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Blog / 26 Jul 2020

(इनफोकस - InFocus) नौसेना का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र (Navy's Largest Solar Power Plant)

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(इनफोकस - InFocus) नौसेना का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र (Navy's Largest Solar Power Plant)



सुर्खियों में क्यों?

हाल ही में, केरल स्थित भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला में तीन मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र प्रारंभ किया गया।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • यह भारतीय नौसेना का सर्वाधिक बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट है।
  • इस सौर ऊर्जा परियोजना को ‘केरल राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड’ यानी KELTRON द्वारा पूरा किया गया है।
  • यह कदम भारत सरकार के ‘नेशनल सोलर मिशन’ के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक साबित होगा। बता दें कि नेशनल सोलर मिशन का मकसद फॉसिल आधारित ऊर्जा विकल्पों के साथ सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग को बढ़ावा देना है। इस मिशन के तहत सरकार द्वारा साल 2022 तक 100 गीगावॉट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
  • इस सौर ऊर्जा संयंत्र का अनुमानित जीवन-काल 25 साल है।
  • इस प्लांट में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी उपकरणों की आपूर्ति स्थानीय स्तर पर की गई है. इन उपकरणों में नई टेक्नोलॉजी पर आधारित 9180 बेहतरीन मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल भी शामिल हैं।

मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline) सौर पैनल: मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल को ‘एकल क्रिस्टलीय सिलिकॉन सौर पैनल’ भी कहा जाता है. इसे इसके बाहरी काले रंग के चलते आसानी से पहचाना जा सकता है।

  • ये ‘बेलनाकार सिलिकॉन सिल्लियों’ से बने होते हैं जिन्हें वेफर्स (Wafers) के रूप में काटा जाता है और इनकी दक्षता काफी उच्च होती है.
  • ये सूर्य विकिरण को अच्छे ढंग से प्रबंधित कर लेते हैं।

पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline) सौर पैनल: पॉलीक्रिस्टलाइन को ‘बहु-क्रिस्टलीय सौर पैनल’ भी कहा जाता है।

  • मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल से अलग इनके निर्माण के लिये पिघला हुआ सिलिकॉन एक वर्गाकार आकार में ढाला जाता है।
  • इसके बाद इस सिलिकॉन को ठंडा करके पॉलीक्रिस्टलाइन आकार बनाते हुए चौकोर वेफर्स में काटा जाता है।

अहमियत:

इस सौर ऊर्जा प्लांट प्रोजेक्ट की मदद से कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जा सकता है।

  • यह भारतीय नौसेना अकादमी द्वारा साफ और हरित वातावरण की दिशा में किए गए तमाम प्रयासों में से एक है।
  • इस प्लांट से उत्पादित अतिरिक्त बिजली को केरल राज्य विद्युत बोर्ड के इलेक्ट्रीसिटी ग्रिड में भेजे जाने की योजना है।
  • यह प्लांट जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक साबित होगा.