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Brain-booster / 14 Oct 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: अरब लीग (Arab League)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): अरब लीग (Arab League)

अरब लीग (Arab League)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में अरब-इजरायल डील के विरोध में फिलिस्तीन के अरब लीग काउंसिल की अध्यक्षता को छोड़ने के बाद अब कतर ने भी अरब लीग के 154 वें नियमित सत्र की अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया।

विवाद का विषय

  • वाशिंगटन में संयुक्त अरब अमीरात इजराइल के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को ‘अब्राहम एकॉर्ड’ (Abraham Accord) का नाम दिया गया, अमेरिका ने इसे शांति समझौता कहा था।
  • अरब लीग ने इस्राईल और UAE की शांति डील का स्वागत किया, इसके बाद अरब लीग में शामिल बहरीन ने भी इसका समर्थन किया।
  • अरब लीग के इस कदम से ही फिलिस्तीन और कतर दोनों देश आहत हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम हैं और वो लीग द्वारा किए गए समझौते को भी मानने से इनकार करते हैं इसलिए ही उन्होंने लीग की 154वी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया।

अरब लीग

  • अरब लीग मध्य पूर्व में अरब राज्यों का एक क्षेत्रीय संगठन है। औपचारिक नाम-अल-जामिया अद-दुवाल अल-अरबी (अरबी) और इसका मुख्यालय काहिरा, मिस्र में है।
  • मिस्र, इराक, जार्डन, लेबनान, सऊदी अरब, सीरिया तथा यमन द्वारा 22 मार्च, 1945 को काहिरा में लीग समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही अरब लीग अस्तित्व में आया।
  • यह समझौता मिस्र के तत्कालीन प्रधानमंत्री नह्रास पाशा की पहल थी, जिसे ब्रिटिश सरकार का समर्थन प्राप्त था।
  • बाद में 14 अन्य देश और पीएलओ अरब लीग के सदस्य बने फिलीस्तीन को विधितः स्वतंत्र समझा जाता है।
  • वर्तमान में, अरब लीग में 22 सदस्य हैं, यद्यपि नवम्बर 2011 में सीरिया की भागीदारी को गृह युद्ध एवं बढ़ते उपद्रव के दौरान सरकारी दमन के परिणामस्वरूप निलम्बित कर दिया गया।

उदेश्य

  • सदस्य देशों के मध्य संबंधों को और अधिक घनिष्ठ बनाना तथा उनकी राजनीतिक गतिविधियों में समन्वय स्थापित करना; उनकी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा करना; अरब देश के हितों को प्रोत्साहन देना; सदस्यों के मध्य या सदस्यों तथा किसी तीसरे पक्ष के बीच विवादों में मध्यस्थता करना; सीमा शुल्क, मुद्रा, कृषि, उद्योग, संचार (रेलवे, सड़क, विमानन, जहाजरानी, डाक एवं टार सहित), संस्कृति, राष्ट्रीयता, पासपोर्ट, वीजा, न्यायिक निर्णय एवं प्रत्यर्पण, सामाजिक कल्याण तथा स्वास्थ्य से जुड़े विषयों में सहयोग स्थापित करना।

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