Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 03 March 2020
आर्मेनियन जनसंहार और भारत का तुर्की को जवाब
- आर्मीनिया ( आर्मेनिया) पश्चिम एशिया और यूरोप के काकेशस क्षेत्र में स्थित पहाड़ी देश है !
- 1990 के पूर्व यह सोवियत संघ का अंग था !
- आर्मेनिया चौथी शताब्दी में इसाईयत को अधिकारिक राष्ट्रीय मजहब घोषित कर दिया ! ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश था !
- कुछ समय बाद यह ऑटोमन साम्राज्य के अधीन आ गया !
- ऑटोमन साम्राज्य के अधीन इसे कुछ धार्मिक स्वतंत्रता अवश्य दी गई लेकिन उन्हें काफिर माना जाता था !
- 1914 में पहला विश्व युद्ध प्रारंभ हो गया तुर्की ने जर्मनी के साथ युद्ध लड़ा और तुर्की की सेना में तकरीबन 40000 आर्मेनियन तुर्की की सेना में शामिल हो गए !
- धार्मिक मतभेद और कई प्रकार के संदेश के कारण आर्मेनियन मिलिट्री लीडर वहां के ईसाइयों के खिलाफ कमर कस रहे थे !
- तुर्की को जानकारी मिली कि उसके खिलाफ लड़ रहे रूस की मदद करने के लिए कुछ आर्मेनियन लड़ाके तैयार हो रहे हैं ! इस तरह अविश्वास की खाई बढ़ती गई !
- 24 अप्रैल 1915 को पहले आर्मेनियन बुद्धिजीवियों को मारा गया और यह कई वर्ष तक चला और ईसाइयों को मारा गया !
- इस घटना को आर्मेनियन जनसंहार के नाम से जाना जाता है !
- इस तरह तुर्की के साथ आर्मेनिया के संबंध ठीक नहीं रहे हैं !
- तुर्की लंबे समय से कश्मीर मुद्दे, नागरिकता संशोधन कानून, धर्मनिरपेक्षता, दिल्ली अशांति आदि को लेकर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता आया है तो साथ ही उस पाकिस्तान प्रेम पूरी दुनिया में जगजाहिर है !
- भारत में कई बार तुर्की को चेतावनी दी थी कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करें !
- भारत ने आर्मेनिया के साथ 40 मिलियन का डिफेंस डील किया है जिसके तहत भारत आर्मेनिया को 4 SWATHI Weapon Locating Radar सिस्टम देगा !
- जैसा किसका नाम है यह राडार हमला करने वाले स्थान के विषय में जानकारी देगा !
- पोलैंड और रूस भी इस दौड़ में शामिल थे !
- इसके माध्यम से Artillery शेर अटैक होने पर 2-30 किलोमीटर तक Mortars से अटैक होने पर 2-20 किलोमीटर और रॉकेट से हमला होने पर 4-40 किलोमीटर तक के दुश्मन के ठिकाने की जानकारी दे देगा !
- यह मात्र 10 से 15 सेकंड में शत्रु के फायरिंग करने वाले हथियार की सटीक लोकेशन का पता लगाने के साथ-साथ अपनी आर्टिलरी फायरिंग को दिशा निर्देश दे सकता है ! इसके साथ-साथ इसका प्रयोग उच्च तापमान एवं निम्न तापमान वाले दोनों स्थानों में करने के साथ अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है !
- यह DRDO द्वारा विकसित किया गया है !
- इसका भारत द्वारा LOC ( लाइन ऑफ कंट्रोल ) पर बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है !
- भारत किस प्रकार का सिस्टम प्रयोग करने वाला विश्व का अग्रणी देश है !
- यह डील भारत के हथियार बाजार को वैश्विक स्वरूप प्रदान करेगा !
123 एग्रीमेंट और भारतीय चुनौतियां
- अमेरिका अपने परमाणु ऊर्जा एक्ट के तहत किसी ऐसे देश में परमाणु सहयोग नहीं कर सकता है जिसने अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किये हो !
- भारत NPT का हस्ताक्षर कर्ता देश नहीं है इस कारण भारत के साथ सहयोग करने के लिए अमेरिका ने एक नया कानून बनाया !
- अमेरिका ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में इसे हेनरी जे. हाइड ने पेश किया इसलिए इसे हेनरी हाइड भारत-अमेरिका शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा सहयोग एक्ट के नाम से भी जाना जाता है !
- अमेरिका के परमाणु ऊर्जा एक्ट के सेक्शन 123 के तहत ही अमेरिका को द्विपक्षीय असैनिक परमाणु सहयोग समझौते करने पड़ते हैं इसलिए इसे 123 समझौता भी कहा जाता है !
- हाइड एक्ट अमेरिका का राष्ट्रीय कानून है जबकि 123 समझौता दो देशों के बीच एक द्विपक्षीय समझौते का नाम है !
- वर्ष 2008 में भारत अमेरिका न्यूक्लियर डील में भारत की तरफ से यह कहा गया था कि वह अमेरिकी न्यूक्लियर रिएक्टर खरीदेगा !
- हाल ही में जब डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आए थे तो उस समय भी परमाणु ऊर्जा और रिएक्टर की सप्लाई की बात दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई थी !
- अमेरिका द्वारा यह पहली बार भारत पर आरोप नहीं लगाया गया है कि वर्ष 2008 के रिएक्टर खरीदने के वायदे से पीछे हट रहा है !
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग के दौरान यह कहा गया कि जल्द ही न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच जल्द ही एक समझौता किया जाएगा जिसमें 6 न्यूक्लियर रिएक्टर भारत को बेचा जा सके !
- 6 रिएक्टर की कीमत लगभग 6 लाख करोड होगी इसलिए कई समीक्षक इसे घाटे का सौदा मान रहे हैं क्योंकि अब ऊर्जा के अन्य स्रोत इससे सस्ते दिख रहे हैं !
- परमाणु ऊर्जा इन रिएक्टरों से प्राप्त करने के लिए स्थापित लागत भी बहुत ज्यादा आती है यदि इस लागत में 30% की कटौती भी कर दी जाए तो प्रति यूनिट लागत 25 रुपए आएगी जो बहुत ज्यादा है !
- जबकि सोलर एनर्जी द्वारा हम 3-4 रुपए प्रति यूनिट बिजली प्राप्त कर सकते हैं !
- 2006- 2008 के बीच की प्रौद्योगिकी और वर्तमान प्रतियोगी की में बहुत बदलाव आया है और पिछले एक दशक में पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा की कीमत में 70-90 प्रतिशत कमी आई है ! तो साथ ही इनका कोई घातक प्रभाव और विरोध भी दिखाई नहीं देता है !
- 1986 में चर्नोबिल दुर्घटना, 2011 की फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना जैसी अनेक आपदाएं इसे उपयोगी से विनाशकारी साबित कर देती हैं !
- रिजेक्टर की गुणवत्ता पर भी प्रश्न कई बार उठते रहे हैं ! फुकुशिमा दुर्घटना में यह बात सामने आई थी कि रिएक्टर के निर्माण में कई खामियां थी ! निर्माता कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक ने न तो कोई मुआवजा दिया और ना ही किसी अन्य प्रकार की अपनी जवाबदेही दिखलाई !
- वेस्टिंगहाउस कंपनी भी किसी प्रकार की दुर्घटना में अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती है !
- इसलिए भारत के कानून में भी परिवर्तन की मांग भी अमेरिकी कंपनियों द्वारा की जाती रही है !
- तारापुर-1, तारापुर-2, महाराष्ट्र के एवं कुडनकुलम 1 और 2 तमिलनाडु के रिएक्टरों को हमने आयात किया है लेकिन इनका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा नहीं रहा है !
- वर्ष 2018-2019 मे इन रिएक्टरों ने 32- 38% इफिसिएन्सी के साथ काम किया !
भारत कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम ?
- चीन के वुहान शहर से प्रारंभ हुआ कोरोनावायरस अंटार्कटिका को छोड़कर लगभग पूरे विश्व में फैल चुका है !
- अब तक 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
- मरने वालों की संख्या को एक बार में अगर विश्व समुदाय नजर अंदाज भी कर दे तो इसके संक्रामक प्रभाव को सभी देश बहुत गंभीरता से ले रहे हैं !
- 90000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं ! और WHO ने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर रखा है !
- भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कल कहा कि भारत में कोरोनावायरस के 5 मरीज हो चुके हैं ! 3 मरीज प्रारंभिक दौर के हैं तो 2 मरीज अभी इसके गिरफ्त में आए हैं !
- भारत के 9 राज्यों में कोरोनावायरस के संदिग्ध पाए गए हैं !
- दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में सीनियर कंसलटेंट डॉ धीरेन गुप्ता का मानना है कि इससे निपटने की तैयारी भारत की बहुत कम है !
- इससे निपटने के लिए फिलहाल 20 नई वैक्सीन तैयार की जा रही है जिनके नतीजे कुछ हफ्ते में आएंगे !
- इनका मानना है कि भारत की बड़ी आबादी के बीच यह संक्रमण यदि फैल जाता है तो इससे निपटना भारत के लिए मुश्किल होगा !
- कई समीक्षकों ने भारत की कोरोना वायरस को लेकर की जा रही तैयारियों पर प्रश्न उठाए हैं !
- चीन के बाद इसका सर्वाधिक घातक प्रभाव दक्षिण कोरिया में देखा जा रहा है !
- यहां इससे निपटने के लिए सैनात को तैनात किया गया है लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है !
- भारत में इससे निपटने के लिए फिलहाल कई तरह के एंटीरेट्रोवायरल्स को मिलाकर इजाज का नुस्खा बनाया जा रहा है ! इसका प्रयोग फिलहाल HIV के इलाज में होता है !
- ICMR को लोपिनावीर और रिटोनावीर के कांबिनेशन के इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल की मंजूरी हासिल है ! इनका प्रयोग भी HIV में होता है !
- भारत में सिप्ला और अरविंद दो मुख्य रूप से एंट्री रेट्रोवायरल्स की सप्लाई करती है इनका कहना है कि जरूरत पड़ने पर वह सरकार को इन दवाओं की आपूर्ति के लिए तैयार है !