(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस? (Why is the Earth Day Celebrated?)
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरी दुनिया ही लगभग थम सी गई है। ऊपर से सिस्टम की लचर व्यवस्था ने इस बीमारी को और भी घातक बना दिया है। लोगों के जेहन में सिर्फ और सिर्फ दहशत गूंज रहा है। कहीं पूरी तरह से लॉक डाउन लग रहा है तो कहीं आंशिक तौर पर। लेकिन जहां-जहां लॉकडाउन लगे हैं वहां का घटता वायु प्रदूषण, साफ पानी, शांत वातावरण और खुली हवा में सांस लेते लोग यह दुनिया की एक अलग ही तस्वीर पेश कर रहे हैं।
डीएनएस में हम जानेंगे कि क्या है इस बार पृथ्वी दिवस की थीम, क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस, और क्या खास है इस दिन के बारे में
हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 1970 में मनाया गया था। इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है। इस साल पृथ्वी दिवस का थीम ‘Restore Our Earth’ है, जबकि पिछले साल इसका थीम क्लाइमेट एक्शन था।
ससे पहले पृथ्वी दिवस दो अलग-अलग मौकों पर मनाया जाता था, जहां 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस मनाते थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ की मान्यता प्राप्त थी, तो वहीं 22 अप्रैल को महज़ पृथ्वी दिवस मनाया जाता था। लेकिन यह सिलसिला 22 अप्रैल 1970 को खत्म हो गया। साल 1970 से दुनिया भर में 192 से अधिक देशों के निवासी एक साथ पृथ्वी दिवस मनाते हैं। इस बार पृथ्वी दिवस के 51 साल पूरे हो रहे हैं।
सबसे पहले पृथ्वी दिवस को मनाना किसने और कब शुरू किया
अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने 1970 में पृथ्वी दिवस की नींव पर्यावरण शिक्षा के रूप में डाली थी। जिसके बाद से पृथ्वी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। अमेरिका में इस दिन को ट्री डे के रूप में भी मनाया जाता है। नेल्सन द्वारा इस मुहिम को शुरू करने के बाद से उन्हें फादर ऑफ अर्थ डे के नाम से जाना जाने लगा। इस दिवस के मौके पर एक साथ 192 देशों के अरबों नागरिक पृथ्वी के संरक्षण का संकल्प लेते हैं। गौरतलब है कि इस दिन उत्तरी ध्रुव में वसंत तो दक्षिणी ध्रुव में शरद ऋतु होती है। पहले पृथ्वी दिवस के बाद पर्यावरण को बचाने की मुहिम पूरी दुनिया में शुरू हुई। संयुक्त राज्य अमेरिका में कई पर्यावरणीय कानूनों को अमलीजामा पहनाया गया। साफ़ हवा और पानी से जुड़े कानून वजूद में आए और साथ ही लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम को भी क्रियान्वित किया गया। इस मौके पर पर्यावरणीय संरक्षण संस्था की भी नींव रखी गई।
पूरी दुनिया में पृथ्वी दिवस की एक खास अहमियत है। यही वजह है कि साल 2016 में संयुक्त राष्ट्र में इसी दिन ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर सभी देशों ने दस्तखत किए थे। इस दिवस को मनाने का मकसद लोगों को पृथ्वी और पर्यावरण के संरक्षण के लिए जागरूक करना है। मौजूदा वक्त में जिस तरह से मिट्टी का कटाव हो रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है और प्रदूषण फैल रहा है – इनसे धरती पर मौजूदा संसाधन धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं और भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के वजूद पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में धरती की गुणवत्ता, उर्वरता और महत्ता को बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण और पृथ्वी को संरक्षित करने की जरूरत है। इसी मकसद को पूरा करने के लिए हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
पृथ्वी दिवस की 51वीं सालगिरह के मौके पर दुनिया के सभी लोगों को पर्यावरण बचाने के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं और महामारियों से बचा जा सके और आने वाली दुनिया को फिर से साफ और रोगमुक्त बनाया जा सके। जाते–जाते Dhyeya TV आपसे अपील करता है कि कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का अवश्य पालन करें। हमें पूरा विश्वास है कि यह महामारी हारेगी और मानवता जीतेगी।