डोनाल्ड ट्रम्प मनी हैश केस (Donald Trump Money Hash Case) : डेली करेंट अफेयर्स

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अब उन पर साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले एक पोर्न स्टार को भुगतान किए जाने के मामले में औपचारिक रूप से आरोप लगाए जाएंगे। हालांकि इस मामले में पूरी जानकारी अभी सामने आना बाकी है। अमेरिकी प्रांत न्यूयॉर्क के सबसे बड़े उपनगर मैनहटन की ग्रैंड ज्यूरी पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1.30 लाख डॉलर दिए जाने के मामले की जांच के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ आरोप तय किए जाने पर सहमत हो गई है। ये ख़बर आने के बाद डोनल्ड ट्रंप ने इसे राजनीतिक षणयंत्र करार दिया है।

आख़िर क्या है मामला?

मामला साल 2016 का है। उस वक्त अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चल रहा था और ट्रंप इसके प्रचार अभियान में लगे थे। उसी वक्त पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने मीडिया को दिए अपने कुछ साक्षात्कार में बताया कि 2006 में उनका और ट्रंप का अफेयर था और उनके बीच संबंध थे। मार्च, 2018 में एक टीवी इंटरव्यू में डेनियल्स ने दावा किया कि उन्हें इन संबंधों पर चुप्पी साधने की हिदायत दी गयी थी। इतना ही नहीं, डेनियल्स ने ये भी दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप के तत्कालीन वकील माइकल कोहेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से एक महीने पहले अक्टूबर, 2016 में उनको 1,30,000 डॉलर का भुगतान भी किया था। ये भुगतान डेनियल्स को अपना मुँह बंद रखने के लिए दिया गया था। इसीलिए इसे हश मनी कह रहे हैं, क्योंकि ये चुप रहने के लिए दिया गया है।

तो समस्या क्या पैदा हुई?

डेनियल्स को किया गया ये भुगतान क़ानूनी तौर पर अवैध नहीं था और न ही इसके लिए ट्रम्प को कोई सजा होने वाली थी। दिक्कत ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार ने प्रचार के दौरान कहां कितना खर्च किया इसका ब्यौरा देना होता है। ट्रंप ने अपने वकील कोहेन के जरिए डेनियल्स को जो पैसा भिजवाया था उसे लीगल फ़ीस के रूप में दिखा दिया था। अब कुछ अमेरिकी विशेषज्ञों के मुताबिक, यह ट्रंप की ओर से अपने दस्तावेज़ों के साथ हेरफेर करने का मामला है, जिसे न्यूयॉर्क में अपराध माना जाता है।

क्या होता है Indictment?

समाचारों में एक लाइन काफी फ्लैश की जा रही है वह यह कि ‘Trump has been indicted by a grand jury’। यहां दो शब्द निकल कर सामने आ रहे हैं पहला indictment और दूसरा grand jury। दरअसल न्यूयॉर्क सिटी जहां ट्रंप के ऊपर केस चलने वाला है वह कई छोटे-छोटे टाउन से मिलकर बना हुआ है …. उसी में से एक है मैनहट्टन। ट्रंप के ऊपर मैनहट्टन में केस चलने वाला है। यहां टाउन के कुछ नागरिकों को मिलाकर एक समूह बनाया जाता है जिसे ग्रैंड ज्यूरी बोलते हैं। ग्रैंड ज्यूरी के सदस्य किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों के आधार की जांच करते हैं। इस जांच में ये तय किया जाता है कि आरोपित शख़्स के ख़िलाफ़ औपचारिक रूप से क़ानूनी तौर आरोप लगाए जाने लायक सबूत उपलब्ध हैं या नहीं। जांच के बाद ज्यूरी मतदान करती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के मामले में ग्रैंड ज्यूरी इस बात पर राज़ी हुई है कि उनके ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को औपचारिक रूप दिया जाना चाहिए। जब ग्रैंड ज्यूरी इस बात के लिए तैयार हो जाती है कि मुकदमा चलाया जाना चाहिए तो इसे ही इंडिक्टमेंट कहते हैं। ये पहली बार होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाला कोई शख़्स इस प्रक्रिया से होकर गुज़रेगा।

अगर ट्रम्प दोषी हुए तो?

इस मामले में अगर ट्रंप दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम चार सालों की सज़ा मिल सकती है। हालांकि, कई क़ानून विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

तो क्या अब ट्रम्प दुबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकेंगे?

वर्तमान परिदृश्य में ट्रंप उन नेताओं में सबसे आगे चल रहे हैं जिन्हें रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी मिलने की संभावना है। लेकिन अगर ट्रंप को इस मामले में सज़ा या जुर्माना हो जाता है तो भी वे राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं। अमेरिकी क़ानून के मुताबिक, राष्ट्रपति बनने वाला शख़्स जेल में रहते हुए भी राष्ट्रपति पद की ज़िम्मेदारियों का निर्वहन कर सकता है। हालांकि अब जब किसी के ऊपर ऐसे चार्जेस लग जाएंगे तो संभवत पार्टी ऐसे व्यक्ति को टिकट देने से बचेगी, क्योंकि पब्लिक में इससे नेगेटिव मैसेज जाएगा और इस बात की संभावना कम हो जाएगी कि ट्रम्प चुनाव जीत पाएं।