कम्प्रेस्ड बायो गैस (Compressed Bio Gas) : डेली करेंट अफेयर्स

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की इंडिया एनर्जी आउटलुक 2021 रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि आज के समय में भारत global energy market का सबसे बड़ा प्लेयर है। प्राथमिक ऊर्जा खपत के मामले में जहाँ यह दुनिया में तीसरे स्थान पर है, वंही तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भी भारत ही है, इसके साथ ही यह तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता, चौथा सबसे बड़ा लिक्विफाइड नेचुरल गैस आयातक और चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर भी है। यानी ग्लोबल लेवल पर एनर्जी की सबसे ज्यादा खपत भारत कर रहा है और ज्यादातर मामलों में यह खपत आयात पर निर्भर है। अभी भारत की एनर्जी की जरूरतें मध्य-पूर्व, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया सहित घरेलू उत्पादन और आयात के जरिये पूरी होती है। अब इस आयात को कम करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार काम जारी है।

इसी दिशा में केंद्र सरकार की ओर से बीते 17-18 अप्रैल को दो दिन का कम्प्रेस्ड बायो गैस का वैश्विक सम्मेलन भी नई दिल्ली में आयोजित किया गया। पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से बयान देते हुए मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कम्प्रेस्ड बायो गैस के रूप में सरकार ईंधन के नए अवसर तलाश रही है। मंत्रालय की ओर से कई राज्यों में कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाने की योजना भी बनाई गई है। इसके साथ ही जैव ईंधन के क्षेत्र में 2025 तक 20 फीसदी की ग्रोथ का लक्ष्य रखा गया है। कुल मिलाकर यह सम्मेलन बायोगैस उद्योग को बढ़ावा देने वाले एक प्रगतिशील नीतिगत ढांचा को बनाने पर फोकस था।

अगर कंप्रेस्ड बायो गैस यानी (सीबीजी) की बात करें तो- यह एक प्रकार की बायो गैस है जो जैविक अपशिष्ट, खेती के बचे अवशेष, जानवरों के अपशिष्टों से बनने वाली खाद, सुगरकेन प्रेस मड, नगर निगम के ठोस अपशिष्ट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अपशिष्टों यानी की कचरों से एनोरोबिक डाइजेशन यानी की अवायवीय पाचन प्रक्रिया के जरिये पैदा होती है। बेसिकली बायोगैस मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य कई गैसों का मिश्रण होता है। यह तब बनती है जब ऑक्सीजन की एब्सेंस में बैक्टीरिया सभी अपशिष्टों के कार्बनिक पदार्थ को तोड़ते हैं।

इसके उपयोग की बात करें तो कम्प्रेस्ड बायो गैस (CBG) अनॉक्सी प्रक्रिया से बना हुआ एक प्रकार का ईंधन है। इसका उपयोग ट्रांपोर्टशन, Cooking, बिजली बनाने, Industrial processes, Agriculture जैसे क्षेत्रों में यूज किया जाता है। इसके अलावा CBG टिकाऊ ईंधन स्रोत भी है। जिसके चलते इसे यूज करने से कई आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ भी होते हैं। अगर प्रमुख मुद्दों की बात करें तो यह ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने में, ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

अब इतनी जानकारी के बाद आपके जेब पर इसके यूज के क्या प्रभाव पड़ेंगे यह भी जान लेते हैं- दरअसल कम्प्रेस्ड बायो गैस का मूल्य जीएसटी सहित 48.30 रुपये प्रति किलो तय किया गया है। अभी भारत में 46 प्लांट हैं और इसे 100 से ज्यादा रिटेल आउटलेट पर सेल किया जा रहा है। लगे हाथ आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 16 जून, 2015 को सीएनजी के वैकल्पिक संघटक के रूप में मोटर वाहनों में बायो-कम्प्रेस्ड प्राकृतिक गैस (बायो सीएनजी) के इस्तेमाल की अनुमति भी दी थी।

आपको बता दें कि 18 अक्टूबर 2022 को पंजाब के संगरूर जिले के लहरागागा में एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट के उद्घाटन किया गया। साल 2018 में ‘सतत’ नाम की एक पहल की शुरुआत भी की थी। इस पहल के तहत संपीड़ित जैव-गैस (Compressed Bio-Gas-CBG) उत्पादन के प्लांट स्थापित करने और Automotive Fuel में CBG के उपयोग हेतु बाज़ार में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे लक्ष्य रखे गए थे।