ब्लैक मून (Black Moon) : डेली करेंट अफेयर्स

19 मई की रात को आकाश में काला चाँद यानि ब्लैक मून दिखा था। जिसके चलते स्टारगेज़र और खगोलशास्त्री और आप भी आसमान में नक्षत्र, तारे और आकाशगंगा जैसी ब्रह्मांडीय घटनाओ को देख सकेंगे।

असल में दो तरह के ब्लैक मून होते हैं एक वो जो एक महीने में दो बार अमावस्या पड़ती है। दूसरा वो जो धरती के 3 महीने के एस्ट्रोनॉमिकल सीजन में चार अमावस्या पड़ती है। ब्लैक मून के नाम के पीछे किसी वैज्ञानिक ग्रुप का दिया हुआ नाम नहीं है। दरअसल आमतौर पर हर माह केवल एक अमावस्या होती है, लेकिन कभी-कभी एक ही महीने में दो अमावस्या पड़ जाती है। इसी दूसरी अमावस्या को ब्लैक मून कहते हैं।

चंद्र चक्र का यानी चाँद द्वारा पृथ्वी का चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय लगभग 29.5 दिन का होता है और फरवरी महीना दिनों के हिसाब से कम होता है यानी फ़रवरी 28 दिन की होती है। जिसके चलते चंद्र चक्र और फरवरी दोनों के बीच का गैप कम हो जाता है। तो अगर इस महीने के ठीक पहले अमावस्या हुई होगी तो पूरा महीना बिना अमावस्या के निकल सकता है। इसके बाद के महीने में दो अमावस्या होगी और दूसरी अमावस्या ब्लैक मून होगी और ऐसा 33 महीने की अवधि में एक बार होता है।

इसके अलावा कभी-कभी एक सीजनल ब्लैक मून होता है। यह पृथ्वी के एस्ट्रोनॉमिकल सीजन में चार अमावस्या पड़ने से होता है। इसका मतलब है कि 21 मार्च से शुरू होकर 21 जून को ख़तम होने वाली तीन महीने की खगोलीय बसंत ऋतु में इस साल 4 अमावस्या पड़ रही है, जबकि कुल तीन ही पड़नी चाहिए। जिसके चलते इस तीसरी अमावस्या को ब्लैक मून कहा जा रहा है।

चांद काला कैसे हो जाता है?

ब्लैक मून के दिन हर अमावस्या की तरह चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच होता है, और जिसके चलते चंद्रमा का चमकीला भाग हमें दिखाई नहीं देता है। जिसके चलते आसमान में कम रोशनी होती है और चन्द्रमा काला कहा जाने लगता है। "ब्लैक मून" कोई विशिष्ट खगोलीय या वैज्ञानिक घटना नहीं है। यानी ग्रहण की तरह इसका पृथ्वी पर कोई बुरा या अच्छा असर नहीं पड़ता है, लेकिन यह घटना उन लोगो के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है जो आकाश की और खगोलीय घटना को समझने और जानने में इंट्रेस्टेड होते हैं। इस दिन रात काली और अँधेरी होती है जिसके चलते तारे और नक्षत्र जैसी अन्य खगोलीय घटनाओं को देखा जा सकता है। अक्सर लोग इस दिन शहर की रोशनी से दूर जाकर तारे देखते हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक, धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव मानने वाले लोग इस दिन को और दिनों की तुलना में अलग मानते हैं।