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Blog / 24 Mar 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम (What is 15 Point Programme?)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम (What is 15 Point Programme?)



प्रधानमंत्री द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाया गया नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम पूरे देश में अलग अलग मंत्रालयों और अल्पसंख्यक विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और पहलों को एक साथ शामिल करके चलता है । यह कार्यक्रम जहा तक मुमकिन हो सके उसमे सभी अल्पसंखयकों की योजनाओं केतहत 15 फीसदी लक्ष्य और परिव्यय अल्पसंख्यकों के लिए सुनिश्चित करता है । इस कार्यक्रम के तहत ये भी कहा गया है की प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में शामिल तमाम योजनाओं और पहलों का मूल्याङ्कन सम्बद्ध मंत्रालय या विभागों द्वारा किया जायेगा ।साथ ही साथ मूल्यांकन की यह प्रक्रिया सतत होगी । अल्पसंख्यक कलयाण मंत्रालय द्वारा चलाये जा रही योजनाएं खास तौर पर केवल उन अल्पसंख्यकों के लिए होंगी जिन्हे केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है जिनमे मुस्लिम ईसाई सिख बौद्ध पारसी और जैन समुदाय के लोग शामिल हैं।

आज के अपने इस DNS कार्यक्रम में जानेंगे प्रधानम्नत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम के बारे में इनमे किये बदलावों के बारे में और इनके तहत चलाये जा रही योजनाओं के बारे में

दरसल में अल्पसंख्यकों के लिए 15 सूत्रीय कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा चलाया गया ऐसा कार्यक्रम है जिसके तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों का कल्याण सुनिश्चित किया जाता है ।इस 15 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत सचर समिति की रिपोर्ट आने के बाद हुई थी।सचर समिति की रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों की खराब सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक हालात का ज़िक्र किया गया था । इस रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों के दर्ज़े को कई सूचकों के आधार पर तय करने की बात कही गयी थी जिसमे पोषण स्वास्थ्य और शिक्षा को आधार बनाया गया था । इस रिपोर्ट में मुस्लिमों को इन सभी सच्चकों के आधार पर सबसे खराब दर्ज़ा मिला था । सरकार द्वारा शुरू किये गए 15 सूत्रीय कार्यक्रम में रिपोर्ट की इन्ही बारीकियों को ध्यान में रखा गया था और अल्पसंख्यकों की तकलीफों से निपटने के लिए 15 सूत्रीय कार्यक्रम में इसके मद्देनज़र योजनाओं को लागू किया गया था।

अल्पसंख्यकों के 15 सूत्री कार्यक्रमों पर नज़र डालें तो इसमें समेकित बाल विकास सेवा या ICDS ,स्कूली शिक्षा की बेहतर पहुँच , उर्दू शिक्षा के लिए बेहतर संसाधनों की उपलब्धता, मदरसों का आधुनिकीकरण , अल्पसंख्यक मेधावियों के लिए छत्रवृत्ति ,मौलाना आज़ाद शिक्षा फाउंडेशन के ज़रिये बेहतर शिक्षा अवसंरचना का निर्माण , स्व रोज़गार और मज़दूरी गरीबों के लिए , तकनीकी प्रक्षिशण के ज़रिये कौशल विकास , बेहतर क़र्ज़ की सुविधा ,राज्य और केंद्र की सेवाओं में नौकरी , ग्रामीण आवासों में बराबरी का हक़ , सांप्रदायिक दंगों पर रोक , सांप्रदायिक घटनाओं का अभियोजन और सांप्रदायिक दंगा पीड़ितों का पुनर्वास शामिल हैं।

अल्पसंख्यक मंत्रालय अल्पसंख्यक समुदाय के लिए जम्मू और कश्मीर समेत पूरे देश में कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाता है । केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने लोकसभा में 19 मार्च को लिखित जवाब के ज़रिये एक बयान में ये बात कही।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कई योजनाओं लागू करने के लिये एक बहु-आयामी रणनीति अपनाई है, जिसका मकसद अल्पसंख्यक समुदाय को शैक्षिक रूप से सशक्त करना , रोज़गार परक कौशल विकास मुहैय्या कराना और ज़रूरी बुनियादी ढाँचे का विकास करना हैं। आइये अल्पसंखयकों के फायदे के लिए चलाई जा रही कुछ अहम् योजनाओं को समझते हैं।

सबसे पहले बात करते हैं शिक्षा सम्बन्धी योजनाओं के बारे में - इनमे सबसे पहले आती हैं छात्रवृत्ति सम्बन्धी योजनाएं । इस तरह की योजनाओं का मकसद गरीब और कमज़ोर तबके के अल्पसंख्यकों को बुनियादी और आगे की पढ़ाई के लिए खर्च मुहैया कराना है । सरकार इसके तहत प्रे मेट्रिक छात्रवृत्ति , पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति और योग्यता आधारित वज़ीफ़े का प्रावधान करती है।

इसके अलावा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में नौकरियों के लिए पाने के लिये कौशल विकास करना और प्रतिष्ठित संस्थानों के तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिये अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों एवं उम्मीदवारों को नि:शुल्क कोचिंग व अन्य तरह की मदद देने के लिए नया सवेरा योजना की शुरुआत की गयी है।

संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा ली जाने वाली प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को सहायता देने के लिए नई उड़ान योजना की शुरुआत की गयी है।

विदेश मे पढ़ाई के लिए सस्ता क़र्ज़ मुहैया कराने के लिए पढ़ो परदेश योजना की शुरुआत साल 2013 -14 के दौरान शुरू की गयी है।

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को M । Phil और Ph । D के दौरान वित्तीय सहायता दी जाती है।

इसके अलावा बेगम हज़रत महल राष्ट्रीय छात्रवृति योजना के तहत कक्षा ९ से १२ में पढ़ने वाले छात्रों के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है।

अल्पसंख्यकों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने के लिए भी कई सारी योजनाओं को लागू किया गया है जिससे अल्पसंख्यक समाज में बराबरी का हक़ पा सके और खुद के लिए समाज में एक नयी पहचान कायम कर सके । इन योजनाओं में सबसे पहली योजना का ज़िक्र आता है सीखो और कमाओ योजना जिसके तहत अल्पसंख्यक युवाओं को उनकी काबिलियत के हिसाब से आधुनिक और पारमपरिक कौशल प्रदान किया जाता है।

दूसरी सबसे अहम् योजना है उस्ताद योजना जिसके तहत अल्पसंख्यक कामगारों को परम्परागत कला के संरक्षण के लिए ज़रूरी प्रशिक्षण और कौशल विकास की शिक्षा दी जाती है।

नई मंज़िल योजना के तहत मदरसे और मुख्य धारा के छात्रों के बीच शैक्षिक और कौशल के अंतर को कम करने के लिए प्रयास किया जाता है।

इसके अलावा अल्पसंख्यकों में पिछड़े वर्गों और गरीब तबके के लोगों को रियायती दरों पर क़र्ज़ देने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम की स्थापना की गयी है । इसके साथ साथ बैंक भी अल्पसंख्यक लोगों को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण भी देते हैं।

अवसरंचना क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की मदद के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है जिसका मकसद अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल के क्षेत्र में बेहतर सामाजिक-आर्थिक अवसंरचना प्रदान करना है।

इन सभी कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी कई संस्थाओं और बाहरी एजेंसियों के माधयम से समय-समय पर की जाती रहती है । इस निगरानी के लिए किसी थर्ड पार्टी , या किसी विशेष दल के माध्यम से उन इलाकों का सर्वेक्षण कराया जाता है जिसकी रिपोर्ट समय समय पर सरकार को दी जाती रहती है।

भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कुछ विशेष प्रावधानों का ज़िक्र है ।इसके अलावा धार्मिक और भाषायी अल्पसंखयकों के विकास के लिए भी कुछ मानदंड तय किये गए हैं । इन सभी अल्पसंख्यकों का सामजिक आर्थिक और संस्कृतक विकास सुनिश्चित किये जाने पर ही समाज में सहिष्णुता , समरसता , बंधुत्व और सामाजिक सौहार्द का माहौल बनेगा और तभी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लक्ष्य को पाया जा सकेगा।