(इनफोकस - InFocus) क्या है गोल्डन वीज़ा प्रोग्राम? (What is Golden Visa Programme?)
सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE ने अपने ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम का विस्तार करने का फैसला लिया है। नए ऐलान के मुताबिक, अब इस प्रोग्राम के तहत कुछ पेशेवरों और विशिष्ट डिग्री धारकों को भी शामिल किया जाएगा। यह फैसला 1 दिसंबर, 2020 से लागू होगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
UAE मूलतः एक तेल और गैस उत्पादक देश है। हालिया वक्त में, कोरोना वायरस महामारी और तेल की कम कीमत की वजह से संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था काफी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके चलते कई प्रवासी अपने देश वापस जाने को मजबूर हो गए हैं।
- ऐसे में, UAE सरकार के इस फैसले को अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
- नए फैसले के मुताबिक, डॉक्टरेट, मेडिकल डॉक्टर डिग्री धारक और कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोग्रामिंग, इलेक्ट्रिकल, बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग डिग्री धारक इस प्रोग्राम का लाभ उठा सकते हैं।
- साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और एपिडेमियोलॉजी यानी महामारी विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट डिग्री धारक और UAE से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के ऐसे छात्र भी इस प्रोग्राम का लाभ उठा सकेंगे, जिन्होंने 3.8 या उससे ज़्यादा GPA हासिल किया है।
‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम क्या है?
‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम को UAE द्वारा साल 2019 में शुरू किया गया था। यह एक दीर्घकालिक निवास कार्यक्रम है।
- आमतौर पर UAE प्रवासियों को स्थायी निवास वीज़ा नहीं देता, लेकिन 'गोल्डन वीज़ा' एक नई पहल है जिसके तहत एक 10-वर्षीय वीज़ा दिया जाता है।
- इससे प्रवासियों को वहाँ लंबे वक्त तक के लिए रहने की सुविधा मिल जाती है।
- इस प्रोग्राम का मकसद संयुक्त अरब अमीरात में एक आकर्षक निवेश वातावरण का निर्माण करना है ताकि देश में व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिल सके और वहां पर नई प्रतिभाएं आकर्षित हों।
- अभी तक यह वीज़ा केवल निवेशकों, उद्यमियों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और वैज्ञानिकों आदि को ही जारी किया जाता था, लेकिन नए फैसले के मुताबिक अब इसका लाभ तकनीक, मेडिकल और कला क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवाओं को भी मिल पाएगा।
UAE को इसका क्या फायदा होगा?
UAE द्वारा लिये गए इस फैसले का मक़सद तमाम क्षेत्रों और वैज्ञानिक विषयों के विशेषज्ञों और प्रतिभाशाली पेशेवरों को आकर्षित करना और उन्हें संयुक्त अरब अमीरात के विकास से जोड़ना है।
- ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम के विस्तार से दुनिया भर के प्रतिभाशाली लोग संयुक्त अरब अमीरात में अपना कॅरियर शुरू करने के लिए आकर्षित होंगे।
- इसके चलते वहाँ नवाचार, रचनात्मकता और प्रायोगिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
- यह संयुक्त अरब अमीरात के विकास के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
भारत को इससे क्या फायदा होगा?
संयुक्त अरब अमीरात का यह फैसला भारत के युवाओं खासकर तकनीकी क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं के लिये काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है। साथ ही, इससे युवाओं को रोज़गार के नए अवसर तलाशने में भी मदद मिलेगी।
- पिछले तीन दशकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में इंजीनियरिंग डिग्री धारकों की संख्या सबसे ज्यादा रही है।
- एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर साल तकरीबन 15 लाख इंजीनियरिंग छात्र अलग-अलग शाखाओं जैसे कि IT, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, सिविल आदि से स्नातक की डिग्री हासिल करते हैं।
- यह दुर्भाग्य ही है कि इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग स्नातक होने के बावजूद केवल 2.5 लाख स्नातकों को ही तकनीकी क्षेत्र में रोज़गार मिल पाता है।