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Blog / 22 Oct 2020

(इनफोकस - InFocus) भारत की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम (India's First Anti Radiation Missile : RUDRAM)

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(इनफोकस - InFocus) भारत की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम (India's First Anti Radiation Missile : RUDRAM)


सुर्खियों में क्यों?

बीते 9 अक्तूबर को देश की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ का भारत के पूर्वी तट से सुखोई-30 एमकेआई जेट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल को भारतीय वायु सेना के लिये विकसित किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और अन्य सहयोगियों को बधाई दी. ग़ौरतलब है कि DRDO के द्वारा पिछले 35 दिनों के अंदर यह 11वां मिसाइल परीक्षण होगा।

क्या होता है एंटी-रेडिएशन मिसाइल?

एंटी-रेडिएशन मिसाइलों को दुश्मन देश की रडार, कम्युनिकेशन सिस्टम और अन्य रेडियो आवृत्ति स्रोतों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया जाता है. इन स्रोतों का पता लगाने के बाद इन्हें ट्रैक करके बेअसर कर दिया जाता है. आमतौर पर यह सिस्टम हर देश की वायु रक्षा प्रणालियों का हिस्सा होती हैं।

‘रूद्रम’ से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

रुद्रम, हवा से सतह पर मार करने वाली एक मिसाइल है. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO द्वारा डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है।

  • लड़ाकू विमानों से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल मानकों के आधार पर रुद्रम की ऑपरेशनल रेंज 100 किमी. से ज्यादा है।
  • संस्कृत से लिए गए शब्द ‘रुद्रम’ (RUDRAM) की अंग्रेजी स्पेलिंग में A-R-M अक्षर शामिल हैं जो एंटी-रेडिएशन मिसाइल (Anti-Radiation Missile) के संक्षिप्त नाम को दिखाता है।
  • संस्कृत शब्द ‘रुद्रम’ का मतलब ‘दुखों का निवारण’ है।
  • DRDO ने करीब 8 साल पहले इस तरह की एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का विकास शुरू किया था।
  • लड़ाकू जेट विमानों के साथ इसका एकीकरण भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की तमाम DRDO सुविधाओं एवं संरचनाओं का एक सहयोगात्मक प्रयास रहा है।
  • वैसे तो इस मिसाइल का परीक्षण सुखोई-30 एमकेआई जेट से किया गया है, लेकिन भविष्य में इसे अन्य लड़ाकू जेट विमानों से लॉन्च किये जाने के मुताबिक भी अपग्रेड किया जाएगा। मतलब इसे जगुआर, मिराज 2000 और तेजस के साथ लॉन्‍च करने लायक भी बनाया जा रहा है।

पैसिव होमिंग हेड प्रणाली क्या होती है?

मिसाइल को एक खास दिशा में निर्देशित करने के लिये इसमें एक ‘पैसिव होमिंग हेड’ प्रणाली जोड़ी गई है। यह ‘पैसिव होमिंग हेड’ ब्रॉडबैंड क्षमता से लैस है. ‘पैसिव होमिंग हेड’ एक ऐसा सिस्टम होता है जो प्रोग्राम के रूप में आवृत्तियों के एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्य की पहचान, उसे वर्गीकृत और जोड़ सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि मिसाइल रेडियो आवृत्ति स्रोतों का सटीक पता लगाने में सक्षम है और यदि एक बार रुद्रम मिसाइल लक्ष्य पर केंद्रित हो जाती है तो विकिरण स्रोत को बीच में बंद करने पर भी यह सटीक रूप से प्रहार कर सकती है।

हवाई युद्ध में इन मिसाइलों की अहमियत

दरअसल, किसी भी तरह के सैन्य अभियान की सफलता के लिए हवाई युद्धों के मामले में पर्याप्त नियंत्रण और जवाबी कार्यवाही काफी मायने रखता है। हवाई युद्धों में बढ़त बनाने के लिए दो अलग-अलग तरह की रणनीति अपनाई जाती हैं - पहला दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करना यानी SEAD, और दूसरा आक्रामक और काउंटर डिफेंस एयर ऑपरेशन। रुद्रम को भारतीय वायु सेना की ‘सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस’ यानी SEAD क्षमता को बढ़ाने के लिये विकसित किया गया है।