(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) आखिर क्यों नहीं हटना चाहता चीन हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से? (Why doesn't China want to move away from Hot Spring and Gogra Post?)
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद किसी भी हाल में सुलझती नहीं दिख रही है। लगभग एक साल पहले पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक खूनी झड़प हुआ था। इस एक साल में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया। हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई ग्यारहवीं दौर की वार्ता के दौरान चीन ने हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से पीछे हटने से इनकार कर दिया. यही नहीं, उसने यह तक कह दिया था कि भारत को अभी तक जो कुछ मिला है वह उसी से खुश रहे।
डीएनएस में आज हम आपको हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट के बारे में बताएंगे और साथ ही समझेंगे इससे जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण पक्षों को भी
वैसे तो भारत चीन के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है लेकिन अभी हालिया LAC विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था. उस वक्त चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद, भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने की वजह से सैन्य गतिरोध पैदा हो गया। इतना ही नहीं, बाद में चीनी सैनिक नौ मई को सिक्किम के नाथू ला में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं। फिर 15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
इस तरह के संघर्ष को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य स्तर पर वार्ता हुई. इस बार ग्यारहवीं दौर की वार्ता के बाद चीन ने हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से अपने सैनिक पीछे हटाने से मना कर दिया। इससे देपसांग प्लेन समेत इन इलाके के सैनिकों की तैनाती दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बन रही है। दरअसल चीन ने पहले तो हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17 ए से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए सहमति जताई थी, लेकिन बाद में इनकार कर दिया।
बता दें कि, फरवरी में पैंगोंग त्सो और कैलाश रेंज के उत्तर और दक्षिण तट पर से दोनों देशों ने अपने सैनिक पीछे हटा लिए थे। पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर चार और फिंगर आठ के बीच दोनों पक्षों की तरफ से पेट्रोलिंग पर अस्थायी रोक लगाई गई थी। शुरुआत में, दोनों देशों के बीच तनाव शुरू होने के दो-तीन साल पहले से भारत फिंगर आठ तक नहीं पहुंच पाया है जो एलएसी को दर्शाती है। देसपांग प्लेंस के बिल्कुल उत्तरी इलाके में स्थित बॉटलनेक पर चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं। इस कारण भारतीय सैन्य टुकड़ियां पेट्रोलिंग पॉइंट्स 10, 11, 11ए, 12 और 13 तक नहीं जा पा रही हैं जहां वो परंपरागत तौर पर पहरेदारी करती रही थीं। देसपांग प्लेंस काराकोरम दर्रे के पास स्थित दौलत बेग ओल्डी के करीब है जहां भारत ने अपना स्ट्रेटिजिक बेस बना रखा है। दरअसल ये इलाके भारत और चीन, दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। चीनी सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग और कोंगका ला क्षेत्र से इलाके में तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में रसद पहुंचा पाती है।