Home > InFocus

Blog / 28 Sep 2020

(इनफोकस - InFocus) औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2020 (Industrial Relations Code Bill 2020)

image


(इनफोकस - InFocus) औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2020 (Industrial Relations Code Bill 2020)



सुर्ख़ियों में क्यों?

भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता का आयोजन अक्टूबर महीने के अंत तक किये जाने का अनुमान है। दोनों देशों के बीच इस वार्ता के दौरान ‘भू-स्थानिक सहयोग हेतु बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौते’ यानी BECA पर हस्ताक्षर की इच्छा ज़ाहिर की गई है।

  • जब दो देशों के बीच एक साथ ही दो-दो मंत्रिस्तरीय वार्ताओं का आयोजन किया जाता है, इसे ‘2+2 डायलॉग मॉडल’ का नाम दिया जाता है।
  • भारत-जापान या भारत-अमेरिका या फिर भारत-ऑस्ट्रेलिया बीच इसी डायलॉग मॉडल के तहत वार्ताओं का आयोजन किया गया है।

महत्वपूर्ण बिंदु

अगर इस समझौते के लिए दोनों देश राज़ी होते हैं तो भारत को स्वचालित हार्डवेयर सिस्टम और हथियार जैसे क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों से सटीक हमले के लिये अमेरिकी भू-स्थानिक मानचित्रों का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल जाएगी।

  • इस बारे में, भारत ने अपने सुझावों के साथ BECA का एक मसौदा अमेरिका को भेज दिया है।
  • संभावना जाहिर की जा रही है कि अमेरिका के साथ इस समझौते के लागू होने के बाद भारत ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भी ऐसा समझौता कर सकता है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और जापान भी क्वाड (QUAD) समूह के सदस्य देश हैं।
  • ग़ौरतलब है कि साल 2016 के बाद से भारत और अमेरिका में तीन महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इनमें लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट यानी LEMOA, कम्युनिकेशन्स कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट यानी COMCASA और जनरल सिक्योरिटी ऑफ़ मिलिट्री इनफार्मेशन एग्रीमेंट यानी GSMIA शामिल हैं।
  • भारत और अमेरिका के बीच एक अन्य समुद्री सूचना समझौते को भी लागू करने की कोशिश की जा रही है।

आगामी 2+2 वार्ता की क्या अहमियत होगी?

भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र बीते कुछ सालों के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है।

  • LAC पर भारत-चीन तनाव और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढती सक्रियता के अलावा पनडुब्बी रोधी युद्ध, एंटी मिसाइल डिफेंस, नेटवर्क सेंट्रल वारफेयर आदि इस बैठक के प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं।
  • संभावना है कि इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच COMCASA पर भी व्यापक चर्चा होगी।
  • बैठक के अहम मुद्दों में हाल ही में हुए संयुक्त अरब अमीरात-बहरीन-इज़राइल समझौते, पश्चिम एशिया में बढ़ती अशांति, क्वाड, मानव रहित हवाई वाहन (UAV) का संयुक्त विकास आदि शामिल हो सकते हैं।
  • इसके अलावा, इस बैठक के दौरान अमेरिकी प्रशासन से ‘एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली’ यानी IADWS की बिक्री के लिए अनुमति-प्रत्र प्राप्त होने की भी उम्मीद है।

वार्ता की राह में क्या दिक्कतें हैं?

अभी भी इस समझौते पर पूरी बातचीत खत्म नहीं हुई है। ऐसे में, आगामी 2+2 वार्ता के दौरान BECA को लागू किये जाने के बारे में एक अनिश्चितता बनी हुई है। साथ ही, इस वार्ता का समय नवंबर में आयोजित होने वाले अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनावों के बिलकुल पास है। इसके बावजूद, वार्ता की तारीख अभी तक तय नहीं की जा सकी है।

आगे क्या किया जाना चाहिए?

भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ हालिया तनाव को देखते हुए समझौता एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हालांकि विशेषज्ञ इसके अलावा भी कुछ और उपाय सुझाते हैं मसलन भारत के लिये हर तरह से अपनी सैन्य शक्ति में वृद्धि करना बहुत ही जरूरी है।

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनज़र भारत को एक समान विचारधारा वाले देशों को साथ लाने की कोशिश करनी चाहिए।
  • इसके अलावा, क्वाड जैसे मंचों के जरिए अन्य क्षेत्रों के साथ नौसैनिक सहयोग को बढ़ाना चाहिये।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने में भारत के लिये रूस के साथ संबंध संतुलन बनाए रखना होगा।