INNCOVAC वैक्सीन : डेली करेंट अफेयर्स

भारत ने कोरोना वैक्सीन निर्माण में एक नयी उपलब्धि हासिल की है। यह नयी वैक्सीन इंजेक्शन की जगह नाक में बूंदों के माध्यम से दी जाएगी।

यह चर्चा में क्यों हैं?

हाल ही में भारत की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना की नयी वैक्सीन INNCOVAC को लांच किया है। यह विश्व की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन है। इस वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मंज़ूरी दी है। यह दुनिया का पहला इंट्रा नेज़ल टीका है जिसे प्राइमरी सीरीज़ और बूस्टर खुराक दोनों के लिए मंज़ूरी मिल गयी है। इस वैक्सीन की प्राइमरी 2 डोज़ शेड्यूल और हेट्रोलोगस बूस्टर डोज़ के लिए मंज़ूरी प्रदान की गयी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हेट्रोलोगस बूस्टिंग में एक व्यक्ति को एक अलग वैक्सीन के साथ इंजेक्ट किया जाता है। बूस्टर डोज़ प्राइमरी डोज़ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डोज़ से अलग होती है।

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क्या है ये वैक्सीन?

यह एक एडिनोवायरस वेक्टर वैक्सीन है। भारत बायोटेक का कहना है कि नेजल डेलीवरी सिस्टम को कम और माध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। iNCOVACC को अभी रिस्ट्रिक्टेड इस्तेमाल के लिए आपातकालीन अप्रूवल दिया गया है। इसके तहत सिर्फ 18 वर्ष या उससे अधिक की उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक दी जा सकती है। आपको बता दें कि बूस्टर डोज़ को वे लोग भी ले सकते हैं जो पहले से कोविशील्ड या कोवैक्सीन का टीका ले चुके हैं

14 साइटों पर हुए ट्रायल

इस इंट्रानेज़ल टीके की सफलता के लिए देश भर में व्यापक स्तर पर परीक्षण किये गए थे। इस टीके की सफलता का मूल्यांकन तीन फेज़ I, II, और III के ट्रायल के परिणामों के आधार पर किया गया था। देशभर में 14 साइटों पर 4000 वॉलंटियर्स पर इस टीके की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता के लिए परीक्षण किये गए थे, जिनमें से किसी पर भी कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हुआ।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन

आइये जानते हैं इस वैक्सीन को मान्यता देने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के बारे में। CDSCO स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है। यह संगठन ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट 1940 एंड रूल्स 1945 के तहत दवाओं के अनुमोदन, क्लीनिकल परीक्षणों के सञ्चालन और दवाओं के मानकों को तैयार करने के लिए उत्तरदायी है। इसके अलावा यह देश में आयत होने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर भी अपना नियंत्रण करता है।