देश का यह पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे (Country's First Elevated Urban Expressway) : डेली करेंट अफेयर्स

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीते गुरुवार को देश के बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। देश का यह पहला एलिवेटेड दिल्ली- द्वारका अर्बन एक्सप्रेसवे अगले 3-4 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा। इस द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किमी है। जिसका 18.9 किमी का हिस्सा हरियाणा में, जबकि 10.1 किमी हिस्सा दिल्‍ली में पड़ता है। कयास यह लगाया जा रहा है कि इस एक्‍सप्रेसवे के बनने से न सिर्फ दिल्‍ली-गुड़गांव के बीच आना-जाना आसान होगा, बल्कि प्रॉपर्टी मार्केट में भी जबरदस्त उछाल आएगी।

क्यों बनाया जाता है एलिवेटेड?

एलिवेटेड रोड या एक्‍सप्रेसवे अक्सर उस जगह पर बनाया जाता है जहाँ ट्रांस्पोर्टेशन ज्यादा होता है और जमीन कम। यह इमेज में दिख रहे स्ट्रक्चर की तरह बनता है। इसे एलिवेटेड फ्लाईओवर भी कहा जाता है। इसके बनने से भीड़ वाले एरिया से न केवल हाई ट्रैफिक रिलीज होता है बल्कि भारी वाहन को भी बिना रुके निकलने का रास्ता मिलता है जिसके चलते बिजी एरिया में जाम की समस्या से समाधान मिलता है। द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना के सड़क नेटवर्क में चार लेवल बनायें जायेंगे। जिसमें सुरंग यानि अंडरपास, एटी-ग्रेड रोड, एलिवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर शामिल होंगे।

अन्य विवरण

यह एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग -8 के शिव-मूर्ति से शुरू होकर खेरकीदौला टोल प्लाजा के पास समाप्त होता है। यह एक्सप्रेसवे गुड़गांव रेलवे स्टेशन से केवल 3 किमी की दूरी पर स्थित है। भारतमाला परियोजना के तहत यह भारत का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे होगा। इस प्रोजेक्ट के लागत की बात करें तो इसकी लागत 8,662 करोड़ रुपये बतायी जा रही है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और हरियाणा सरकार ने मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करने और द्वारका एक्सप्रेसवे को मेट्रो चैनल से जोड़ने की योजना बनाई है।

देश को इससे होने वाले फायदे

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, NH-8 का दिल्ली-गुरुग्राम खंड, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई शाखा का एक हिस्सा है। जिस पर अभी तीन लाख से अधिक यात्री आते-जाते हैं। अब इस एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के बनने से NH-8 पर 50%-60% ट्रैफिक कम होने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे पश्चिमी दिल्ली से यात्रियों के यात्रा समय को कम करेगा। यही नहीं NH8 के समानांतर होने के चलते यह दिल्ली और जयपुर के बीच भी कनेक्टिविटी देगा। इस परियोजना से लगभग 50 हजार लोगो को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलने की भी संभावना है। साथ ही इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने में भी काफी मदद मिलेगी।