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Brain-booster / 28 Feb 2023

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: आर्थिक समीक्षा 2022-23 : भाग 4 (Economic Survey 2022-23 : Part 4)

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सामाजिक अवसंरचना और रोजगार पर विशेष जोर

  • सामाजिक क्षेत्र पर सरकारी खर्च में व्यापक वृद्धि देखने को मिली।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र पर केन्द्र एवं राज्य सरकारों का अनुमानित व्यय बढ़कर वित्त वर्ष 2023 (बीई) में जीडीपी का 2.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022 (आरई) में जीडीपी का 2.2 प्रतिशत हो गया, जो कि वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी का 1.6 प्रतिशत ही था।
  • सामाजिक क्षेत्र पर व्यय वित्त वर्ष 2016 के 9.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 (बीई) में 21.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
  • आर्थिक समीक्षा में बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर यूएनडीपी की रिपोर्ट 2022 के निष्कर्षों पर प्रकाश डाला गया है जिनमें कहा गया है कि भारत में 41.5 करोड़ लोग वर्ष 2005-06 और वर्ष 2019-20 के बीच गरीबी से उबर गए।
  • आकांक्षी जिला कार्यक्रम विशेषकर सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्रों में सुशासन के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में सामने आया है।
  • असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया जिसका सत्यापन ‘आधार’ से होता है। 31 दिसम्बर, 2022 तक कुल मिलाकर 28.5 करोड़ से भी अधिक असंगठित कामगारों ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।
  • जैम (जन-धन, आधार, एवं मोबाइल) के साथ-साथ डीबीटी ने समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ दिया है जिससे लोगों को सशक्त करते हुए पारदर्शी एवं उत्तरदायी गवर्नेंस के मार्ग में क्रांति आ गई है।
  • ‘आधार’ ने को-विन प्लेटफॉर्म को विकसित करने और टीके की 2 अरब से भी अधिक खुराक लोगों को पारदर्शी ढंग से देने में अहम भूमिका निभाई है।
  • शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में श्रम बाजार मुश्किलों से उबर कर कोविड पूर्व स्तर से ऊपर चला गया है। यही नहीं, बेरोजगारी दर वर्ष 2018-19 के 5.8 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2020-21 में 4.2 प्रतिशत रह गई है।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों की वजह से कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में व्यक्ति की जेब से होने वाला खर्च वित्त वर्ष 2014 के 64.2 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2019 में 48.2 प्रतिशत रह गया।
  • बाल मृत्यु दर (आईएमआर), 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) और नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है।
  • 6 जनवरी, 2023 तक कोविड टीके की 220 करोड़ से भी अधिक खुराक लोगों को दी गई हैं।
  • 4 जनवरी, 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 22 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया गया है। आयुष्मान भारत के तहत देश भर में 1.54 लाख से भी अधिक स्वास्थ्य एवं वेलनेस केन्द्रों को चालू किया गया है।

सेवाएं- सुदृढ़ता का स्रोत

  • वित्त वर्ष 2022 में 8.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में सेवा क्षेत्र के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
  • जुलाई 2022 से पीएमआई सेवाओं, जोकि सेवा क्षेत्र की गतिविधियों का संकेतक है, में जबरदस्त विस्तार देखा गया।
  • भारत 2021 में शीर्ष दस सेवा निर्यात करने वाले देशों में शामिल था, विश्व वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 2015 में 3 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 4 प्रतिशत हो गई।
  • जुलाई 2022 से सेवा क्षेत्र के लिए ऋण में 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
  • वित्त वर्ष 2022 में सेवा क्षेत्र में 7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी का प्रवाह।
  • वित्त वर्ष 2023 में संपर्क-गहन सेवाएं महामारी से पहले के स्तर की वृद्धि दर को पुनः हासिल करने के लिए तैयार हैं।
  • रियल एस्टेट क्षेत्र में निरंतर वृद्धि 2021 और 2022 के बीच 50 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, आवास की बिक्री को महामारी के पूर्व-स्तर पर ले जा रही है।
  • होटल ऑक्यूपेंसी दर अप्रैल 2021 में 30-32 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2022 में 68-70 प्रतिशत हो गई है।
  • वित्त वर्ष 2023 में भारत में विदेश पर्यटकों के आगमन के साथ-साथ निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की बहाली और कोविड-19 नियमों में ढील के साथ पर्यटन क्षेत्र के पुनर्जीवित होने के संकेत मिल रहे हैं।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत की वित्तीय सेवाओं में बदलाव ला रहे हैं।
  • भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2025 तक सालाना 18 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।

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