्पेन का है जिस पर मोरक्को भी अपना दावा करता है। अपने सबसे करीबी बिंदु पर यूरोप और अफ्रीका महाद्वीपों में केवल 14-3 किसी की दूरी है।
ब्रेक्जिट और जिब्राल्टर
- जिब्राल्टर, ब्रिटेन का हिस्सा है इसलिए वर्ष 2016 में जब ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन से बाहर होने का निर्णय लिया और जनमत संग्रह करवाया तो उसमें जिब्राल्टर के लोगों ने भी हिस्सा लिया और स्कॉटलैण्ड की तरह जिब्राल्टर ने भी यूरोपीय यूनियन के साथ रहने का निर्णय लिया था।
- जिब्राल्टर के 96 प्रतिशत लोगों ने EU (यूरोपीय यूनियन) के साथ रहने के पक्ष में मतदान किया।
- 1 जनवरी 2021 से ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से बाहर हो चुका है इसलिए जिब्राल्टर भी अब यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं है।
- यूरोपीय यूनियन के बाद जिब्राल्टर-स्पेन और यूरोपीय के साथ आवागमन व व्यापार कैसे होगा इस पर संशय बना हुआ था लेकिन ब्रिटेन ने स्पेन के साथ और यूरोपीय यूनियन के साथ एक समझौता कर लिया है।
- यूके और ब्रिटेन ने समझौता करते हुए जिब्राल्टर के संदर्भ में यह निर्णय लिया है कि जिब्राल्टर को सेंजेन क्षेत्र (Schengen Area) में डाल दिया जायेगा।
- इसके अंतर्गत अभी 22 देश आते हैं। जिसमें 4 ऐसे देश भी हैं, जो यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं है। यह 4 देश-आइसलैण्ड, लिंचेस्टाइन, नार्वे, और स्विट्जरलैण्ड हैं। 6 ऐसे यूरोपीय यूनियन के देश हैं जो इसका भाग नहीं हैं। यह देश- बुल्गारिया, क्रोशिया, साइप्रस, आयरलैण्ड, UK (अब यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं) और रोमानिया हैं।
- इससे जिब्राल्टर का आवागमन एक पासपोर्ट के आधार पर बिना किसी रोक-टोक के संभव हो पायेगा। इससे जिब्राल्टर आने वाले तथा जिब्राल्टर से जाने वाले लोगों को किसी रूकावट का सामना नहीं करना होगा।
- यहां पर यह ध्यान देना होगा कि आवागमन के अलावा और किसी प्रकार की छूट जिब्राल्टर को नहीं मिलेगी और सभीप्रकार के नियम वही होंगे जो यूके पर लगेंगे।
बर्ड फ्लू एक नई आफत
- कोरोना की मुसीबत अभी बनी हुई थी कि भारत में एक और संकट उत्पन्न हो गया है, यह संकट बर्ड फ्रलू है।
- पिछले 10 दिनों में भारत के कई राज्यों में लाखों पक्षियों की मौत हो गई है। अभी तक हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल और राजस्थान ने पक्षियों की मौत के कारण के पीछे बर्ड फ्रलू की पुष्टि कर दी है।
- केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम के कई हिस्सों में एवियन इन्फ्रलूएंजा (जिसे हम बर्ड फ्रलू के नाम से भी पुकराते हैं) का H5N8 का स्ट्रेन मिलने के बाद यहां लगभग 36000 पक्षियों के मारे जाने की संभावना है। यहां फैलते संक्रमण को रोकने के लिए पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों को मारा जा रहा है, बदले में पोल्ट्री मालिकों को इसका मुआवजा दिया जा रहा है।
- सोमवार और मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में माइग्रेटरीज स्पेसीज गीज के 2700 पक्षी मृत मिले थे, उसके बाद देशी पक्षियों के भी मौत की सूचना आई है, जिसके बाद यहां भी अब बर्ड फ्रलू की पुष्टि कर दी गई है।
- हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम के वेटलैंडस एरिया में सबसे पहले इन पक्षियों की मृत्यु हुई थी। व्यास नदी पर निर्मित पोंग डैम के पीछे महाराणा प्रताप सागर जलाशय है। इस जलशाय में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में साइबेरियन पक्षी प्रवास करके आते हैं।
- हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले के नगरोटा रेंज (शिवालिक का भाग) में पक्षियों के मरने की भी खबरे हैं।
- पोंग डैम जलाशय Bar headed goose (गीज) के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा यहां Black-headed gull, River tern, Shoveler, Common teal भी पर्याप्त संख्या में देखे जाते हैं।
- हिमाचल के कांगडा में किसी भी तरह के पोल्ट्री के पक्षियों, किसी भी नस्ल के मछलियों या उनसे जुड़े उत्पाद जिसमें अण्डा, चिकन, मीट आदि भी शामिल हैं, खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
- मध्य प्रदेश और राजस्थान में बर्ड फ्रलू की वजह से कौवों की मौत हुई है, जो सामान्यतः नहीं होता है। इसलिए स्थिति चिंताजनक हो गई है।
- राजस्थान के नागौर जिले में 55 से अधिक मोरों (Peafowl or Peacock) की मृत्यु हो गई है। इनमें भी H5N8 स्ट्रेन की मौजूदगी मिली है।
- इस बढ़ती आपदा को रोकने के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्रलय ने दिल्ली में राज्य सरकारों के एक्शन और पूरे मामले की मॉनिटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है। इसी के साथ देश के सभी अभयारण्यों एवं पार्कों में सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
- देश में पक्षियों और जानवरों में होने वाले ऐसे संक्रमण का पता लगाने के लिए एकमात्र संस्थान National Institute of high Security Animal Diseases है, जो भोपाल में स्थित है। यह प्ब्।त् के अधीन आने वाली संस्था है। इस संस्था को कई राज्यों से प्राप्त सेंपल से इस बात की पुष्टि हुई है कि बर्ड फ्रलू का तेजी से प्रसार हो रहा है।
- बर्ड फ्रलू जिसे एवियन इंफ्रलुएंजा (Avian Influenza-AI) के नाम से जाना जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो जंगली पक्षियों, पालतू पक्षियों एवं जानवरों में पाया जाता है।
- यह सामान्यः पक्षियों एवं कुछ जानवरों में होता है लेकिन इन पक्षियों या संक्रमित जीवों के संपर्क में आने पर मनुष्यों में भी संक्रमण हो सकता है।
- इंफ्रलुएंजा A वायरस दो प्रकार के प्रोटीन Hemagglutinin-HA और Neuraminidase-NA के आधार पर वर्गीकृत होता है। उदाहरण जिसमें HA7 प्रोटीन और NA9 प्रोटीन पाया जाता है। उसे उप-प्रकार N7H9 के रूप में जाना/नामित किया जाता है।
- यह इंफ्रलुएंजा वायरस कई प्रकार का होता है। इसके प्रमुख रूप H5N1, H7N9, H9N2 हैं। अभी जो स्ट्रेन भारत में फैल रहा है वह H5N8 है।
- अत्याधिक रोगकारक एवियन इंफ्रलूएंजा (Highly Pathogenic Avian Influenza- HPAI) A (H5N1) मुख्य रूप से पक्षियों में पाये जाते हैं और उनके लिए अत्यधिक घातक होते हैं। यह मुर्गी पालन उद्योग को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं। इस स्ट्रेन के फैलने से लाखों-लाखों पक्षियों को मारना पड़ता है।
- यह विषाणु जिसे इन्फ्रलूएंजा A या टाइप A कहते हैं जब यह इंसानों को संक्रमित करता है तो इसे इन्फ्रलूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहते हैं।
- इन्फ्रलूएंजा विषणु RNA प्रकार के विषाणु होते हैं जो ऑर्थोमिक्सोविरिदे (Orthomyxoviridae) वर्ग वर्ग से संबंधित हैं। इसे इन्फ्रलूएंजा विषाणु A, B और C के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- इन्फ्रलूएंजा विषाणु A-सामान्यतः जंगली जलीय पशु पक्षियों में ही पाया जाता है लेकिन मानव में संचरित होने पर अत्यधिक घातक सिद्ध होता है।
- इन्फ्रलूएंजा विषाणु B-विशेष रूप से मनुष्यों को प्रभावित करता है। यह इन्फ्रलूएंजा A से कम घाटतक होता है।
- इन्फ्रलूएंजा विषाणु C-सामान्यतः मनुष्यों, कुत्तों एवं सुअरों को प्रभावित करता है। यह अपेक्षाकृत कमजोर होता है और केवल बच्चों में हल्के रोग का कारण बनता है।
- माइग्रेटरी पक्षी एक देश से दूसरे देश में इसे फैलाते है। जब यह किसी देश के एक हिस्से में फैलता है तो वहां के स्थानीय पक्षी इसे देश के आंतरिक भाग में तेजी से प्रसारित करते हैं। इसीकारण संक्रमित या संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आये पक्षियों को अन्य पक्षियों से अलग करने की नीति अपनाई जाती है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं लेकिन सांस लेने में अधिक समस्या और उल्टी होने का एहसास इसका विशेष लक्षण हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नवत हैं।
- बुखार और सिर में दर्द रहना
- हमेशा कफ रहना और नाक बहना
- गले में सूजन और मांसपेशियों में दर्द
- दस्त होना और उल्टी
- सांस लेने में समस्याए सांस ना आनाए निमोनिया होने लगता है।
- आंख में कंजंक्टिवाइटिस
बर्ड फ्लू का उपचार
- संक्रमित पक्षियों विशेषकर संक्रमण से मारे पक्षियों से दूरी बनाकर रहना।
- बर्ड फ्लू का संक्रमण अगर फैला है तो पक्षियों के मांस से का खाद्य के रूप में प्रयोग करने से बचे।
- बर्ड फ्लू के इलाज के लिए एंटीवायरल दावा ओसेल्टामिविरए टैमीफ्लू और ज़ानामिविर का प्रयोग किया है।