बैस्टिल डे परेड (Bastille Day Parade) : डेली करेंट अफेयर्स

वैश्विक पटल पर भारत का कद काफी बढ़ा है और दुनिया को उससे ज्यादा की उम्मीद है। उपनिवेशवाद ने भारत को सबसे गरीब देशों में से एक बना दिया था, लेकिन आज यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव का एक सबसे बड़ा कारण है इसकी सहयोगात्मक और मित्रता पूर्ण नीति। इसी क्रम में अभी हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को बैस्टिल डे परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निमंत्रण दिया था, जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को इस साल के बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए पेरिस जाएंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष के बैस्टिल डे परेड में अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। साथ ही भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ी भी अपने फ्रांसीसी समकक्षों के साथ परेड में भाग लेगी। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा से रणनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहयोग के लिए नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित होंगे। इससे भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के अगले चरण की शुरुआत होने की उम्मीद है। यह दूसरा अवसर है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री को 14 जुलाई को पेरिस में आयोजित समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2009 में भाग लिया था।

ग़ौरतलब है कि भारत और फ्रांस, शांति और सुरक्षा पर समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। विशेष रूप से यूरोप और भारत-प्रशांत क्षेत्र में और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को दोनों देश बनाए रखते हैं। यही भारत-प्रशांत क्षेत्र में उनके सहयोग का आधार भी है। बता दें कि साल 2023 में भारत और फ्राँस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 1998 में हस्ताक्षरित इस रणनीतिक साझेदारी ने पिछले ढाई दशकों में साझा मूल्यों और शांति, सुरक्षा एवं सतत विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर आधारित घनिष्ठ और गतिशील संबंध का विकास किया है। यह रणनीतिक साझेदारी रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उनके परस्पर सहयोग का आधार रहा है।

बैस्टिल पेरिस की एक इमारत का नाम है। ये मध्य युग के एक किला और जेल का नाम है। शुरू में बैस्टिल का निर्माण किले के तौर पर किया गया था जो पेरिस शहर के पूर्वी दरवाजे की रखवाली के काम आता था। बाद में ये फ्रांस का राज्य कारागार बन गया। 17वीं और 18वीं सदी के दौरान जब शासन के खिलाफ लोगों में असंतोष बढ़ने लगा तो इस जेल का इस्तेमाल महत्वपूर्ण नेताओं को कैद करने के लिए किया जाने लगा। 14 जुलाई, 1789 को क्रांतिकारियों की एक गुस्साई भीड़ ने इस जेल पर धावा बोल दिया और मौके से सात कैदियों को छुड़ा लिया। ये काफी हद तक फ्रांसीसी क्रांति का संकेत माना गया। इसके बाद साल 1880 से हर साल 14 जुलाई को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।