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Blog / 20 Mar 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) स्टार्च हेमोस्टैट (Starch Hemostat)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) स्टार्च हेमोस्टैट (Starch Hemostat)



आम तौर पर देखा जाता है की किसी गंभीर दुर्घटना के बाद चोट से निकलने वाले ज़्यादा खून की वजह से कई लोगों की मौत हो जाती है या फिर ज़्यादा खून निकलने के बाद ज़िंदगी बचाने के लिए मरीज़ को बहार से खून चढ़ाना पड़ता है और खून न मिलने पर रोगी की मौत भी हो जाती है। लेकिन अब इस समस्या से निजात मिल जाएगी ।दरअसल में हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाली स्‍वायत्त संस्‍था नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों ने स्‍टार्च आधारित ‘हेमोस्‍टैट’ सामग्री तैयार की है जिसकी मदद से तेज़ी से बहते हुए खून को रोका जा सकेगा । यह हेमोस्‍टैट खून में मौजूद अतिरिक्‍त द्रव्‍य को अवशोषित करते हुए खून में थक्‍के बनाने वाले प्राकृतिक कारकों को गाढ़ा बनाता है।

यह सामग्री घावों पर मिलकर एक तरह का जेल जैसा पदार्थ बनाता है जिससे बहता हुआ खून रुक जाता है । यह सामग्री प्राकृतिक रूप से बायो डिग्रेबल है । ये सूक्ष्‍म सामग्री अभी तक मौजूद बाकी विकल्‍पों से अधिक बेहतर काम कर सकता है।

इस सामग्रीके बनाने की प्रक्रिया के पहले चरण को ‘मटेरियालिया’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

इस सूक्ष्‍म सामग्री के बनने में स्‍टार्च पर कुछ रासायनिक HYDROCELE समूहों को संशोधित कर एक CARBOXY METHYLE समूह बनाया जाता है और फिर इसमें कैल्शियम आयन मिलाये जाते हैं जिससे लाल रक्‍त कणिकाएं और प्‍लेटलेट्स एक जगह जमा होते हैं और इनकी सक्रियता से फाइब्रिन प्रोटीन नेटवर्क बनता है जो खून का एक स्‍थायी थक्‍का बना देता है। इस संशोधन से पानी के साथ अणुओं के मेल-जोल की क्षमता बढ़ती है। इस संशोधन से यह खून से निकलने वाले तरल पदार्थ को सोखने की क्षमता बढ़ जाती है और इस तरह थक्का बनाने की प्रक्रिया और सरल हो जाती है।

इस नए पदार्थ में ज़्यादा सोखने की क्षमता और खून का थक्का जल्दी बनाने की खूबी होने के साथ ही साथ ये मौजूदा उत्पादों के मुकाबले सस्ता ,कम नुक्सान दायक , पर्यावरण के अनुकूल और आसानी से वातावरण में अपघटित हो जाने वाला है।

मौजूदा दौर मर कोई भी ऐसा HEMOSTATIC उत्पाद ऐसा नहीं है जिसे हर हालात में इस्तेमाल किया जा सके। अभी तक मौजूद जितने भी HEMOSTATIC उत्पाद हैं वो ज़्यादातर काफी मंहगे और विक्सित देशों में ही इस्तेमाल होने वाले हैं।

खून का थक्का जमने की प्रक्रिया:

खून का थक्का जमना एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे किसी चोट के लगने या काटने छिलने पर निकलने वाले खून को ज़्यादा बहने से रोका जा सकता है।

खून का थक्का एक तरह का पदार्थ होता है जिसमे खून द्रव से जेलनुमा एक पदार्थ में बदल जाता है और इस तरह खून का बहना रुक जाता है।

यूँ तो खून का थक्का बनने से किसी भी दुर्घटना के दौरान मरीज़ की जान बचाई जा सकती है और ये एक स्वस्थ जीवन की निशानी है लेकिन कुछ मौकों पर अनावश्यक थक्का बनना कई समस्याओं और बीमारियों की वजह बन सकता है जैसे हृदयाघात या स्ट्रोक इत्यादि।

खून की धमनियों में अगर खून का थक्का जैम जाता है तो इससे खून की दौडान बंद हो सकती है जिससे ह्रदय और फेफड़ों में खून की आपूर्ति बाधित हो जाएगी।

किसी भी चोट या ट्रामा के दौरान प्लेटलेट्स या THROMBOCYTES सक्रिय हो जाती हैं जिससे कुछ पदार्थों का स्राव होता है और थक्का बनने की प्रक्रिया की शुरुआत हो जाती है।

खून का थक्का बनने में कैल्शियम आयनों , FIBE-RI-NO-JEN नाम की एक प्रोटीन और विटामिन के की भी ज़रुरत होती है।

नैनो विज्ञानं और प्रौद्योगिकी संस्थान एक स्वायत्त शाषी संसथान है जो भारत सरकार के विज्ञानं और तकनीकी विभाग के अंतर्गत आता है ।इसे सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1960 के तहत स्थापित किया गया था।