जल बजट लाने वाला देश का पहला राज्य (Country's First State to bring Water Budget) : डेली करेंट अफेयर्स

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 15 ब्लॉक पंचायतों में 94 ग्राम पंचायतों को कवर करते हुए राज्य में जल बजट के पहले चरण के विवरण का अनावरण किया।

दरअसल केरल के ऐसे कई इलाके हैं जहां हर वर्ष गर्मी के दौरान पानी का संकट खड़ा हो जाता है। हालाँकि राज्य में नदियों, झीलों, तालाबों और जलधाराओं की कमी नहीं है न ही मॉनसून के दौरान कम बारिश होती है पर फिर भी पानी की बर्बादी के चलते यहाँ पानी की कमी हो जाती है।

बजट जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पानी की कमी दिखाई दे रही है। इस कमी का कारण पानी के संसाधनों का कम होना नहीं, बल्कि पानी की बर्बादी और उसका मैनेजमेंट न होना है। जिसके चलते जल बजट लाया जाना जरुरी है। इस बजट से अब न केवल पानी जैसे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन का उचित इस्तेमाल होगा बल्कि इसके अपव्यव पर भी रोक लगेगा। विशेषज्ञ इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस पहल से राज्य में पानी की मांग और आपूर्ति की पहचान होगी और फिर उसके हिसाब से पानी का वितरण करने में मदद मिलेगी।

एससीएमएस जल संस्थान के निदेशक और जल विशेषज्ञ डॉक्टर सनी जॉर्ज इस बजट के पक्ष में कहते हैं कि "चूँकि जल की यह कमी वास्तव में कमी नहीं बल्कि प्रबंधन की समस्या है।" इसलिए इस कमी को दूर करने के लिए संसाधन का प्रबंधन करना होगा और इस प्रबंधन के लिए सबसे पहले इसकी मात्रा निर्धारित करने की जरूरत है।

इस वर्ष विश्व जल दिवस के मौके पर आई यूनेस्को की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त दुनिया की 10 फीसदी आबादी भीषण जल संकट का सामना कर रही है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो 2050 तक शहरों में रहने वाले 1.7 अरब से 2.4 अरब लोगों को पानी के लिए काफी परेशान होना पड़ेगा और इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभवित होने वाले देशों में भारत अग्रणी होगा।