गुड फ्राइडे एग्रीमेंट (Good Friday Agreement) : डेली करेंट अफेयर्स

साल 1801 से 1922 तक आयरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन दोनों इसी यूनाइटेड किंगडम का ही पार्ट थे। साल 1922 में एक समझौते से आयरलैंड UK से अलग हो गया। इसके बाद शुरू हुआ सत्ता का संघर्ष और यह संघर्ष रुका 10 अप्रैल 1998 को जिसका परिणाम निकल कर आया "गुड फ्राइडे एग्रीमेंट"। बीते 10 अप्रैल को इस एग्रीमेंट के 25 साल पूरे हुए हैं। इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (जो कि मूल रूप से आयरिश भी हैं) नॉर्दन आयरलैंड के दौरे पर गए थे।

दरअसल आयरलैंड यूनाइटेड किंगडम का एक भाग था। जिसका शासन चलता था इंग्लैंड से। 19वीं शताब्दी के अंतिम दशकों से लेकर 20वीं शताब्दी तक आयरलैंड को अलग राष्ट्र बनाने का संघर्ष जारी रहा। इस संघर्ष के कई कारण बताये जाते हैं जैसे कि आयरलैंड एक कृषि प्रधान क्षेत्र था और इस इलाके की संस्कृति ब्रिटिश इलाके की संस्कृति से काफी अलग थी। ऐसे में आयरिश लोगों का मानना था कि उनका शासन करने का अधिकार उनको खुद को होना चाहिए। इसी डिफरेंसेस को लेकर विवाद शुरू हुआ। जिसके बाद ब्रिटेन से आयरलैंड 1921 के एक एक्ट के जरिये 1922 में अलग हो गया। इस अलगाव में दो नए क्षेत्र बने एक नॉदर्न आयरलैंड और दूसरा स्वतंत्र आयरलैंड गणराज्य। नॉदर्न आयरलैंड में अभी भी ब्रिटेन का ही राज था।

उस समय ऐसे लोग जो ब्रिटेन का हिस्सा बनकर खुश थे उन्हें Unionists or Loyalists के नाम से जाना जाता था और ऐसे लोग जो चाहते थे कि उत्तरी आयरलैंड, आयरलैंड गणराज्य में शामिल हो उन्हें Nationalists or republicans कहा जाता था। इसके अलावा, पूरे आयरलैंड में यानी उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड गणराज्य को मिलाकर दो तरह के लोग थे - प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक। उत्तरी आयरलैंड में प्रोटेस्टेंट की संख्या ज्यादा थी और कैथोलिकों की संख्या कम थी, जबकि आयरलैंड गणराज्य में कैथोलिकों की संख्या ज्यादा थी।

अब जब उत्तरी आयरलैंड अलग हुआ, तो इसकी सरकार में ज्यादातर unionist थे और कैथोलिक कम थे। कैथोलिक को लगता था उन्हें उतनी शक्ति नहीं मिल रही है जितनी उन्हें मिलनी चाहिए। साथ ही कैथोलिक लोगो का यह भी मानना था कि नॉदर्न आयरलैंड को ब्रिटेन की बजाए आयरलैंड का ही भाग होना चाहिए। जिसके चलते नॉदर्न आयरलैंड में सत्ता संघर्ष जारी हो गया।

इसके बाद नॉदर्न आयरलैंड में आइडेंटिटी और स्टेटस को लेकर 1960 के दशक में सिविल मूवमेंट स्टार्ट हो गया। इस संघर्ष के दौरान नॉर्दन आयरलैंड को the trouble भी कहा जाता था। इस संघर्ष के दौरान, दोनों पक्षों यानी की ब्रिटेन और आयरलैंड की पैरामिलिट्री ने काफी बमबारी और गोलीबारी की। जिसमें हजारों लोग मारे गए या घायल हुए, ब्रिटिश सरकार ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र में सेना तैनात कर दी।

उसके बाद यह मूवमेंट ख़तम हुआ गुड फ्राइडे एग्रीमेंट के जरिये। यह एग्रीमेंट हुआ 10 अप्रैल 1998 को। अब चूँकि इस दिन गुड फ्राइडे का दिन था इसलिए इसे गुड फ्राइडे एग्रीमेंट भी कहा जाता है। इसके साथ इसे बेलफास्ट समझौता भी कहा जाता है क्योंकि यह समझौता नॉर्दन आयरलैंड की एक जगह Belfast में हुआ।

इस समझौते के तहत उत्तरी आयरलैंड में एक शक्ति-साझाकरण सरकार की व्यवस्था की गई जो कि एक तरह की गठबंधन सरकार कह सकते हैं। समझौते के मुताबिक वर्तमान में यहां उन दोनों समूह का शासन गठबंधन से चलता है जो आयरलैंड और ब्रिटेन के साथ रहना चाहते थे। साथ ही नॉर्दन आयरलैंड से सैन्य बल भी हटाए गए और कैदियों की रिहाई और मानवाधिकारों के हनन के मामलों की जांच के लिए एक आयोग के निर्माण का भी प्रावधान किया गया। इस अग्रीमेंट से आयरलैंड का स्वामित्व नॉर्दन आयरलैंड से खतम हो गया और नॉर्दन आयरलैंड की सरकार अब इसकी एग्जीक्यूटिव और ब्रिटेन की Westminster प्रणाली के तहत चलायी जाती है।