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Blog / 02 Jul 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) भारत और चीन सैन्य बल तुलना (India vs China Military Strength)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी)  भारत और चीन सैन्य बल तुलना (India vs China Military Strength)



चीन और भारत सीमा विवाद थमता हुआ नज़र नही आ रहा है.....दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है...जिसमे गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प और बड़ी संख्या में मौतों ने इस आग में घी का काम किया है.....हालांकि चीन के लिए यह कोई नई बात नहीं है....आज चाइना के विवाद न सिर्फ भारत बल्कि कई और देशों से भी भी है....जिसमे अमेरिका का नाम भी शामिल है.....चीन दूसरे देशों के साथ भी इस तरह की उकसावे की कार्रवाई करता रहा है.....अब ऐसे में चीन अपनी सेना को आधुनिक करने में जुटा हुआ है..और कई बार अपनी हदें भूल भी जाता है.....

आज DNS में चलिए एक नज़र डालते है की ऐसे में भारत चीन के मुकाबले कहाँ खड़ा है ...और दोनों देशों के बीच सैन्य ताकत से लेकर राकेट प्रोजेक्टर तक की क्या है स्थिति ...और चीन की कमजोरियों पर भी एक नज़र डालेंगे....जिनकी वजहं से वो भारत के सामने कमज़ोर साबित हो सकता है...

1962 के बाद यह पहली बार है जब गलवन क्षेत्र में तनाव पैदा हुआ है...सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वो इलाका है जहां पर वास्तविक नियंत्रण रेखा स्पष्ट रूप से परिभाषित है और दोनों ही देशों ने इसे स्वीकार भी किया है...हालांकि चीन का इस क्षेत्र में दखल बताता है कि वो अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीति को एक बार फिर सामने रखकर आगे बढ़ रहा है। चीन के इस दुस्साहस के पीछे पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी (पीएलए) का बड़ा योगदान है....। आइए जानते हैं चीन और भारत के सैन्य बलों की क्या स्थिति है ....

ग्लोबल फायरपावर के अनुसार, विमान शक्ति में चीन तीसरे और भारत चौथे स्थान पर है....सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन के पास भारत के मुकाबले में दो गुना लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान हैं...ग्लोबल फायरपावर के अनुसार, टैंकों के लिहाज से देखें तो भारत के पास 4,200 से अधिक टैंक की तुलना में चीन के पास 3,200 टैंक हैं....

हालिया आंकड़ों के अनुसार, चीन के पास भारत से दस गुना ज्यादा रॉकेट प्रोजेक्टर हैं...वहीं डीआरडीओ 150 किमी की रेंज की बैलेस्टिक मिसाइल पृथ्वी -1 और 250 किमी की रेंज की पृथ्वी -2 का परीक्षण कर रहा है, वहीं चीन के पास विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनमें छोटी दूरी की मिसाइलों से लेकर अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तक शामिल हैं...

विमानों की संख्या के लिहाज से चीन 3,210 विमानों के साथ तीसरे स्थान पर है, वहीं भारत 2,123 विमानों के साथ चौथे स्थान पर है....

चीन ने हमेशा अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर दिया है.....क्यूंकि ऐसा माना जाता है की चीन की विस्तारवादी नीति के लिए सबसे जरूरी बड़ा सैन्य बल है....स्टेटिस्टा के मुताबिक उसके पास 2020 में दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय सैन्य बल है, जिसमें 21.8 लाख सक्रिय सैनिक हैं। वहीं भारत के पास 14.4 लाख सक्रिय सैनिक हैं। स्टेटिस्टा के अनुसार, भारत, अमेरिका, उत्तर कोरिया और रूस के पास दुनिया में सर्वाधिक सक्रिय सैनिक हैं..इसके साथ ही सैन्य खर्च में 2008 के बाद से उसका स्थान दुनिया में दूसरा है.....उसका सैन्य खर्च 2019 में 261 इकसठ अरब डॉलर था, जबकि भारत 71.1 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर हैं,...

माना चीन के पास सबसे बड़ी सेना है....लेकिन जंग के मैदान पर ड्रैगन की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी यही सेना है......दरअसल, चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने हाल ही में इस बात का दावा किया था कि चीनी सैनिक भारत से जंग के लिए तैयार हैं....लेकिन, चीनी सेना की ही एक रिपोर्ट ने इस समाचार पत्र के दावे की पोल खोलकर रख दी. दरअसल, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA ने इस बात को कबूल किया है कि उसके 20 फीसदी सैनिक युद्ध के लिए अनफिट हैं...आपको बता दें, साल 2017 में आई रिपोर्ट ये तक कहा गया था कि 20 फीसदी सैनिकों का वजन ही जरूरत से अधिक है...वहीँ चीनी सेना को युद्ध और किसी ऑपरेशन का अभ्यास नही है...

हिंदुस्तान ने आखिरी युद्ध करीब 21 साल पहले लड़ा था, जबकि चीन ने आखिरी बार 41 इकतालीस साल पहले युद्ध लड़ा था. जहां हिन्दुस्तान ने 1999 में कारगिल की जंग में पाकिस्तान को उसकी नानी याद दिया दी थी, तो वहीं साल 17 फरवरी, 1979 16 मार्च 1979 तक चले युद्ध में चीन को वियतनाम ने धूल चटा दी थी.....बीते 41 साल में चीन की सेना ये युद्ध तो क्या ऑपरेशन तक नहीं किया है...इस हिसाब से चीन की सेना में अब ऐसा कोई भी जवान या अधिकारी ही नहीं बचा होगा जिसे युद्ध लड़ने का अनुभव होगा. लेकिन भारतीय सेना के शौर्य का लोहा आज पूरा विश्व मान रहा है...इंडियन आर्मी बेहद ही प्रोफेशनल है, उसे दुश्मन के घर में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने भी अनुभव है. लेकिन चीन की सेना को किसी तरह के ऑपरेशन का अनुभव भी नहीं है....ऐसे में चीन को ये लगना की वो हिंदुस्तान की सेना को हरा देगा, तो उसकी सबसे बड़ी गलत फेहमी होगी...