होम > Brain-booster

Brain-booster / 07 Aug 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम - यूएपीए 2019 (Unlawful Activities Prevention Act -UAPA Amendment Bill 2019)

image


(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम - यूएपीए 2019) (Unlawful Activities Prevention Act -UAPA Amendment Bill 2019)


मुख्य बिंदु:

वर्तमान समय में आतंकवाद वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या बना हुआ है । भारत आतंकवाद की समस्या से प्रभित होने वाले देशों की सूचि में काफी ऊपर आता है ।आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए राज्य सभा ने पिछले महीने NIA संशोधन विधेयक को पारित किया था । अब इसी श्रंखला में आगे बढ़ते हुए बीते 2 अगस्त को राज्य सभा ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) संशोधन विधेयक को पारित कर दिया है । यह विधेयक 1967 में बने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम को संशोधित करेगा । UAPA संशोधन विधेयक एक आतंक विरोधी कानून है । जसिके जरिये किसी व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित किया जा सकेगा।

आज के DNS में बात करेंगे गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के बारे में और जानेंगे इसमें होने वाले बदलावों को । UAPA का गठन 1967 में किया गया था ।इस विधेयक का गठन अलगावबाद से जुड़े अपराधों पर रोक लगाने के लिए किया गया था।

आतंकवाद और नक्सलवाद की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए 2004 में UAPA में आतंक विरोधी कानून को शामिल किया गया । इस अधिनियम के गठन के बाद आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और आतंकवादी संगठनों को चिन्हित करने और उनपे रोक लगाने में काफी मदद मिली थी । UAPA कानून में किसी व्यक्ति को आतंकवादी करार देने का प्रबधन नहीं था । ऐसी स्थिति में आतंकवादी संगठन को चिन्हित करके उसपर प्रतिबन्ध लगाने के बाबजूद उस संगठन के सदस्य आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रहते थे । साथ ही UAPA की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल खड़े होते थे । UAPA संशोधन अधिनियम पारित होने के बाद विधेयक में जो मुख्या बदलाव किये जाएंगे वे निम्न है।

विधेयक के अनुसार कौन हो सकता है "आतंकवादी"

नए अधिनियम के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ऐसा काम करता है जिससे देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा या सम्प्रुभता को खतरा है साथ ही ऐसा कोई काम जिससे समाज या समाज के किसी वर्ग को डराने की कोशिश की जाए आतंकवाद कहलाता है । अधिनियम केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है की यदि कोई व्यक्ति आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है ,उन्हें करता है या करने की कोशिश करता है उसे आतंकवादी करार दिया जा सकता है । इन्ही आधारों पर किसी संगठन को भी आतंकी संगठन करार दिया जा सकता है।

आतंकवादी घोसित करने के नियम :

केंद्र सरकार सरकारी गैजेट में एक अधिसूचना के माध्यम से किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर सकती है। ऐसा करने से पहले सरकार को सम्बंधित व्यक्ति की सुनवाई सुनने की भी आवश्यकता नहीं होगी । वर्तमान कानून के मुताबिक जब तक कोई व्यक्ति दोषी साबित नहीं हो जाता तब तक उसे निर्दोष माना जाता है । यह विधेयक उन नियमों को निर्धारित नहीं करता जिनके मुताबिक कोई व्यक्ति आतंकी गतिविधियों में शामिल है या उनमें शामिल होने की आशंका है।

आतंकवादी साबित होने के बाद की कार्यवाही:

विधेयक के अनुसार व्यक्ति को आतंकी सूचि में डालते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करने या उन्हें गिरफ्तार करने की आवश्यकता नहीं है । किसी आतंकी पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगाए जाने वाले प्रतिवन्धों की तरह इस विधेयक में नियमों की ऐसी कोई जानकारी नहीं है । यदि कोई व्यक्ति सूचि में से नाम निकलने के लिए आवेदन करता है। तो विधेयक सरकार को ऐसा करने का भी अधिकार देता है । हालांकि आवेदन से जुड़े नियमों को भी सरकार ही बनेगी । यदि किसी व्यक्ति के आवेदन को ख़ारिज कर दिया जाता है तोह वह 1 महीने के भीतर पुनः समीक्षा के लिए आवेदन दे सकता है। केंद्र सरकार एक 4 सदस्यीय समीक्षा समिति का गठन करेगी जिसकी अद्यक्षता हाई कोर्ट के न्यायाधीष द्वारा की जाएगी । कमिटी के आदेश पर सरकार को व्यक्ति का नाम सूचि में से हटाना होगा।

इसके आलावा भी अधिनियम में कुछ बदलाव किये जाएंगे । अब किसी आतंकी मामले से जुडी प्रॉपर्टी को जब्त करने से पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी । यदि जांच NIA अफसर कर रहा है तो वह NIA के महानिदेशक से अनुमति लेगा । मौजूदा कानून के अनुसार केवल NIA के उप पुलिस अधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त रैंक के अधिकारि ही अपराधों की जांच कर सकते है । विधेयक NIA के इंस्पेक्टर रैंक के ऑफिसरों को जांच करने की अनुमति प्रदान करेगा ।

हालांकि इस बिल से आतंकवाद पर रोक लगाने में काफी मदद मिलेगी मगर साथ ही इसका दुरूपयोग भी किया जा सकता है । विपक्ष पहले ही इस कानून के दुरूपयोग को लेकर चिंता दिखा चूका है । अब देखना ये होगा की यह कानून कितना कामयाब होता है ।

किसी भी प्रश्न के लिए हमसे संपर्क करें