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Brain-booster / 11 Jul 2022

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: 5जी नीलामी (5G Auctions)

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खबरों में क्यों?

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून को हुई बैठक में स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए अपनी मंजूरी दी जिसका उपयोग 5जी सेवाओं के लिए किया जा सकता है।
  • जुलाई के अंत में आयोजित नीलामी के दौरान 20 वर्ष की वैधता अवधि के साथ कुल 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए रखा जाएगा।

5जी तकनीक के बारे में

  • 5जी अगली पीढ़ी की सेलुलर तकनीक है जो बहुत धीरे लेटेंसी (लेटेंसी अपने स्रोत और गंतव्य के बीच यात्र करने के लिए डेटा की मात्रा है) के साथ तेज और अधिक विश्वसनीय संचार प्रदान करेगी।
  • 5जी के साथ निर्धारित मानकों के अनुसार, मौजूदा 4जी नेटवर्क पर लगभग 25 एमबी/सेकी तुलना में 5जी नेटवर्क की स्पीड 2-20 जीबी/से. की सीमा में होने की उम्मीद है।
  • भारत में, हालांकि, 4जी की गति औसतन लगभग 6-7 एमबी/से. है जोकि धीरे-धीरे गति पकड़ता है।
  • यह उपलब्ध बैंडविड्थ और उन्नत एंटीना प्रौद्योगिकी के कारण वायरलेस सिस्टम पर प्रसारित डेटा की मात्रा में वृद्धि को सक्षम करेगा।

5जी का वाणिज्यिक रोलआउट

  • दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार होने के बावजूद भारत में यह सेवा अभी संचालित नहीं हो सकी है।
  • ऐसा कहा जाता है कि 5जी की तैनाती इस साल अगस्त-सितंबर से शुरू होने की संभावना है और साल के अंत तक लगभग 20-25 शहरों में सेवा शुरू हो सकती है।
  • विशेषज्ञों और विश्लेषकों को उम्मीद है कि अगले दो से तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से देश भर में 5जी का क्रमिक रोलआउट शुरू हो जायेगा।

5जी के लाभ

  • 5जी आने से आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और मशीन से मशीन संचार जैसी उभरती हुई तकनीकों की रीढ़ बनने की उम्मीद है जिससे अनुप्रयोगों और सेवाओं की एक बड़ी रेंज बढ़ सकेगी।
  • यह उम्मीद की जाती है कि 5जी तकनीक के साथ, उपभोक्ता कुछ ही सेकंड में डेटा भारी सामग्री जैसे 8के मूवी और बेहतर ग्राफिक्स के साथ गेम डाउनलोड करने में सक्षम होंगे।
  • यह उद्योग, कृषि, संस्थानों, अस्पतालों और राजमार्गों जैसी ढांचागत गतिविधियों में सुधार करके अर्थव्यवस्था जैसे विभिन्न क्षेत्रों के कार्य कुशलता में वृद्धि करेगा।
  • 5जी से 2035 तक भारत में $1 ट्रिलियन का आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है।

5जी से संबंधित प्रमुख मुद्द

  • दो मुख्य मुद्दे हैं:
  • स्पेक्ट्रम के लिए उच्च आरक्षित मूल्य
  • कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम का प्रत्यक्ष आवंटन।
  • सोचनीय बात यह है कि व्यत्तिफ़गत उपभोक्ताओं की तुलना में 5जी तकनीक का उद्योग में अधिक उपयोग है क्योंकि यह बहुत ही लागत प्रभावी तकनीक है। उदाहरण के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम (युग्मित) के एक ब्लॉक की लागत 196 बिलियन (यूएस $2.5 बिलियन) होगी। अतः इसके मूल्य को प्रभावी बनाने का प्रयास कर रहा है।
  • कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम के प्रत्यक्ष आवंटन की अनुमति देने पर, सरकार ने तर्क दिया है कि इस कदम से उद्योग 4.0 में अनुप्रयोगों जैसे मशीन से मशीन संचार, आईओटी, एआई में ऑटोमोटिव, हेल्थकेयर, कृषि, ऊर्जा में नवाचारों की एक नई लहर को बढ़ावा मिलेगा।
  • उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क तक पहुंचने के लिए 5जी सक्षम उपकरणों को अपडेट करने की आवश्यकता होगी, यदि वे पहले से एक का उपयोग नहीं कर रहे हैं।

निष्कर्ष

जब प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं और विश्व शक्तियां अपनी तकनीकी को उन्नत कर रही हैं ताकि वे अपने लोगों के लिए उच्च विकास और बेहतर जीवन शैली प्राप्त कर सकें, तो भारत जो सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी है बहुत दिनों तक अनसुना नहीं कर सकता है। हमें प्रौद्योगिकी के मामले में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए इस पर काम करना होगा।


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