(Video) भारतीय कला एवं संस्कृति (Indian Art & Culture) मंदिर स्थापत्य द्रविड़ शैली (Temple Architecture: Dravida Style)
मुख्य बिंदु:
- मंदिर निर्माण की इस शैली का सम्बन्ध दक्षिण भारत से है।
- यह शैली भारत की बेहतरीन स्थापत्य कला का एक अनोखा उदाहरण है।
- इस शैली में बने मंदिर आंध्रप्रदेश र्कनाटक केरल तमिलनाडु जैसे दणिक्ष भरतीय राज्य में पाये जाते हैं।
- इस शैली को बेहतरीन बनाने का श्रेय दक्षिण भारतीय शसकों को जाता है। जिन्होंने समय के साथ इस शैली को निखारा तथा विकास में अपना योगदान दिया।
- इन शासकों में चोल चेर पल्लव राष्ट्रकूट चालुक्य और विजयनगर साम्रज्य के शासक प्रमुख थें
- हमारे आज के इस वीडियो मे हम Art and Culture के Video द्रविड़ शैली में बने कुछ रोचक तथ्य जानेंगें साथ ही इनसे जुड़े एतिहासिक पहलुओं के बारे में चर्चा करेंगे।
- नागर शैली के मंदिरों से अलग द्रविड़ शैली के मंदिरों को एक दीवार या boundary wall से बंद कर दिया गया है।
- मंदिर के सामने की दीवार पर एक मुख्य प्रवेश द्वार बनाया जाता है जिसे गोपुरम कहते है।
- मंदिर का आकार एक पिरामिड की तरह होता है जिसके उपरी भाग को विमान कहा जाता है।
- जहां उत्तर भारतीय मंदिरों के प्रवेश द्वार पर गंगा व यमुना देवियों की मूर्तियां होती है वहीं द्रविड शैली में द्वारपालों की मूर्तियां बनाई जाती हैं जिन्हें मंदिरों का भी रक्षक कहा जाता है।
- मंदिर के क्षेत्र में ही एक जलकुंड का निर्माण कराया जाता है। जो द्रविड़ शैली की खास विशेषता है।
- कांचीपुरम तंजवूर मदुरै और कुम्बकोनाम यह तमिल के कुछ ऐसे शहर है जिन्हें इनकी द्रविड़ शैली के मंदिरों की वजह से जाना जाता हैं।
- इस शैली के प्रमुख मंदिरों में मदुरै का मीनाक्षी तंजावूर का वृहदेश्वर मंदिर तथा गंगाईकोंड़ चोलपुरम त्रिची का रंगनाथस्वामी मंदिर कांचीपुरम का कैलाशनाथ मंदिर और चिदंबरम का नटराज मंदिर व रामेश्वरम मंदिर आदि प्रसिद्ध है।
- दक्षिण भारत में बने ये खूबसूरत मंदिर पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है।
- साल भर यहाँ भक्तों का तांता लगा रहता है जिससे ये बड़े आर्थिक स्त्रोत की तरह कार्य करते है।
- कर्नाटक के हम्पी UNESCO ने World Heritage Site में भी शामिल किया है। हम्पी में द्रविड़ शैली के कई मंदिरों अद्भुत स्थापत्य कला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।
- UNESCO ने द्रविड़ शैली के कुछ अन्य मंदिरों जैसे तमिलनाडु के चोल मंदिर तथा महाबलीपुरम के मंदिरों को भी शामिल किया है।
- द्रविड़ शैली के यह मंदिर अपनी बारीख कारीगरी के लिए भी जाने जाते है।
- ग्रेनाइट चट्टानो को काटकर बने यह मंदिर बहुत विशाल है जिनकी जटिल संरचना हैरत में डाल देती है।
- मंदिर के बाहरी दीवारों पर बनी कलाकृतियाँ पर्यटकों का मन मोह लेती है।
- हजारों वर्षों से धूप छाँव बारिश धूल व मौसम की मार के बाद भी अडिग रुप से खड़े ये मंदिर आज भी प्राचीन भारतीय इतिहास की कहानी कहते नज़र आते हैं।