Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 20 December 2019
Indian Peacekeepers UN Award
- भारतीय शांति सेना/समूह दक्षिणी सूडान अच्छी सेवा प्रदान कर रही है।
- हमें ज्ञात है UN की अपनी कोई सेवा नहीं होती है इसलिए कहीं पर किसी आपरेशन या मिशन होने पर वह सदस्य देशो की सेना की मदद ले सकता है।
- कहीं पर कोई विवाद होने पर यदि संबंधित देश व शांति स्थापित करना चाहते हैं तो सुरक्षा परिषद से प्रस्ताव पास कर शांति सेना भेजी जा सकती है।
- विकासशील देश ज्यादा अपनी सेना भेजते हैं। विकसित देश धन मुहैया करवाते हैं।
- इसमें पुलिस, आर्मी, डॉक्टर, राहत प्रदान करने वाले शामिल होते है।
- वर्तमान में 6700 लोग UN के शांति सेना में अपनी सेवा दे रहे है।
- भारत का स्थान इस मामले में चौथा है।
- अब तक 2 लाख लोग सेवा दे चुके हैं।
- UN के 71 Peacekeeping मिशन में से 49 में भारतीयों ने अपनी मदद प्रदान की है।
- 2007 में भारत पहला देश जिसने एक पूरा दल महिलाओं का भेजा।
अमेरिकी राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रस्ताव को HOR से बहुमत मिला
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होने संभावित प्रतिद्वंदी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडियिर जेलेंस्की पर दबाव बनाया। यह फोन के द्वारा किया गया।
- जेलेंस्की में अपनी बात रखी लेकिन स्पष्टता बहुत अधिक नहीं थी।
- एक ब्हिसलब्लोअर के माध्यम से यह जानकारी बाहर गई।
- निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रंजंटेटिव) की प्रमुख नेंसी पेलोसी ने जांच के आदेश दिये।
- रिपब्लिकन सांसदों का कहना है कि जांच के मतदान करवाया जाना चाहिए था, जो नहीं करवाया गया।
- महाभियोग की प्रक्रिया तभी सफल हो सकती है जब दोनों सदनों में प्रस्ताव लाने वाली पार्टी को बहुमत हो।
- HOR में 235 सदस्य डेमोक्रेटिक पार्टी के एवं 199 सदस्य रिपब्लीकन पार्टी के है।
- सिनेट में 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पास होना चाहिए। यहां 53 सदस्य रिपब्लिक पार्टी के 45 सदस्य डेमोक्रेटिक पार्टी एवं 2 सदस्य अलग है।
- सिनेट में यह प्रस्ताव जनवरी 2020 में होगा।
- अब तक तीन लोगों पर महाभियोग की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है लेकिन सिर्फ रिचर्ड निक्सन को अपना पद 29 जुलाई 1974 को छोड़ना पड़ा था। बिल क्लिंटन- 1998, एण्ड्रयुजॉनसन-1868
Capital Punishment (मृत्युदंड)
- सुप्रीमकोर्ट ने निर्भया केस के आरोपी का रिव्यु पीटिशन केंसिल कर दिया है।
- देश में वर्तमान समय में लोगों में महिलाओं के साथ बलात्कार के प्रति बहुत ज्यादा गुस्सा है।
- सजा के पीछे चार कारण-
- प्रोटेक्शन ऑफ सोसायटी
- कानून का भय उत्पन्न करना
- पुनर्वास एवं सुधार
- बदला लेने के लिए
पक्ष में तर्क
- अपराधियो में भय उत्पन्न करने के लिए,
- महिलाओं और बच्चों के साथ अभी भी जघन्य श्रेणी के अपराध होते है। अर्थात आजादी के 70 साल बाद भी अभी सामाजिक एवं वैधानिक विकास पूर्ण नहीं हो पाया है।
- सुरक्षा कारणों एवं उपद्रवियों से निपटने के लिए
- भारत का सामाजिक ढांचा उन देशों जैसा नहीं है जहां मृत्युदंड को समाप्त कर दिया गया है।
- लोगों का कानून, पुलिस पर भरोसा बना रहे और वह कानून अपने हाथ में न लें इसके लिए भी यह आवश्यक है।
- फांसी न होने पर उम्र कैद होगी और राज्य पर अंत तक वह भारत बना रहेगा।
विपक्ष में तर्क
- यह संविधान के अनु- 21 के खिलाफ है।
- व्यक्ति के अपराध में अपराधी ही नहीं समाज भी उत्तरदायी होता है।
- सजा से समाज में एक संतोष जाता है कि उसका काम पूरा हो गया और वह कारणों और परिस्थितियों का पूर्णतः समाधान नहीं कर पाता है।
- Rarest of rare cases में फांसी की सजा दी जाती है यह मानक वस्तुनिष्ठ नहीं है अर्थात् एक जज को यह Rare लग सकता है, दूसरे को नहीं।
- न्याय का उद्देश्य सुधार करना है न कि बदला लेना।
- फांसी की सजा और अपराध में कमी कोई स्पष्ट सकारात्मक संबंध दिखाई नहीं देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार का पालन करने के लिए आवश्यक है।
- फांसी देने के बाद कुछ ऐसे तथ्य सामने आ सकते है जिससे पता चले कि संबंधित व्यक्ति बेगुनाह है।
- भारत में 1991 से 2015 तक 26 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।
- आजादी से अब तक 52 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।
- Amnesty International रिकार्ड के अनुसार 690 लोगों को फांसी 2018 में दी गई जो 2017 से 31% कम है।
- सर्वाधिक सजांए चीन, ईरान, सऊदी अरब, वियतनाम एवं इराक में दी जाती है।