तेलंगाना सरकार की ‘कूल रूफ पॉलिसी’ (Telangana Government's 'Cool Roof Policy') : डेली करेंट अफेयर्स

अगर हम गर्मी के प्रभाव को किसी तरह से कम कर पाए तो हम ऊर्जा की काफी हद तक बचत कर सकते हैं। अब इसमें पहला रास्ता यह हो सकता है कि गर्मी के प्रभाव को एसी, कूलर और पंखों की मदद से कम किया जाए या फिर दूसरा रास्ता यह हो सकता है कि हम किसी और वैज्ञानिक तरीके की तलाश करें। उदाहरण के तौर पर हम अपने घर की छत को कुछ इस तरह से बनवा सकते हैं जो गर्मी को कम अवशोषित करे। लेकिन जागरूकता की कमी के चलते ऐसा बहुत कम ही लोग करते हैं। हालांकि यदि इसमें सरकार सक्रिय हो जाए तो ऐसे कदम को काफी हद तक लागू किया जा सकता है। इसीलिए अभी हाल ही में तेलंगाना सरकार ने एक ‘कूल रूफ पॉलिसी’ लॉन्च किया है। इस तरह से गर्मी के प्रभाव और ऊर्जा की खपत को कम करने के उद्देश्य के लिए पहल करके तेलंगाना देश का पहला राज्य बन गया है।

तेजी से बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यह ‘कूल रूफ पॉलिसी 2023-28’ लाया गया है। इस पॉलिसी का लक्ष्य राज्य को गर्मी के अनुकूल बनाना और एनर्जी के इस्तेमाल को घटाना है। नगर प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री केटी रामाराव ने पॉलिसी लागू करते हुए कहा है कि नई पॉलिसी अगली पीढ़ियों के लिए है। अगर कोई छत कूल प्रूफ है तो उसके लिए सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

इस नीति के तहत छत को ऐसे मैटेरियल से तैयार किया जाएगा जिससे गर्माहट कम एब्जॉर्ब हो और कमरा अधिक ठंडा रहे। ये परंपरागत छत के मुकाबले कमरों को ज्यादा ठंडा रखेगी। भले ही भारत में इसे पहली बार लागू किया गया है, लेकिन दुनिया के कई देशों में इसे पहले से ही इस्तेमाल में लाया जा रहा है। इसमें छतों को ऐसे तैयार किया जाता है कि जब इन पर सूर्य की किरणें पड़ें तो रेफ्लेक्ट हो जाएं। इस तरह गर्मी का असर घर के अंदर कम होने से तापमान घट जाता है।

इमारतों और घरों की छतों को चेक करने के लिए विशेषज्ञ आएंगे। वो बताएंगे कि इसमें किस तरह के मैटेरियल का इस्तेमाल करके छतों को ठंडा रखा जा सकता है और गर्मी से राहत पा सकते हैं। छत को ठंडा रखने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। जैसे- छत पर प्लास्टिक या विनायल शीट को लगाया जा सकता है। ये शीट सूरज की किरणों को रेफ्लेक्ट करके गर्मी के असर को कम करती है। इसके साथ ही छतों पर वाइट पेंट भी कराया जाता है, ताकि सूर्य की किरणों का असर कम हो जाए।

तेलंगाना सरकार ने फिलहाल इसे 5 साल के लिए लागू किया है। एक अनुमान के मुताबिक इसे लागू कर 5 साल के अंदर 60 करोड़ यूनिट बिजली बचाई भी जा सकेगी। छत ठंडी होने पर घर के अंदर का तापमान 2.1 से 4.3 डिग्री तक कम किया जा सकेगा जिससे एसी जैसे अप्लायंस का इस्तेमाल घटेगा इससे बिजली की यूनिट बचेगी और कार्बन उत्सर्जन घटेगा यानी पैसे और एनर्जी दोनों की बचत होगी। इस पॉलिसी को हैदराबाद के साथ राज्य के सभी नगर निगम में 1 अप्रैल से भी लागू कर दिया गया है।