(डाउनलोड) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) मुख्य परीक्षा वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम हिंदी में "मनोविज्ञान" (Download) UPPCS Mains Optional Subject Exam Syllabus in Hindi (Psychology)


(डाउनलोड) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) मुख्य परीक्षा वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम हिंदी में "मनोविज्ञान" (Download) UPPCS Mains Optional Subject Exam Syllabus in Hindi (Psychology)


:: प्रश्नपत्र - I (Paper - I)::

मूलभूत मनोवैज्ञानिक प्रक्रम (Basic Psychological Processes)

1. मनोविज्ञान: परिचय, विषय वस्तु, विज्ञान में मनोविज्ञान का स्थान, सैद्धान्तिक उपागम, उद्दीपन-अनुक्रिया, मानवतावादी, संज्ञानात्मक एवं सूचना प्रक्रमण।

2. विधियाँ: प्रदत्त संकलन की विधियाॅ, प्रकृतिवादी निरीक्षण तथा साक्षात्कार, व्यक्तिवृत्त, परीक्षण, मापनियां तथा प्रश्नावली।

3. व्यवहार के जैविक आधार: केन्द्रीय, परिधीय तथा स्वायत्त तन्त्रिका-तंत्र की रूप रेखा, मस्तिष्क के प्रकार्यो का स्थानीकरण, प्रमस्तिष्कीय गोलार्धो की विशिष्टताएं, तंत्रिका आवेग एवं उनका संवहन, सग्राहकों की व्यवस्था, अन्तःस्त्रावी तन्त्र एवं शारीरिक वृद्धि एवं व्यक्तित्व निर्माण में उसकी भूमिका।

4. व्यवहार की उत्पत्ति तथा विकास: प्रजननात्मक आधार, पर्यावरणीय कारक, बालपोषण, वंचन, सांस्कृतिक कारक, पेशीय तथा कौशल विकास, भाषा विकास।

5. अवधान एवं प्रत्यक्षपरक प्रक्रियाएं: क्लासिकी मनोभौतिकी तथा संकेत संज्ञापन सिद्धान्त, अवधानात्मक प्रक्रियाएं, चयनात्मक अवधान तथा संघृत अवधान, प्रात्यक्षिक संगठन, आकृति, वर्ण तथा गहराई के प्रत्यक्षण, प्रत्यक्षपरक स्थैर्य, स्थिरता- अस्थिरता विरोधाभास, प्रत्यक्षपरक संवेदनशीलता तथा प्रत्यक्षात्मक सुरक्षाः केन्द्रीय निर्धारक।

6. अधिगम प्रक्रियाएं अनुबन्धनः क्लासिकी, नैमिक्तिक एवं प्रेक्षणात्मक, वाचिक अधिगम, विधियाँ एवं प्रक्रम, विलोपन, विभेदन तथा सामान्यीकरण।

7. स्मृति: कूटसंकेतन- संरचनात्मक, ध्वन्यात्मक तथा शब्दार्थ विषयक द्वैत कूट संकेतन, संवेदी, स्मृति, अल्पकालिक, दीर्घकालिक स्मृति, वृत्तात्मक, शब्दार्थ विषयक तथा प्रक्रियात्मक, रचनात्मकता स्मृति, विस्मरणः के सिद्धान्त।

8. समस्या समाधान, तर्कना तथा चिन्तन: समस्या समाधान के प्रक्रम तथा निर्धारक आगमनात्मक तथा निगमनात्मक, तर्कना, परिकल्पना परीक्षण, भाषा तथा विचारण, ह्वोर्फियन विचार तथा उनकी समालोचना, चिन्तन में सूचना प्रक्रमण।

9. संवेग: स्वरूप तथा विकास, संवेग के सिद्धान्त- दैहिक, संज्ञात्मक तथा विरोधी प्रक्रम, संवेग के संकेतक, संवेगों की पहचान।

10. अभिप्रेरण: अभिप्रेरित व्यवहारों के मानदंड, अभिप्रेरणा, प्रक्रम एवं प्रकार, अभिप्रेरणा का मापन, बहिरस्थ बनाम अन्तस्थ अभिप्रेरणा।

11. मनोवैज्ञानिक प्रकार्यो में वैयक्तिक विभिन्नायें: सामान्य मानसिक योग्यता: सैद्धान्तिक उपागमः स्पिरमैन, थर्सटन, गिलफर्ड, जेन्सन वर्नन, स्टर्नवर्ग और जे0पी0 दास तथा पियाजे, सृजनशीलता तथा सृजनात्मक चिन्तन।

:: प्रश्न पत्र - II (Paper - II) ::

अनुप्रयुक्त परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान (Psychology in the Applied Settings)

1. अनुप्रयुक्त विज्ञान के रूप में मनोविज्ञान: अनुप्रयुक्त बनाम मूलभूत विज्ञान, मनोविज्ञान का स्वरूप एवं क्षेत्र-सामाजिक, सामुदायिक, औद्योगिक, विद्यालयी, स्वास्थ्य तथा पर्यावरणीय।

2. वैयक्तिक भिन्नतायें एवं मापन: व्यक्तिगत भिन्नताओं का स्वरूप एवं स्रोत, मनोविज्ञानिक मापनीकरण परीक्षण निर्माण एवं मानकीकरण, विश्वसनीयता एवं वैधता, मानक क्रॉस वैधीकरण।

3. व्यक्तित्व मूल्यांकन: व्यक्तित्व मूल्यांकन के मुद्दे, आत्म अभिलेख माप, प्रक्षेप तकनीक, अनुक्रिया शैलियां, टी ए टी, रोशार्क तथा एम0एम0पी0आई0, जैसे महत्वपूर्ण मापकों से परिचय।

4. मनोवैज्ञानिक विकृतियां एवं मानसिक स्वास्थ्य: मानसिक विकृतियों का वर्गीकरण (डी एस एम चतुर्थ) मनोस्नायुविक, मनोविदलन एवं मनोदैहिक विकृतियों के लक्षण एवं उनकी उत्पत्ति, प्रतिबल का प्रवारण एवं मानसिक स्वास्थ्य।

5. सामाजिक समस्या एवं मनोविज्ञानः अभिवृत्ति एवं पूर्वाग्रहः संज्ञानात्मक एवं अभिप्रेणात्मक स्रोत, सामाजिक पूर्वाग्रह का निवारण, सामाजिक अन्तद्र्वन्द्वः कारण एवं समाधान।

6. सामाजिक प्रभावः प्रभाव, नियंत्रण तथा शक्ति, प्रभाव के आधार, सामाजिक सुगमीकरण समूहों के नेतृत्व निष्पादन में समूह सम्बन्धी कारक।

7. उद्योगों एवं संगठनों में मनोविज्ञान: कर्मचारी चयन, प्रशिक्षण एवं निष्पादन आकलन, संकृत्य सम्बन्धी अभिवृत्तियों एवं व्यवहार, संगठनों में अभिप्रेरणात्मक संरूप, संगठनात्मक संप्रेषण, संगठनात्मक प्रभावोत्पादकता।

8. शैक्षणिक परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान: विद्यालय सामाजीकरण के अभिकर्ता के रूप में, विद्यालीय बच्चों का अधिगम, अभिप्रेरणा तथा संवेगिक समस्याएं, शैक्षणिक उपलब्धि को प्रभावित करने वाले कारक, शैक्षणिक निष्पादन में सुधार हेतु हस्तक्षेप, विशिष्ट श्रेणी के बच्चों की शिक्षा।

9. नैदानिक परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञानः मनोचिकित्सा का स्वरूप एवं लक्ष्य, मनोविश्लेष्णात्मक व्यक्ति केन्द्रित चिकित्सा, समूह तथा व्यवहार मनोचिकित्साएं, सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य, बीमारी रोक-थाम एवं स्वास्थ्य प्रवर्तन।

10. पर्यावरणीय मनोविज्ञान: व्यवहार में पर्यावरण की भूमिका, वैयक्तिक स्थान, ध्वनि प्रदूषण, भीड़ तथा वायुमण्डलीय प्रदूषण का प्रभाव, निषेधात्मक प्रभावों को कम करने हेतु हस्तक्षेप।

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