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Blog / 03 Aug 2020

(इनफोकस - InFocus) शहद परीक्षण प्रयोगशाला (India's First Honey Testing Lab)

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(इनफोकस - InFocus) शहद परीक्षण प्रयोगशाला (India's First Honey Testing Lab)



सुर्ख़ियों में क्यों?

  • बीते 24 जुलाई 2020 को, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा गुजरात के आणंद में स्थापित ‘भारत की विश्वस्तरीय अत्याधुनिक शहद परीक्षण प्रयोगशाला’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया गया.
  • इस मौके पर कृषि मंत्री ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा कराए जा रहे ‘वैज्ञानिक तरीके से शहद उत्पादन पर दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का भी शुभारंभ किया।

शहद उत्पादन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

शहद के उत्पादन में मिलावट एक बड़ी समस्या है. इसमें फ्रक्टोज की ज्यादा मात्रा वाले कॉर्न सीरप या चावल, टैपिओका, गन्ना और बीट सीरप मिलाए जा रहे हैं.

  • मिलावट के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले ये पदार्थ न केवल सस्ते होते हैं बल्कि इनके भौतिक-रासायनिक गुण भी समान होते हैं।
  • भारत विश्व में शहद के 5 सबसे बड़े उत्पादकों में शुमार है।
  • भारत में वर्ष 2005-06 की तुलना में अब शहद उत्पादन 242 फ़ीसदी बढ़ गया है, वहीं इसके निर्यात में 265 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है।

शहद परीक्षण प्रयोगशाला के बारे में

इस शहद परीक्षण प्रयोगशाला को राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) के सहयोग से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा स्थापित किया गया है।

  • यह प्रयोगशाला बड़ी तादाद में किसानों को शहद के उत्पादन और मार्केटिंग के लिये प्रोत्साहन देकर देश में 'मीठी क्रांति' (Sweet Revolution) लाने में कारगर साबित हो सकती है.
  • साथ ही, इसके जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के विज़न में मदद मिलने की उम्मीद है।
  • NDDB ने FSSAI द्वारा तय मानकों के मुताबिक इस विश्वस्तरीय प्रयोगशाला की स्थापना की है. यह सभी सुविधाओं से लैस है, और साथ ही इसमें परीक्षण विधियां/प्रोटोकॉल भी विकसित किए गए हैं।
  • FSSAI ने अब शहद, बी वैक्स और रॉयल जेली के नए मानदंडों के बारे में भी अधिसूचना जारी की है।
  • उम्मीद है कि इस शहद परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना से शहद के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और दूसरे देशों को निर्यात में मदद मिलेगी।
  • इसे राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड यानी NABL द्वारा मान्यता प्राप्त है।

राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL):

NABL भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है जिसका पंजीकरण संस्था पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत किया गया है।

  • इसे सरकार, उद्योग संघों और उद्योगों को परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता और तकनीकी क्षमता का आकलन किसी तीसरे पक्ष से करवाने की एक योजना उपलब्ध कराने के मकसद के साथ स्थापित किया गया है।
  • भारत सरकार ने NABL को परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशालाओं के एकमात्र प्रत्यायन निकाय के रूप में अधिकृत किया है।
  • यह संस्था भारत की गुणवत्ता परिषद का एक सांविधिक बोर्ड है।

मधुमक्खी पालन हेतु अन्य महत्वपूर्ण पहल

सरकार द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड और राज्यों के जरिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन मिशन के तहत मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

  • ‘कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने दो साल की अवधि के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन को स्वीकृति दी हुई है।