(इनफोकस - InFocus) वैश्विक प्रवासन रिपोर्ट, 2020 (Global Migration Report 2020)
सुर्खियों में क्यों हैं?
- संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी संगठन (International Organization for Migration) द्वारा वैश्विक प्रवासन रिपोर्ट, 2020 (Global Migration Report, 2020) जारी की गयी। यह रिपोर्ट प्रत्येक दो वर्ष में जारी की जाती है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में प्रवासियों की संख्या साल 2019 के अंत तक बढ़कर 27 करोड़ हो जाने का अनुमान है।
- यह आँकड़ा पूरी दुनिया की जनसंख्या (Population) का एक छोटा हिस्सा मात्र है। 2018 के मुकबले मात्र 0.1% की वृद्धि देखी गई है, जो पूरी दुनिया की जनसंख्या का मात्र 3.5% है।
- दुनिया की 96.5% जनसंख्या अब भी उसी देश में रह रही है, जहाँ वह पैदा हुई थी।
- संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार कुल अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की लगभग आधी से भी ज्यादा संख्या करीब 14 करोड़ 10 लाख प्रवासी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में रहते हैं। इनमें से करीब 16 करोड़ 40 लाख यानी दो-तिहाई प्रवासी रोजगार की तलाश में हैं।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब भी ज्यादातर प्रवासियों हेतु सबसे अच्छी जगह अमेरिका बनी हुई है। अमेरिका में फिलहाल लगभग 5.1 करोड़ प्रवासी लोग रहते हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार भारत के सबसे अधिक 1.75 करोड़ प्रवासी विदेशों में कार्यरत हैं। इसके बाद मैक्सिको का स्थान आता है, जहाँ के 1.18 करोड़ लोग और चीन के 1.07 करोड़ प्रवासी अन्य देशों में कार्यरत हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार धन प्रेषण के मामले में इस सूची में 167.4 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर है। वहीं, 35.7 अरब डॉलर के साथ मेक्सिको तीसरे स्थान पर है।
- वैश्विक प्रवासन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक प्रवासियों के माध्यम से धन प्रेषण करने वाले देशों में अमेरिका (68 बिलियन डॉलर) पहले स्थान पर है। इसके बाद यूएई (44.4 बिलियन डॉलर) और सऊदी अरब 36.1 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर है।
धन प्रेषण के संबंध में भारत
- विदेशों में रह रहे देशवासियों द्वारा भेजी गयी रकम प्राप्त करने वाले देशों में भारत पहले स्थान पर बना हुआ है। भारतीय प्रवासियों ने साल 2018 में करीब 78.6 अरब डॉलर की राशि देश में भेजी जिसे औसतन हर प्रवासी भारतीय से 3.15 लाख रुपये मिलते हैं।
- वैश्विक प्रवासन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक 2015 में भारत को 68.91 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस मिला था, जिसके मुकाबले 2018 में भारत को मिले रेमिटेंस में 14% की बढ़ोतरी हुई।
विस्थापन और संघर्ष में संबंध
- रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य अफ्रीकी गणराज्य, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (DRC), म्यांमार, दक्षिण सूडान, सीरिया और यमन में चल रहे संघर्ष और हिंसा के कारण पिछले दो वर्षों में बड़े पैमाने पर आंतरिक विस्थापन हुआ है।
- सीरिया में आंतरिक विस्थापितों की सबसे अधिक जनसंख्या 61 लाख है, उसके बाद कोलम्बिया 58 लाख और डीआरसी 31 लाख है।
- लगभग 9 वर्षों के संघर्ष के बाद सीरिया अब भी सबसे ज्यादा शरणार्थियों वाला देश है जिनमें कुछ आंतरिक शरणार्थी हैं और कुछ अन्य देशों में चले गए हैं।
- विश्व भर में कुल 2 करोड़ 60 लाख शरणार्थियों में से 60 लाख से अधिक सीरिया से और लगभग 25 लाख अफगानिस्तान से आते हैं।
- जलवायु और मौसमी आपदाओं से प्रभावित विस्थापन मे फिलीपींस मे आये तूफान मांगखुत (Mangkhut) के कारण 2018 के अंत में 38 लाख लोग विस्थापित हुए, जो विश्व स्तर पर सबसे बड़ी विस्थापन संख्या है।
- अफ्रीका, एशिया और यूरोप में, अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी अपने जन्मस्थानों में ही रहते हैं, लेकिन लैटिन अमेरिका और कैरेबियन और उत्तरी अमेरिका के अधिकांश प्रवासी बाहर निकल जाते हैं।
- मध्य पूर्व के आँकड़ों से पता चला है कि अस्थाई श्रमिक प्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या खाड़ी देशों में रहती है जोकि दुनिया भर की सबसे ज्यादा है। उसमें भी लगभग 90 प्रतिशत संख्या संयुक्त अरब अमीरात में रहती है।