(डाउनलोड) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) मुख्य परीक्षा वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम हिंदी में "रसायन विज्ञान" (Download) UPPCS Mains Optional Subject Exam Syllabus in Hindi (Chemistry)


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:: प्रश्नपत्र - I (Paper - I)::

परमाणु संरचनाः द - ब्राग्ली समीकरण, होइजेनबर्ग का अनिश्चतता का सिद्धान्त, क्वाण्टम यांत्रिकीय ऑपरेटर तथा श्राॅडिजर तरंग समीकरण, तरंग फलन का भौतिक महत्व तथा इसकी विशेषताएं (सामान्यीकृत
लाॅम्बिक) अरीय वितरण तथा s, p, एवं d कक्षकों की आकृतियां एक विमीय बाक्स में कण, इलेक्ट्रानिक, ऊर्जाओं का क्वाण्टीकरण (हाइड्रोजन परमाणु का गुणात्मक अध्ययन पाउली का अपवर्जन सिद्धान्त,
अधिकतम चक्रण की बहुलता का हुण्ड नियम, आफबाऊ सिद्धान्त, परमाणुओं का इलेक्ट्रानिक विन्यास, परालारेशियम तत्वों को सम्मिलित करते हुए आवर्त तालिका की दीर्घ प्रणाली। तत्वों के गुणों में आवर्तता जैसे कि परमाणु एवं आयनिक त्रिज्याएं, आयनन विभव, इलेक्ट्रान बंधुता तथा जलयोजन ऊर्जा।

नाभिकीय एवं विकिरण रसायनः नाभिकीय बल, नाभिकीय स्थायित्व n/p अनुपात, नाभिकीय बंधन उर्जा। तत्वों का कृत्रिम तत्वान्तरण तथा नाभिकीय अभिक्रियायें, नाभिक विखण्डन तथा संगलन, रेडियोएक्टिवता की बल गतिकी, रेडियों एक्टिव समस्थानिक तथा उनकी उपयोगिताए, रेडियो कार्बन काल निर्धारण, विकिरण रसायन की प्रारम्भिक जानकारी।

रासायनिक आबंधनः संयोजकता आबन्ध सिद्धान्त (हाइटलर लंदन तथा पाउलिंग -स्लेटर के सिद्धान्त) संकरण, वी.एस.ई. पी आर सिद्धान्त, समांग तथा विषमंाग द्विपरमाणुक अणुओं की आण्विक कक्षक ऊर्जा स्तर
आरेख, आबंध क्रम, आबंध दैध्र्य, एवं आबंध सामथ्र्य सिग्मा तथा पाई आबंध, हाइड्रोजन आबंध, आयनिक आबंध की विशेषताएं, S तथा P खण्ड के तत्वों का रसायन S तथा P खण्ड के तत्वों का सामान्य गुणः तत्वों की रसायनिक सक्रियता तथा समूह प्रवृत्तियां, उनके हाइड्राइडों, हैलाइडों तथा आक्साइडों का रासायनिक आचरण।

संक्रमण तत्वों का रसायनः सामान्य विशेषताएं, परिवर्ती आक्सीकरण अवस्थाएं, जटिलों का निर्माण, उनका रंग तथा चुम्बकीय एवं उत्प्रेरिकीय गुण। आयनिक त्रिज्याओं, आक्सीकरण अवस्थाओं तथा चुम्बकीय गुणों की दृष्टि से 4d और 5d संक्रमण तत्वों एवं उनके अनुरूप 3क तत्वों का तुलनात्मक अध्ययन। लैथेनाइडों तथा एक्टिनाइडों का रसायनः लैथेनाइडों, संकुचन, आक्सीकरण अवस्थाएं, लैथेनाइडों तथा एक्टिनाइडों के पृथक्करण का सिद्धान्त, उनके यौगिकों का चुम्बकीय तथा स्पेक्ट्रमी गुण।

उप सहसंयोजन रसायनः उप सहसंयोजन यौगिकों का वर्नर सिद्धान्त नाम पद्धति की आई.यू. पीए.सी. IUPAC प्रणाली प्रभावी परमाणु क्रमांक, उप सह संयोजन यौगिकों में समावयवता, संयोजकता बंध सिद्धान्त
तथा उसकी सीमाएं, क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धान्त अष्टफलकीय, चतुष्फलकीय तथा वर्ग तलीय जटिलों में क कक्षकों का क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन। Δ तथा इसके मान को प्रभावित करने वाले कारक क1 से क9 तक के लिए क्रिस्टल क्षेत्र स्थायित्व ऊर्जाओं की गणना, दुर्बल तथा प्रबल क्षेत्र के अष्टफलकीय जटिल, स्पेक्ट्रो रासायनिक श्रेणी। 3d संक्रमण धातु जटिलों के इलेक्ट्रानिक स्पेक्ट्रम, इलेक्ट्रानिक उत्तेजन के प्रकार, इलेक्ट्रानिक उत्तेजन के लिए सेलेक्शन नियम।

जैव अकार्बनिक रसायन: जैविक प्रक्रमों में अनिवार्य तथा सुक्ष्म मात्रिक तत्व धात्विक हीमोग्लोबिन तथा मायाग्लोबिन के सन्दर्भ में धात्विकपारफ्रिरिन्स, कैल्सियम आयन के विशेष संदर्भ में क्षारीय तथा मृदाक्षारीय धातु आयनों का जैविक महत्व।

निम्नांकित अकार्बनिक यौगिकों का निर्माण, उनके गुण धर्म तथा उपयोगः भारी जल, बोरिक एसिड, डाइबोरेन, हाईड्राजिन, हाईड्राक्सीलैमिन, पोटैशिम डाइक्रोमेट, पोटैशियम परमैगनेट, Ce (iv) सल्फेट तथा Ti (III) सल्फेट।

बहुलकः अवसादन, प्रकाश विकीर्णन, श्यानता तथा परसारण दाब, विधियाॅ द्वारा बहुलकों के अणुभार का ज्ञात करना। संख्या माध्य तथा भार माध्य अणुभार, बहुलकांे की प्रत्यास्थता तथा क्रिस्टलता। बोराजीन, सिलीकोन तथा फास्फोनाइट्रिलिक हैलाइड बहुलक।

रासायनिक ऊष्मा गतिकीः ऊष्मा गतिकी फलन, ऊष्मा गतिकी के प्रथम तथा द्वितीय नियम, संभवन, उदासिनीकरण तथा दहन ऊष्मा, ऊष्मा योग का हेस का नियम, ताप दाब एवं आयतन परिवर्तन से एन्ट्रोपी में परिवर्तन। गिब्स हेल्महाल्ट समीकरण, साम्य एवं स्वतः अभिक्रिया की कसौटी, विभिन्न भौतिकी- रसायनिक अभिक्रियाओं में ऊष्मा गतिकी का उपयोग, रासायनिक विभव की धारणा, गिब्ज-डयूहेम समीकरण,
क्लासियस- क्लेपेरान समीकरण, तनुविलयनों के सहजात गुण धर्मो की ऊष्मागतिकी विवेचना।

रासायनिक बल गतिकी: अभिक्रिया की अणुकता तथा कोटि, वेग स्थिरांक तथा विशिष्ट वेग स्थिरांक, शून्य कोटि, प्रथम कोटि तथा द्वितीय कोटि अभिक्रियायें, अर्द्ध आयुकाल, अभिक्रिया कोटि ज्ञात करने की विधियां, ताप गुणांक, आरहीनियस समीकरण, सक्रियण ऊर्जा, अभिक्रिया वेग का संगट्ट सिद्धान्त, स्थिर अवस्था सन्निकटन, अभिक्रिया वेग का संक्रमण अवस्था सिद्धान्त, प्रथम कोटि की क्रमागत उत्क्रमणीय तथा पार्शव अभिक्रियाएं।

प्रावस्था साम्यः प्रावस्था घटक तथा स्वतंत्रता की कोटि, एक घटक (जल तथा सल्फर) तथा दो घटक (Pb-Ag) निकाय का प्रावस्था आरेख, नन्र्सट का वितरण नियम। वितरण नियम का अनुप्रयोग।

विद्य़ुत रसायनः प्रबल विद्युत अपघट्य का सिद्धान्त: सक्रियता गुणांक का डिबाईह्यूकल सिद्धान्त विद्युत चालन के नियम अभिगमनांक, अभिगमनांक ज्ञात करना (हिटार्फ तथा गतिशील सीमांक विधि) इलेक्ट्रोड तथा इलेक्ट्रोड विभव, हाईड्रोजन इलेक्ट्रोड, कलोमल इलेक्ट्रोड, गैलबेनिक सेल का ई0एम0एफ0, अभिगमन सहित तथा अभिगमन रहित सान्द्रण सेल, द्रव जंक्शन विभव तथा ईधन सेल।

ठोस अवस्था का रसायनः क्रिस्टल तंत्र क्रिस्टलों में समिति के तत्व, त्रिविम जालक तथा एकक सेल, गोलकों का सुसंकुलन, षटकोणीय सुसंकुलन, घन सुसंकलन, बाडी सेन्टर्ड क्यूबिक पैकिंग उपसहसंयोजन क्रंमाक तथा त्रिज्या अनुपात प्रभाव। एक्स- किरण विवर्तन के लिए ब्रैग का नियम, पावडर विधि द्वारा NaCI, KCI तथा जिंक सल्फाइड की क्रिस्टल संरचनाएं।

पृष्ठ रसायनः कोआगुलेशन, हार्डी-सुल्ज रूल- कोलाइडों का स्थायित्व तथा उन पर आवेष का उद्गम, विद्युत गतिकी विभव, विभिन्न प्रकार के अधिशोषण समतापी, उत्प्रेरण, एन्जाइम उत्प्रेरण (माइकेलिस-मेंटन
समीकरण)

स्पेक्ट्रा: रमन स्पेक्ट्रम: रमन प्रभाव, स्टोक तथा प्रतिस्टोक रेखायें, तथा तीव्रता अन्तर, पारस्परिक अपवर्जन का नियम। इलेक्ट्रानी स्पेक्ट्रम: इलेक्ट्रानी उत्तेजन, फैंक- काॅण्डाम सिद्धान्त, प्रतिदीप्ति तथा स्फुर दीप्ति।

साम्यावस्था: भौतिकी तथा रासायनिक अभिक्रियाओं में साम्यावस्था, साम्यावस्था का डायनिमिक प्रकृति, रसायनिक साम्यावस्था का नियम, साम्य स्थिरांक, साम्य को प्रभावित करने वाले कारक, ली-शेटिलियर
सिद्धान्त, प्रबल तथा दुर्बल विद्युत अपघट्य, कामन आयन प्रभाव, पालीबेसिक अम्लों का आयनीकरण, अम्लीय बल, पी0एच0 की अवधारणा, लवणों का जल अपघटन, बफर बिलयन, हेण्डरसन समीकरण, अल्प विलेय की विलेयता तथा विलेयता गुणांक।

:: प्रश्न पत्र - II (Paper - II) ::

1- सामान्य कार्बनिक रसायन: अतिसंयुग्मन, अस्थानीकरण एवम् इनके अनुप्रयोग, इलेक्ट्रान स्नेही, हाईड्रोजन बन्ध, ऐरोमैटिकता और प्रति ऐरोमैटिकता।

2- रासायनिक क्रिया विधि:

(i) रसायनिक अभिक्रियाओं के निर्धारण हेतु सामान्य विधियाॅ: गतिक समस्थानिक प्रभाव, पारगमन प्रयोग, मध्यवर्ती विपाषन (टैªपिंग), उष्मागतिकी नियमक बनाम गतिकी नियमक अभिक्रियायें।
(ii) क्रियाशील मध्यवर्ती: कार्वधनायन, कार्ब णायन मुक्त मूलक, कार्वन्सि तथा वेजाइन के स्थायित्व, बनने की विधि, ज्यामिती, प्रकृति (इलेक्ट्रान स्नेही तथा नाभिक स्नेही) तथा अभिक्रियायें।
(iii) योग अभिक्रियायें: कार्बन: कार्बन द्विआवन्ध पर ब्रोमीन, कार्वीन एवम पर ऐसिड (आक्सीरेन का बनना) की इलेक्ट्रान स्नेही योग अभिक्रियायें, हाइड्रोवोरेसन- आक्सीकरण, आक्सीमरक्यूरेसन- डीमरक्यूरेसन एवम् आयडोलेक्टोनाइजेसन।

ब्रोमीन का संयुग्मी डाईन के साथ 1,2 और 1,4 योग अभिक्रियायें। HBr की मुक्तमोलक योग अभिक्रियायें। कार्बन, आक्सीजन, सल्फर तथा नाइट्रोजन नाभिक स्नेही अभिकर्मकों का काबोनिल समूह के साथ नाभिक
स्नेही योग अभिक्रियायें।

(iv) विलोपन अभिक्रियायें: E1,E2 तथा E1cb अभिक्रियाओं की क्रिया विधि, E2 अभिक्रियाओं का अभिविन्साय (सेटजेफ तथा हाफमैन), कोप विलोपन अभिक्रिया।

(v) प्रतिस्थापन अभिक्रियायें:

  1. SN1 तथा SN2 क्रिया विधि ।
  2. इलेक्ट्रान स्नेही ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन अभिक्रियायें: मोनो प्रतिस्थापित बेन्जीनों के लिये अभिविन्यास एवम् क्रियाशीलता।

3- अभिक्रियायें एवं पुनर्विन्यास अभिक्रियायें:

(i) अभिक्रियायें: एलडोल संघनन क्लेसन संघनन नोवेनागेल अभिक्रिया, विटिग अभिक्रिया, माइकेल योग, मानिस अभिक्रिया, परकिन, रायमर-टीमान अभिक्रिया, कैनिजारो अभिक्रिया तथा वेन्जोइन संघनन।
(ii) पुनर्विन्यास अभिक्रियायें: पिनेकाल - पिनेकोलीन, हाफमान, बेकमान, करटियस पुनर्विन्यास तथा कार्वधनायनों की पुनर्विन्यास अभिक्रियायें।

4- त्रिविम रसायनः काइरल केन्द्र के कारण ध्रुवण घूर्णकताः एक तथा दो काइरल केन्द्रो वाले यौगिकों का R,S नामकरण। प्रतिबिम्बी तथा अप्रतिबिम्बी रूपों का गुणधर्म। रासायनिक विधि द्वारा रैसेमिक मिश्रण का पृथक्करण। ज्यामिती समावयवताः E,Z नामकरण। विवृत श्रृंखला वाले यौगिकों (द-ब्यूटेन,2-फ्लोरोइथेनोल, 1,2- इथेन डायात्न, 1,2 डाई-फ्लोरोइथेन) का संरूपण। साइक्लोहेक्सेन, एकल प्रतिस्थापित तथा द्विप्रतिस्थापित साइक्लोहेक्सेनों का संरूपण।

5-स्पेक्ट्रमिकीः-

(i) UV स्पेक्ट्रमिकीः इलेक्ट्रानिक संक्रमण के प्रकार, वर्णमूलक (क्रोमोफोर), वर्णवर्धक (आक्सोक्रोम), वर्णोतकर्शी विस्थापन, वर्णवर्धक विस्थापन। संयुग्मित पालीनों तथा कार्वोनिल यौगिक के λmax की गणना के लिये वुडवर्ड तथा फाइजर नियम।
(ii) इनफ्रारेड स्पेक्ट्रमिकीः तनन आवृतियों को प्रभावित करने वाले कारक।
(iii) 1HNMR स्पेक्ट्रमिकीः मूल सिद्धान्त, केमिकल शिफ्ट, स्पिन-स्पिनअन्योन्य क्रिया तथा युग्मनांक। साधारण यौगिकों की संरचना निर्धारण के लिए UV, IR त्तथा 1HNMR पर आधारित प्रश्न।

6-कार्बनिक बहुलकः बहुलीकरण की क्रियाविधि, औद्योगिक महत्व के बहुलक (पालिऐमाइड, पालिएस्टर, आॅरलान, पी0वी0सी0, टेफ्लान, एस0बी0आर0, एन0बी0आर0)

7- कार्बोहाइड्रेटसः मानोसैकराइडस (ग्लूकोस तथा प्रक्टोस) का रसायन। ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस की चक्रीय संरचना। परिवर्ती धु्रवण घूर्णन, एपिमेराजेसन, अमाडोरी पुनर्विन्यास, डाइसैकराइडस (माल्टोस तथा सुक्रोस)।

8- पेरीसाइक्लिक अभिक्रियायें: वर्गीकरण तथा उदाहरण, वुडवर्ड-हाफमान नियम, इलेक्ट्रोसाइक्लिक अभिक्रियायें, साइक्लोएडीशन (। 2+2 । तथा । 4+2 ।) अभिक्रियायें।

9- विषमचक्र्रीय यौगिकः पायराॅल, फ्यूटान तथा थायोफीन के बनाने की विधियां, ऐरोमैटिकता तथा अभिक्रियायें।

10- पर्यावरणीय रसायन विज्ञानः वायुप्रदूषक एवं उनके विशाक्त प्रभाव, ओजोन परत का विघटन, नाइट्रोजन के आक्साइड का प्रभाव, फ्लोरो क्लोरो कार्बन तथा ओजोन परत पर उसका प्रभाव, पादपगृह प्रभाव, अम्ल वर्षा।

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