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Brain-booster / 23 Apr 2023

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: सिविल20 भारत 2023 (CIVIL20 India 2023)

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चर्चा में क्यों?

  • सिविल20 इंडिया 2023 की कार्यसमिति का उद्घाटन मार्च 2023 में नागपुर में किया गया। सिविल20 इंडिया 2023 का आदर्श वाक्य #You Are The Light  है।

सिविल20 के बारे में

  • सी20 इंडिया 2023 जी20 के आधिकारिक जुड़ाव समूहों में से एक है जो दुनिया भर के सिविल सोसाइटी संगठनों (सीएसओ) को जी20 में दुनिया के नेताओं के सामने लोगों की आकांक्षाओं को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक नेता माता अमृतानंदमयी, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में बैठक का उद्घाटन किया गया।

भारत में सिविल सोसायटीयों की भूमिका

  • यूरोपीय संघ के अनुसार, सिविल सोसाइटी का अर्थ है ‘व्यक्तियों या समूहों द्वारा की जाने वाली सभी प्रकार की सामाजिक क्रियाएं जो राज्य से संबंधित या प्रबंधित नहीं हैं’।
  • लोगों, समुदायों या समग्र रूप से लोकतंत्र की सुरक्षा, रोकथाम, संवर्धन और परिवर्तन की बात आने पर उनकी प्रमुख भूमिका होती है।

इतिहास में सिविल सोसायटी

  • ब्रह्म समाज और आर्य समाज जैसे संगठनों ने सामाजिक रूप से समाज को प्रगतिशीलता बनाने के लिए कार्य किया। इसी प्रकार NTUF, AITUC आदि ट्रेड यूनियन भारतीय इतिहास में अंतिम व्यक्ति की आवाज बने।

स्वतंत्रता के बाद सिविल सोसायटी

  • स्वदेशी आन्दोलन के उत्साह का कारण बंगाल के विभाजन को ठहराया जा सकता है। स्वदेशी के प्रति प्यार अभी भी भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों में भी परिलक्षित होता है।
  • विनोबा भावे का भूदान आंदोलन, चिपकू आंदोलन या फिक्की जैसे संगठन आदि कुछ ऐसे उदाहरण हैं जहां सिविल सोसाइटी समूहों द्वारा किये गये हस्तक्षेप ने समाज के लिए अहम बदलाव प्रस्तुत किये।

विश्व में सिविल सोसाइटी

  • वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर, ग्रीनपीस, एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे संगठन दर्शाते हैं कि कैसे सिविल सोसाइटी सभी को लाभान्वित करने वाले महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
  • सिविल सोसाइटी कार्यान्वयन में अंतर को भरते हैं और कार्यपालिका पर नियंत्रण और संतुलन का कार्य करते हैं।

सरकारी पहल

  • सरकार ने समय-समय पर समान रूप से भारत में सिविल सोसाइटी को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य किया है।
  • पंचायती राज संस्थाएं, नाबार्ड द्वारा स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बढ़ावा देना आदि सरकार द्वारा उठाये गये महत्वपूर्ण कदम हैं।
  • भारत में लगभग 1.2 करोड़ SHG हैं जिनमें 88% महिला SHG हैं जो सबका साथ सबका विकास की धारणा को दर्शाती हैं।

निष्कर्ष

  • डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने एक बार उदार-धर्मनिरपेक्ष नागरिक समाज के महत्व को समझायाः ‘लोकतंत्र की जड़ें सरकार, संसदीय या अन्य के रूप में नहीं हैं--- समाज बनाने वाले लोगों के बीच संबद्ध जीवन
    के संदर्भ में, सामाजिक संबंधों में खोजी जानी हैं।’
  • नागरिक समाज की भूमिका प्रमुख स्तंभ है जिसे समेकित करने, बढ़ावा देने और सशक्त बनाने की आवश्यकता है और सिविल20 इस उपलब्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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