(इनफोकस - InFocus) राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम - एनएसीडीपी (National Animal Disease Control Programme - NADCP)
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
- सुर्ख़ियों में क्यों?
- राष्ट्रीय पशु नियंत्रण कार्यक्रम के मुख्य बिन्दू
- कार्यक्रम का उद्देश्य और वित्पोषण
- पशुओं में होने वाले रोग
सुर्ख़ियों में क्यों?
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 सितंबर 2019 को 'राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण' कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य पशुरोगों का नियंत्रण और उन्मूलन करना है।
- इस अवसर पर राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई।
राष्ट्रीय पशु नियंत्रण कार्यक्रम के मुख्य बिन्दू
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर-प्रदेश के मथुरा में किया गया।
- यह योजना पशुओं में होने वाली मुहंपका,खुरपका,ब्रुसेलोसिस और माल्टा ज्वर जैसे रोगों के निदान के लिए समर्पित है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत पशु-रोगों के उन्मूलन हेतु 500 मिलियन से अधिक पशुओं के टीकाकरण का उद्देश्य रखा गया है।
- माल्टा-ज्वर से बचाव हेतु प्रत्येक साल दुधारू पशुओं के 36 मिलियन मादा बच्चों के टीकाकरण का भी लक्ष्य है।
कार्यक्रम का उद्देश्य और वित्पोषण
- केंद्रीय बजट में किसानों की आय को दोगुना करने का प्रस्ताव था।
- यह कार्यक्रम किसान-आय को दोगुना करने की दिशा में एक कदम है।
- गौरतलब है कि पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार रोग के कारण उनकी उत्पादन क्षमता दुष्प्रभावित होती है।
- इस योजना का लक्ष्य करोड़ों किसानों को आर्थिक फायदा पहुँचाना और मवेशियों की सेहत में सुधार करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 तक पशु रोगों पर नियंत्रण करना है।
- साथ ही वर्ष 2030 तक पशु-रोगों का उन्मूलन करना भी है।
- इस कार्यक्रम का शत-प्रतिशत वित्-पोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जायेगा।
- केंद्र सरकार द्वारा वितीय वर्ष 2019 -2024 हेतु 12,652 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
पशुओं में होने वाले रोग
- खुरपका मुंहपका रोग गाय,भैंस, बकरी, सूअर इत्यादि में होने वाला एक संकामक रोग है।
- खुरपका मुंहपका रोग विषाणु जनित रोग है जो पशुओं में तेज़ी से फैलता है।
- इस रोग के कारण पशु ज्वर से पीड़ित हो जाते हैं।
- कुछ ही समय में यह रोग एक झुण्ड या पूरे गाँव के अधिकतर पशुओं को संक्रमित कर देता है।
- खुरपका मुंहपका रोग दुधारू गाय एवं भैंस में अधिक नुक्सान-दायक होती है।
- यह संक्रमण पशुओं से मनुष्यों में भी फैलता है।
- इस रोग से पशुधन उत्पादन में भारी कमी आ जाती है।
- साथ ही देश से पशु-उत्पादों के निर्यात पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- वही पशुओं में होने वाले ब्रुसेलोसिस रोग के कारण पशुओं का गर्भपात हो जाता है जिससे किसान को बड़े पैमाने पर आर्थिक हानि होती है।