Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 10 December 2019
लोकसभा में एंग्लो इंडियन के लिए आरक्षित 2 सीटें समाप्त करने का बिल
- कल 9 दिसम्बर 2019 को यह बिल लोकसभा में प्रस्तुत किया गया।
- 4 दिन पहले केबिनेट ने इस बिल को अपना समर्थन दिया था।
- यह प्रस्ताव 126वां संविधान होगा। संविधान संशोधन इसलिए क्योंकि यह सीटें संवैधानिक प्रावधानों के तहत आरक्षित है।
- दरअसल हर 10 साल में SC/ST एवं एंग्लो इण्डियन के लिए आरक्षित सीटों की अवधि बढ़ाये जाने का हमने प्रावधान कर रखा है।
- इस बिल में SC एवं ST के लिए आरक्षित सीटों की अवधि तो 10 वर्ष बढ़ा दी गयी है लेकिन एंग्लो इण्डियन के लिए अवधि नहीं बढ़ायी जा रही है।
- पिछले बार हमने जो 10 वर्ष की अवधि बढ़ायी थी वह 25 जनवरी 2020 तक पूर्ण हो रही है।
बैकग्राउंड
- औपनिवेशिक काल में जिन लोगो ने ब्रिटेन के लोगों से रिश्ते बनाये उनके वंशजों को एंग्लो इण्डियन के नाम से जाना जाता है।
- प्रशासनिक क्षेत्र खासकर रेलवे सेक्टर में इनका योगदान महत्वपूर्ण था।
- संविधान का अनुच्छेद 366(2) के अनुसार वह व्यक्ति एंग्लो इण्डियन होगा, जिसके पिता दादा या परदादा यूरोपीय हों।
- अनुच्छेद 330 में लोकसभा में SC और ST के लिए सीटों का आरक्षण
- अनुच्छेद 331 में लोकसभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।
- वर्तमान समय में लोकसभा में 545 सदस्य लोकसभा के सदस्य बनते हैं। इसमें से 543 सदस्य निर्वाचित होते हैं एवं 2 सीटें नोमिनेटेड होती है। इसी 543 में से 84 सीटें SC के लिए एवं 47 सीटें ST के लिए आरक्षित होती हैं।
- 14 राज्यों में से एंग्लो इण्डियन समुदाय के लोगो का प्रतिनिधित्व दिया जाता है। AP, BR, CHH, GJ, JH, KR, KRL, MP, MH, TLG, TML, UP, UT, WB)
- अनुच्छेद 333 में राज्यों में विधानसभा में एंग्लो सदस्यों के विषय में प्रावधान किया गया है।
मानोनित 2 सीटों को समाप्त करने का प्रावधान क्यों ?
- संख्या कम हो रही है। आजादी के समय जनसंख्या लगभग 20 लाख थी लेकिन अब यह 3 लाख से 10 लाख तक सिमट गयी है।
- यह समुदाय आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है।
- 17वीं लोकसभा के बाद एंग्लो इण्डिया के किसी सदस्य को मानोनीत नहीं किया गया था।
- अनुच्छेद 334 के आरक्षण 10 वर्ष के लिए था लेकिन बार- बार इस अवधि को बढ़ाया जाता रहा।
एशियन इलेफेण्ट स्पेशलिस्ट ग्रुप (ASESG)
- IUCN के इस स्पेशलिस्ट ग्रुप की 10 वीं बैठक SABAH मलेशिया में आयोजित हुई।
- किन किन मुद्दों पर चर्चा हुई ?
- सदस्य देशों द्वारा हाथियों के संरक्षण के राष्ट्रीय प्रयास पर
- संरक्षरण की उत्तम विधियों पर
- तस्करी एवं शिकार से निपटने की विधि पर
- पालतू हाथियों का संरक्षण कैसे और बढ़ाया जाये।
- अफ्रिका में हाथियों का संरक्षण जिस तरह किया गया है, उसे किस तरह अन्य क्षेत्रों में विस्तृत किया जा सकता है।
- यह ऐसे लोगों को मंच पर लाने का प्रयास है जो हाथियों का संरक्षण करना चाहता है या संरक्षण का तरीका उन्हें पता है।
- हाथियों का संरक्षण, उनकी संख्या में वृद्धि
- 9000 से अधिक दुनियाभर में फैले वालण्टियर स्पेशीज सर्वाइवल कमीशन से जुड़े हैं। । ASESG भी एक भाग है स्पेशीज सर्वाइवल कमीशन का। इस कमीशन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण करना है।
- GAJAH वर्ष में दो बार एक जर्नल प्रकाशित किया जाता है। इस ग्रुप के द्वारा
- इसमें हाथियों की संख्या एवं उनके संरक्षण के तरीकों की चर्चा होती है।
एशियन एलिफेण्ट
- इन्हें एशियाटिक एलिफेण्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय प्रायद्वीप एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में पाये जाते हैं।
- भारत, नेपाल, श्रीलंका, बोर्नियों एवं सुमात्रा प्रमुख निवास क्षेत्र हैं।
- यह IUCN की सूची में म्दकंदहमतमक कैटगरी में आते हैं।
- संख्या में कमी का मुख्य कारण आवास क्षति, शिकार, तस्करी, मानव-पशु संघर्ष है।
- वर्तमान में इनकी संख्या 40-50 हजार के बीच है जो कि बहुत कम है।
Bharat Bond Exchange Traded Fund (BBETF)
- आर्थिक मामलों केबिनेट समिति ने BBETF की अनुमति दे दी है।
- Bond से तात्पर्य एवं ऐसे लिगल इन्स्ट्रुमेंट से होता है जिसके ऋण लिया एवं दिया जाता है।
- भारत बॉण्ड भारत का पहला कॉर्पोरेट बॉन्ड होगा ।
- बहुत सी सरकारी कम्पनियों को एवं सस्थाओं को भी समय समय पर धन की आवश्यकता होती है।
- ETF दरअसल एक प्रकार का बास्केट होगा जो सभी कम्पनियों एवं संस्थाओं की आवश्यकता की पूर्ति करेगा।
- आवश्यक राशि को छोटे-छोटे यूनिट में विभाजित कर दिया जायेगा।
- एक यूनिट की कीमत कम से कम 1000 रू. होगा।